विद्यार्थियों को हमारे नाम के पीछे के संगठन की ओर निर्दिष्ट करना
“यह संदेश २०० से भी ज़्यादा भाषाओं में सुनाया जाता है। यह संदेश २१० से भी ज़्यादा देशों में सुना जाता है। यह संदेश जहाँ कहीं भी लोग पाए जाते हैं, वहाँ व्यक्तिगत रूप से पहुँचाया जाता है। यह सब संसार में अब तक चलाए गए सबसे बड़े प्रचार अभियान का एक भाग है, ऐसा संदेश जो दुनिया-भर में लाखों को संयुक्त करता है। यहोवा के साक्षी सौ से भी अधिक सालों से इस कार्य को पूरा करने के लिए संगठित किए गए हैं!”
२ वीडियो यहोवा के साक्षी—इस नाम के पीछे का संगठन (अंग्रेज़ी) का वर्णन यों शुरू होता है। यह फिर इन सवालों का जवाब देता है: यहोवा के साक्षी वास्तव में कौन हैं? उनका कार्य कैसे संगठित, और निर्देशित किया जाता है? इसका अर्थप्रबन्ध कैसे किया जाता है? यह देखनेवालों पर इस सत्य का प्रभाव डालता है कि “दुनिया-भर में यहोवा के साक्षियों को एक संगठन के तौर पर प्रशिक्षित किया गया है ताकि वे बाइबल में विश्वास बढ़ाने के लिए अपने पड़ोसियों की मदद करें,” और यह उनको प्रोत्साहित करता है कि वे ख़ुद हमारे नाम के पीछे के संगठन को देखें। इस वीडियो को देखने के पश्चात्, अध्ययन करनेवाली एक स्त्री ख़ुशी और क़दरदानी के मारे रो पड़ी और बोली: “यह कैसे हो सकता है कि व्यक्ति यह न देख पाए कि यही सच्चे परमेश्वर, यहोवा का संगठन है?”—१ कुरिन्थियों १४:२४, २५ से तुलना कीजिए।
३ एक और महिला ने रुक-रुक कर काफ़ी समय तक बाइबल का अध्ययन किया था, लेकिन वह इस तथ्य को निगल नहीं पाई कि त्रियेक एक झूठा सिद्धांत है। फिर उसे और उसके पति को हमारा वीडियो दिखाया गया। वे प्रस्तुति से बहुत ही प्रभावित हुए और उसी रात उन्होंने इस वीडियो को दो बार देखा। उनके अगले अध्ययन में, पत्नी ने साक्षी बनने की अपनी इच्छा ज़ाहिर की। उसने कहा कि वह त्रियेक के अपने विश्वास पर ही ध्यान केंद्रित कर रही थी और हमारे संगठन और इसके लोगों को देखने से चूक गयी थी। इस वीडियो से उसे एहसास हुआ कि उसे परमेश्वर का सच्चा संगठन मिल गया था। वह फ़ौरन घर-घर का प्रचार कार्य शुरू करना चाहती थी। उसको यह समझाने के बाद कि एक बपतिस्मा-रहित प्रकाशक बनने के लिए कौन-से ज़रूरी क़दम हैं, उसने कहा: “चलिए, हम शुरू हो जाएँ।” उसने अपने गिरजे से इस्तीफ़ा दे दिया, क्षेत्र सेवा कार्य शुरू किया, और त्रियेक को ग़लत साबित करने में वह माहिर हो गयी।
४ यह अच्छी तरह से सिद्ध हो गया है कि बाइबल विद्यार्थी जब यहोवा के संगठन को जान जाते हैं और इसके साथ संगति करते हैं, तब वे बेहतर आध्यात्मिक प्रगति करते हैं और प्रौढ़ता की ओर ज़्यादा शीघ्रता से बढ़ते हैं। उल्लेखनीय रूप से, पिन्तेकुस्त में ३,००० लोगों का बपतिस्मा होने के बाद, “वे प्रेरितों से शिक्षा पाने, और संगति रखने में . . . लौलीन रहे।” (प्रेरि. २:४२) यह अनिवार्य है कि हम आज विद्यार्थियों को वैसा ही करने में मदद करें। हम ऐसा कैसे कर सकते हैं?
५ ज़िम्मेदारी संभालिए: हरेक शिष्य बनानेवाले को इस बात का एहसास होना चाहिए कि यह उसकी ज़िम्मेदारी है कि वह बाइबल विद्यार्थी को परमेश्वर के संगठन की ओर निर्दिष्ट करे। (१ तीमु. ४:१६) हर अध्ययन सत्र को उस हर्षमय दिन की ओर एक पहला क़दम समझा जाना चाहिए जब वह नया व्यक्ति यहोवा के प्रति अपने समर्पण को पानी में बपतिस्मे के द्वारा प्रदर्शित करेगा। बपतिस्मा प्रक्रिया के दौरान उससे पूछा जानेवाला एक सवाल है: “क्या आप इस बात को समझते हैं कि आपका समर्पण और बपतिस्मा परमेश्वर के आत्मा-निर्दिष्ट संगठन की संगति में यहोवा के एक साक्षी के तौर पर आपकी पहचान कराते हैं?” अतः, यह महत्त्वपूर्ण है कि वह इस बात को समझे कि वह सच्ची मसीही कलीसिया के साथ सक्रिय रूप से संगति किए बिना परमेश्वर की सेवा नहीं कर सकता।—मत्ती २४:४५-४७; यूह. ६:६८; २ कुरि. ५:२०.
६ स्थानीय कलीसिया और यहोवा के साक्षियों के पीछे के अंतरराष्ट्रीय संगठन के बारे में विद्यार्थियों को शिक्षा देना जारी रखिए। पहले सत्र से शुरू करते हुए, हर बाइबल अध्ययन सत्र में ऐसा कीजिए। एकदम शुरू से ही, विद्यार्थी को सभाओं में आने के लिए आमंत्रित कीजिए, और उसे आमंत्रित करना जारी रखिए।—प्रका. २२:१७.
७ दिए गए औज़ारों को इस्तेमाल कीजिए: गृह बाइबल अध्ययन संचालित करने में इस्तेमाल करने के लिए हमारे सर्वोत्तम प्रकाशन हैं परमेश्वर हमसे क्या माँग करता है? ब्रोशर और ज्ञान जो अनन्त जीवन की ओर ले जाता है पुस्तक। कलीसिया के साथ संगति करने की ज़रूरत को दोनों विशिष्ट करते हैं। माँग ब्रोशर के पाठ ५ के अंत में यह लिखा है: “आपको यहोवा के बारे में सीखते रहने की और उसकी माँगों को पूरा करने की ज़रूरत है। यहोवा के साक्षियों के स्थानीय राज्यगृह की सभाओं में उपस्थित होना आपको ऐसा करने में मदद देगा।” ज्ञान पुस्तक विद्यार्थी को सभाओं में संगति करने के लिए बार-बार प्रोत्साहित करती है। अध्याय ५, अनुच्छेद २२ यह आमंत्रण देता है: “यहोवा के साक्षी . . . उनके साथ ‘आत्मा और सच्चाई से’ परमेश्वर की उपासना करने के लिए आपसे हार्दिक अनुरोध करते हैं। (यूहन्ना ४:२४)” अध्याय १२, अनुच्छेद १६ यों कहता है: “जैसे-जैसे आप इस अध्ययन को जारी रखते हैं और यहोवा के साक्षियों की सभाओं में उपस्थित होना अपनी आदत बनाते हैं, आपका विश्वास और भी मज़बूत होगा।” अध्याय १६, अनुच्छेद २० यों कहता है: “यहोवा के साक्षियों की सभाओं में उपस्थित होना अपनी आदत बनाइए।” यह आगे कहता है: “यह आपको परमेश्वर का ज्ञान समझने में और फिर उसे अपने जीवन में लागू करने में मदद देगा और आपके लिए ख़ुशी लाएगा। विश्वव्यापी मसीही भाईचारे का भाग होना यहोवा के निकट रहने में आपकी मदद करेगा।” अध्याय १७ अच्छी तरह से चर्चा करता है कि कैसे एक व्यक्ति परमेश्वर के लोगों के बीच सच्ची सुरक्षा पाता है। जैसे-जैसे हम दूसरों के साथ अध्ययन करते हैं, विषय के इन भागों पर ज़ोर देना हमारी ज़िम्मेदारी है।
८ यहोवा के गवाह—विश्व भर में संयुक्त रूप से परमेश्वर की इच्छा पूरी करते हैं ब्रोशर एक उत्तम साधन है जिसे व्यक्तियों को उस एकमात्र दृश्य संगठन से वाक़िफ़ कराने के लिए बनाया गया है जिसे यहोवा आज अपनी इच्छा पूरी करने के लिए इस्तेमाल कर रहा है। हमारी सेवकाई, सभाओं, और संगठन के बारे में जो विस्तृत जानकारी इसमें दी गयी है, यह पाठक को हमारे साथ परमेश्वर की उपासना करने के लिए संगति करने को प्रोत्साहित करेगी। एक बार जब बाइबल अध्ययन स्थापित हो जाता है, यह सिफ़ारिश की जाती है कि हम विद्यार्थी को इस ब्रोशर की एक प्रति दें ताकि वह इसे ख़ुद पढ़ सके। जैसे पहले किया जाता था वैसे उसके साथ इसका अध्ययन करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
९ जिन वीडियो को संस्था ने बनाया है, उनमें से कुछ वीडियो विद्यार्थी को हमारे नाम के पीछे के संगठन की ओर निर्दिष्ट करने के लिए अत्युतम साधन हैं। यह अच्छा होगा यदि वे निम्नलिखित देख सकें, (१) नया संसार संस्था कार्य में, (अंग्रेज़ी), १९५४ की फ़िल्म की समीक्षा जिसने उस मधुर, कुशल, और प्रेममय भावना को व्यक्त किया जिससे यहोवा का संगठन कार्य करता है; (२) पृथ्वी की छोर तक, (अंग्रेज़ी), जिसने वॉचटावर बाइबल स्कूल ऑफ़ गीलियड की ५०वीं सालगिरह को चिन्हित किया और विश्वव्यापी प्रचार कार्य पर मिशनरियों का जो प्रभाव पड़ा है उसे दिखाया; (३) यहोवा के साक्षी नात्सी आक्रमण के सम्मुख दृढ़ रहते हैं, (अंग्रेज़ी), जो हिटलर की क्रूर सताहट का सामना करते वक़्त साक्षियों के साहस और विजय की रोमांचक कहानी बताता है; (४) ईश्वरीय शिक्षा द्वारा संयुक्त, (अंग्रेज़ी), जो उस शांतिमय एकता की जाँच करता है जो पूर्वी यूरोप, दक्षिण अमरीका, अफ्रीका, और एशिया में हुए हमारे अंतरराष्ट्रीय अधिवेशनों में प्रदर्शित की गयी, और, जी हाँ, (५) यहोवा के साक्षी—इस नाम के पीछे का संगठन। ये अंतिम दो वीडियो भारत में उपलब्ध हैं और इन्हें कलीसिया के ज़रिए मँगाया जा सकता है, लेकिन अनेक भाइयों ने बाक़ी तीन की प्रतियाँ व्यक्तिगत रूप से बाहरी देशों से प्राप्त की हैं और संगठन की ओर बाइबल विद्यार्थियों को निर्दिष्ट करने में इनका अच्छा इस्तेमाल किया जा सकता है।
१० सभाओं के संबंध में प्रगतिशील लक्ष्य निर्धारित कीजिए: विद्यार्थियों को यह समझाया जाना चाहिए कि हमें दोनों, गृह बाइबल अध्ययन सेटिंग से मिली निजी शिक्षण और कलीसिया सभाओं से मिली कक्षा चर्चाओं की आवश्यकता है। (यूह. ६:४५) एक नए व्यक्ति को शास्त्र तथा संगठन, दोनों के बारे में अपनी समझ में एकसमान प्रगति करने की ज़रूरत है। ऐसा करने के लिए, सभाओं में उपस्थित होने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। (इब्रा. १०:२३-२५) फ़ौरन उस व्यक्ति को कलीसिया सभाओं में आमंत्रित करना शुरू कीजिए। कुछ नए-नए दिलचस्पी रखनेवाले व्यक्ति एक नियमित गृह बाइबल अध्ययन शुरू करने से पहले ही सभाओं में उपस्थित होने लगते हैं। निःसंदेह, ख़ुद नियमित रूप से उपस्थित होने के द्वारा हम उचित आदर्श रखना चाहेंगे।—लूका ६:४०; फिलि. ३:१७.
११ सभाओं के बारे में तथा वे कैसे संचालित की जाती हैं, इसके बारे में पर्याप्त जानकारी दीजिए ताकि जब विद्यार्थी पहली बार सभा में उपस्थित होता है तो वह अजीब महसूस नहीं करेगा। चूँकि कुछ लोग पहली बार किसी नयी जगह जाने पर बहुत ही बेचैन महसूस करते हैं, इसलिए जब विद्यार्थी पहली सभा में उपस्थित होता है तो उसके साथ राज्यगृह जाना फ़ायदेमंद हो सकता है। वह ज़्यादा सहज महसूस करेगा जब कलीसिया के सदस्यों के साथ मिलते वक़्त आप उसके साथ होंगे। सबसे बढ़कर, अपने मेहमान के लिए अच्छा मेज़बान होइए, और उसे स्वागत और सहज महसूस करवाइए।—मत्ती ७:१२; फिलि. २:१-४.
१२ पहला मौक़ा मिलते ही एक ख़ास सम्मेलन दिन, सर्किट सम्मेलन, या ज़िला अधिवेशन में उपस्थित होने के लिए विद्यार्थी को प्रोत्साहित कीजिए। जो यातायात के प्रबंध आप अपने लिए करेंगे, उसमें आप शायद उसे शामिल कर सकते हैं।
१३ हृदय में हार्दिक मूल्यांकन बिठाइए: अपनी सेवकाई को पूरा करने के लिए संगठित, (अंग्रेज़ी) का पृष्ठ ९२ समझाता है: “यदि यहोवा के संगठन के लिए आपका ख़ुद का गहरा मूल्यांकन दिलचस्पी रखनेवालों के साथ आपकी बातचीत में व्यक्त होता है, तो ख़ुद अपने मूल्यांकन को बढ़ाना उनके लिए आसान होगा और यह उन्हें यहोवा को जानने में और ज़्यादा उन्नति करने के लिए प्रेरित करेगा।” अपनी स्थानीय कलीसिया के बारे में हमेशा सकारात्मक बात कहिए, नकारात्मक कभी नहीं। (भज. ८४:१०; १३३:१, ३ख) बाइबल अध्ययन के समय जो प्रार्थना आप करते हैं, उनमें कलीसिया का और विद्यार्थी की कलीसिया के साथ नियमित रूप से संगति करने की ज़रूरत का ज़िक्र कीजिए।—इफि. १:१५-१७.
१४ हम निश्चय ही चाहते हैं कि नए जन परमेश्वर के लोगों में पायी जानेवाली आनन्ददायी सहचारिता और आध्यात्मिक सुरक्षा के लिए हार्दिक मूल्यांकन विकसित करें। (१ तीमु. ३:१५; १ पत. २:१७; ५:९) यहोवा के साक्षियों के तौर पर, परमेश्वर के वचन के विद्यार्थियों को अपने नाम के पीछे के संगठन की ओर निर्दिष्ट करने के लिए आइए हम अपना भरसक करें।
[पेज 3 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]
विद्यार्थी ज़्यादा तेज़ आध्यात्मिक प्रगति करते हैं जब वे संगठन को ख़ुद देखते हैं
[पेज 4 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]
विद्यार्थियों को सभाओं में उपस्थित होने के लिए आमंत्रित करने में विलंब मत कीजिए