पायनियरों द्वारा सहायता
यीशु ने कहा: “पक्के खेत बहुत हैं; परन्तु मजदूर थोड़े हैं: इसलिये खेत के स्वामी से बिनती करो, कि वह अपने खेत काटने को मजदूर भेज दे।” क्योंकि पहली सदी में मज़दूर कम थे और उन्हें बड़े क्षेत्र में काम करना था, इसलिए यीशु उन्हें अकेला ही भेज सकता था ताकि वे सुसमाचार लेकर ज़्यादा-से-ज़्यादा लोगों तक पहुँच सकें। लेकिन उसने “उन्हें दो दो करके अपने आगे भेजा।” (लूका १०:१, २) दो दो करके क्यों?
२ वे चेले नए थे और उन्हें अनुभव भी नहीं था। साथ काम करने से वे एक दूसरे को प्रोत्साहित कर सकते थे और एक दूसरे से सीख सकते थे। जैसा सुलैमान कहता है कि “एक से दो अच्छे हैं।” (सभो. ४:९, १०) पिन्तेकुस्त सा.यु. ३३ में पवित्र आत्मा उँडेले जाने के बाद भी पौलुस, बरनबास और दूसरे लोग संगी विश्वासियों के साथ सेवकाई में गए। (प्रेरि. १५:३५) ऐसे काबिल भाइयों से प्रशिक्षण पाना कुछ लोगों के लिए कितना बढ़िया सुअवसर रहा होगा!
३ प्रशिक्षण देने का बढ़िया कार्यक्रम: जैसी पहली सदी की कलीसिया थी, आज की मसीही कलीसिया भी प्रचार करनेवाली एक संगठन है। यह हमें प्रशिक्षण भी देती है। हममें से हरेक की दिली इच्छा होनी चाहिए कि जितना हो सके उतने असरदार तरीके से हम सुसमाचार पेश करें। यह मदद दी जा रही है ताकि ज़्यादा-से-ज़्यादा प्रकाशक अपना कौशल बढ़ा सकें।
४ हाल ही में आयोजित राज्य सेवकाई स्कूल में संस्था ने एक कार्यक्रम की घोषणा की जिसमें क्षेत्र सेवकाई के दौरान पायनियर दूसरों की सहायता करेंगे। क्या इसकी ज़रूरत है? जी हाँ, ज़रूर है। पिछले तीन सालों में दस लाख से भी अधिक प्रकाशकों ने बपतिस्मा लिया है और प्रचार काम में अधिक कुशल होने के लिए इनमें से बहुतों को प्रशिक्षण की ज़रूरत है। इस ज़रूरत को कौन पूरा कर सकता है?
५ पूर्ण-समय के पायनियर इसमें सहायता कर सकते हैं। यहोवा का संगठन उन्हें बहुत सलाह और प्रशिक्षण देता है। दो हफ्ते के पायनियर सेवा स्कूल में पायनियरों को उनकी ज़रूरतों के मुताबिक निर्देश दिए जाते हैं। वे सर्किट और डिस्ट्रिक्ट ओवरसियरों के साथ हुई सभाओं से और प्राचीनों के मार्गदर्शन से भी लाभ पाते हैं। हालाँकि सभी पायनियर पौलुस और बरनबास जितने अनुभवी नहीं होते, तौभी उन्हें ऐसा मूल्यवान प्रशिक्षण मिला है जिसे वे खुशी से बाँटना चाहते हैं।
६ किसे लाभ होगा? क्या इस कार्यक्रम में सिर्फ नए प्रकाशक या नए-नए बपतिस्मा प्राप्त लोग ही भाग ले सकते हैं? ऐसा नहीं है! ऐसे नौजवान और बुज़ुर्ग हैं जो सालों से सत्य को जानते हैं, फिर भी उन्हें सेवकाई के किसी खास पहलू में मदद पाने में खुशी होगी। कुछ लोग किताबें देने में तो माहिर हैं लेकिन पुनःभेंट करना या बाइबल अध्ययन शुरू करना उनके लिए मुश्किल होता है। दूसरे हैं जो आसानी से बाइबल अध्ययन शुरू कर लेते हैं, पर वे पाते हैं कि उनके विद्यार्थी प्रगति नहीं कर रहे। कौन-सी बात विद्यार्थियों को आगे बढ़ने से रोकती है? अनुभवी पायनियरों से ऐसे मामलों में मदद माँगी जा सकती है। कुछ पायनियर दिलचस्पी बढ़ाने, बाइबल अध्ययन शुरू करने और नए विद्यार्थी को संगठन की ओर लाने में कुशल हैं। उनका अनुभव इस नए कार्यक्रम में बहुत काम आएगा।
७ क्या आपकी दिनचर्या ऐसी है जिससे आप कलीसिया की नियमित क्षेत्र सेवा सभाओं में जिस हद तक भाग लेना चाहते हैं उतना नहीं ले पाते? जब दूसरे प्रकाशक नहीं आ सकते उस वक्त कोई पायनियर आपके साथ काम कर सकता है।
८ अच्छा सहयोग ज़रूरी है: ‘पायनियर द्वारा सहायता’ कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए साल में दो बार प्राचीन ऐसे प्रकाशकों के लिए प्रबंध करेंगे जो व्यक्तिगत रूप से मदद चाहते हैं। अगर आप ऐसी सहायता पाने के लिए राज़ी हैं, तो जो पायनियर आपकी मदद के लिए नियुक्त किया गया है उससे मिलकर सेवकाई के लिए व्यावहारिक सारणी बनाइए और उसके अनुसार काम कीजिए। जो दिन और समय आप तय करें उसका पालन कीजिए। जब आप साथ काम करते हों तब सुसमाचार पेश करने के असरदार तरीकों पर ध्यान दीजिए। सोचिए कि क्यों कुछ तरीके ज़्यादा असरदार हैं। ऐसे सुझावों पर भी ध्यान दीजिए जो पायनियर आपको अपनी बातचीत में सुधार करने के लिए देते हैं। जब आप इन बातों पर अमल करेंगे तो सेवकाई में आपकी उन्नति स्वयं आपको और दूसरों को भी नज़र आएगी। (१ तीमुथियुस ४:१५ देखिए।) जितना ज़्यादा हो सके साथ-साथ काम कीजिए, सेवकाई के हर पहलू में हिस्सा लीजिए, अनौपचारिक गवाही में भी। लेकिन जिस क्षेत्र में आपको सुधार करने की ज़रूरत है उस पर खास ध्यान दें।
९ आप जो उन्नति करेंगे उसमें सर्विस ओवरसियर को भी दिलचस्पी है। यह जानने के लिए कि इस कार्यक्रम से आप कैसे लाभ पा रहे हैं, वह पुस्तक अध्ययन संचालक से समय-समय पर पूछताछ करेगा। इसी तरह सर्किट ओवरसियर भी आपकी कलीसिया में आने पर आपकी मदद करेगा।
१० यहोवा अपने लोगों को प्रशिक्षित करना और उन्हें “हर एक भले काम के लिये तत्पर” करना चाहता है। (२ तीमु. ३:१७) जो लोग वचन का प्रचार करने के अपने कौशल को बढ़ाना चाहते हैं, उनकी मदद के लिए ‘पायनियर द्वारा सहायता’ कार्यक्रम को एक अच्छा प्रबंध समझिए। अगर इसमें भाग लेने का सुअवसर आपको मिलता है तो शुक्रगुज़ार होकर, नम्रता से और खुशी के साथ इसमें भाग लीजिए।