दूसरों के साथ पारिवारिक सुख का रहस्य बाँटना
मानव समाज की मूल इकाई परिवार है, और परिवार से गाँव, शहर, राज्य, और पूरे-के-पूरे राष्ट्र बनते हैं। आज पारिवारिक इकाई पर पहले से कहीं ज़्यादा दबाव है। प्रभावशाली शक्तियाँ कार्यरत हैं जो पारिवारिक जीवन के अस्तित्त्व को ख़तरे में डाल रही हैं। हम कितने शुक्रगुज़ार हैं कि पारिवारिक प्रबंध के रचयिता, यहोवा ने हमारे लिए उपदेश दिए हैं ताकि हम पारिवारिक ख़ुशी प्राप्त कर सकें! उसके मार्गदर्शन का पालन करनेवाले लोग पाते हैं कि समस्याएँ न के बराबर हो जाती हैं और अंजाम एक सफल पारिवारिक इकाई होता है। सितंबर के दौरान हमारे पास दूसरों के साथ पुस्तक पारिवारिक सुख का रहस्य बाँटने का विशेषाधिकार है। पारिवारिक जीवन के विषय पर लोगों से बात छेड़ने की पहल कीजिए। दोस्ताना व सकारात्मक रहिए, और समझदारी से काम लीजिए। आप क्या कह सकते हैं?
२ आप एक सवाल उठाने के द्वारा शुरू कर सकते हैं, जैसे:
◼ “क्या आपने ग़ौर किया है कि अनेक परिवार जीवन के दबावों को सहना मुश्किल पा रहे हैं? [प्रतिक्रिया के लिए रुकिए।] रिपोर्टें दिखाती हैं कि अनेक लोग घर पर मुश्किलातों का अनुभव करते हैं। आपके विचार से कौन-सी बात परिवारों को ज़्यादा स्थिरता और ख़ुशी पाने में मदद करेगी? [प्रतिक्रिया के लिए रुकिए।] चूँकि परमेश्वर ने पारिवारिक प्रबंध की स्थापना की है, तो उसके दिए हुए मार्गदर्शनों की जाँच करना क्या तर्कसंगत न होगा? [२ तीमुथियुस ३:१६, १७ पढ़िए।] ऐसे लाभप्रद उपदेश इस पुस्तक, पारिवारिक सुख का रहस्य में दिए गए हैं।” इसके बाद उस व्यक्ति से पूछिए कि उसके विचार से एक आम पारिवारिक समस्या क्या है, उस समस्या की चर्चा करनेवाला अध्याय दिखाइए, और पुस्तक पेश कीजिए।
३ पुनःभेंट पर, आप बाइबल अध्ययन शुरू करने के मक़सद से शायद ऐसा कहें:
◼ “पारिवारिक जीवन के विषय पर आपने जो कहा था, उस पर मैंने विचार किया, और मैं आपके लिए कुछ लाया हूँ जिसका, मेरे ख़्याल से आप आनंद उठाएँगे। [माँग ब्रोशर दिखाइए, पृष्ठ १६ निकालिए, और ऊपर दिए गए छः सवालों को पढ़िए।] स्पष्टतया, परिवार के हर सदस्य को परिवार की ख़ुशी में योगदान देने के लिए अपना भाग अदा करना चाहिए। यदि आप कुछ क्षण बिता सकते हैं तो मैं आपको यह प्रदर्शित करके दिखा सकता हूँ कि आप कैसे इस जानकारी से ज़्यादा से ज़्यादा लाभ उठा सकते हैं।” तब पाठ ८ का अध्ययन करना चालू कीजिए।
४ चर्चा शुरू करने का एक और तरीक़ा है किसी समस्या का ज़िक्र करना, शायद यह कहने के द्वारा:
◼ “हालाँकि सभी जन संतुष्टि व तृप्ति का बोध महसूस करना चाहते हैं, ऐसा लगता है कि अनेक परिवार वास्तव में इसमें सफल नहीं हुए हैं। आपके विचार से कौन-सी बात उन्हें सच्ची ख़ुशी पाने में मदद करेगी? [प्रतिक्रिया के लिए रुकिए।] काफ़ी समय पहले, बाइबल ने प्रकट किया कि आज परिवार किस-किस प्रकार की समस्याओं का सामना करेंगे। [२ तीमुथियुस ३:१-३ पढ़िए।] लेकिन, बाइबल परिवारों को यह भी बताती है कि इन समस्याओं को हल करने व स्थायी ख़ुशी पाने के लिए उन्हें क्या करना है। इसके सिद्धांत इस पुस्तक, पारिवारिक सुख का रहस्य में दिए गए हैं।” फिर उपयुक्त अध्याय के अंत में दिया गया पुनर्विचार बक्स दिखाइए, उसे पढ़िए, और पुस्तक पेश कीजिए।
५ जब आप वापस जाते हैं, तो अध्ययन शुरू करने के लिए “माँग” ब्रोशर का इस्तेमाल कीजिए। आप कह सकते हैं:
◼ “मुझे ख़ुशी हुई कि आपने पारिवारिक जीवन पर लागू होनेवाले बाइबल के सिद्धांतों की जाँच करने की इच्छा व्यक्त की है। अनुभव से दिखा है कि सर्वोत्तम परिणाम, बाइबल में पायी गयी व्यावहारिक सलाह का पालन करने पर मिलता है। ऐसा क्यों है इसकी एक सरल व्याख्या पेश है।” माँग ब्रोशर के पाठ १ का पहला अनुच्छेद पढ़िए, और इसमें या तो भजन १:१-३ अथवा यशायाह ४८:१७, १८ शामिल कीजिए। यदि अवसर ठीक हो, तो शेष पाठ पर भी विचार कीजिए। अगला पाठ साथ मिलकर अध्ययन करने के लिए वापस आने का प्रस्ताव रखिए।
६ ऐसे लोगों से बात करते वक़्त जिनका विश्वास तो पक्का है, लेकिन ज़रूरी नहीं कि वे बाइबल की सलाह की क़दर करें, आप इस प्रकार एक संक्षिप्त प्रस्तुति दे सकते हैं:
◼ “अधिकांश लोग, चाहे उनका धार्मिक विश्वास कुछ भी क्यों न हो, इससे सहमत होते हैं कि आज परिवार काफ़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। सलाह के लिए कुछ लोग अपने पवित्र शास्त्र की ओर मुड़ते हैं, लेकिन अफ़सोस की बात है कि अनेक युवजन आज धार्मिक लेखनों को असंबद्ध समझते हैं। क्या आप सोचते हैं कि हमारे सृष्टिकर्ता ने हमें कुछ उपदेश दिया होगा कि हम अपना जीवन सर्वोत्तम तरीक़े से कैसे चला सकते हैं? यह प्रकाशन आपको दिखाएगा कि परमेश्वर व धर्म पर विचार करना कितना महत्त्वपूर्ण है, पारिवारिक जीवन से संबंधित मामलों में भी।” पुस्तक पेश कीजिए।
७ या आप शायद बस यूँ कहें:
◼ “संसार-भर में, पारिवारिक समस्याएँ बढ़ रही हैं और समाज के ज़िम्मेदार सदस्य इस बारे में बहुत चिंतित हैं। मैं चाहूँगा कि आप यह प्रकाशन स्वीकारें जो पूरी दुनिया में सभी के लिए उपयोगी साबित हुआ है, चूँकि इसने लोगों को अपने परिवार के फ़ायदे के लिए कुछ सर्वव्यापी सिद्धांतों को लागू करने में मदद दी है। इसकी टिप्पणियाँ केवल एक धर्म या संस्कृति के लोगों के लिए नहीं हैं, सो मुझे यक़ीन है कि आपकी निजी राय चाहे जो भी हो, आप इस पुस्तक में व्यावहारिक सुझाव पाएँगे।”
८ आइए हम दूसरों के साथ वह रहस्य—परमेश्वर के वचन में दिए गए उपदेश का पालन करना—बाँटने के लिए, जो पारिवारिक ख़ुशी की ओर ले जाता है, अपना भरसक प्रयास करें।—भज. १९:७-१०.