परमेश्वर के वचन पर ध्यान दें
इंसान के मुँह से निकली हर बात को ध्यान देना इतना ज़रूरी नहीं है। लेकिन परमेश्वर के मुँह से निकली हर बात पर ध्यान देना बेहद ज़रूरी है। (व्यव. 28:1, 2) और हमारे लिए खुशी की बात यह है कि परमेश्वर की प्रेरणा से कुछ लोगों ने हमारे भले के लिए “परमेश्वर के वचन” को लिख रखा है। (रोमि. 3:2) इस साल होनेवाला ज़िला अधिवेशन हमें परमेश्वर के इस वचन को सुनने का और समझने का बढ़िया मौका देगा। तो आप अधिवेशन में ज़्यादा ध्यान कैसे दे सकते हैं?
2 हर सुबह जल्दी पहुँचिए: यहोवा ने इस्राएलियों से कहा था कि उसकी कानून-व्यवस्था को सुनने के लिए वे सीनै पर्वत पर जाएँ। ज़रा कल्पना कीजिए कि वहाँ जाने के लिए और यहोवा के वचन सुनने के लिए इस्राएली कितने खुश और उत्साहित हुए होंगे! (निर्ग. 19:10, 11, 16-19) अगर आप भी इस्राएलियों की तरह यहोवा के वचन सुनना चाहते हैं, तो हर दिन वहाँ जल्दी पहुँचने का पूरा इंतजाम कीजिए। अगर हम देर से आएँगे तो हम पूरे कार्यक्रम को नहीं सुन पाएँगे और बैठने के लिए जगह ढूँढ़ते वक्त दूसरों को भी सुनने नहीं देंगे। अधिवेशन के हॉल का दरवाज़ा सुबह 8 बजे खुल जाएगा और कार्यक्रम की शुरुआत हर दिन सुबह 9.30 बजे होगी, सो आपके पास हॉल में पहुँचने के लिए और अपनी सीट पर बैठने के लिए काफी समय होगा।
3 दुःख की बात है की कार्यक्रम शुरू होने के बावजूद भी कुछ भाई-बहन हैं जो अपनी-अपनी सीट पर नहीं होते, हाँलाकि वे अधिवेशन के लिए सुबह जल्दी पहुँच जाते हैं। ऐसा क्यों? क्योंकि ये भाई अपने दोस्तों के साथ बातें करते रहते हैं, और जब चेयरमैन शुरू के गीत का ऐलान करता है, तब जाकर वे अपनी सीट की तरफ बढ़ने लगते हैं। ध्यान रहे, सुबह और दोपहर के कार्यक्रम के शुरू होने से कई मिनट पहले चेयरमैन स्टेज पर आकर बैठ जाएगा और राज्य गीत बजना शुरू होगा। ऐसा करके हम भाइयों को बताना चाहते हैं कि अब अपनी-अपनी सीट पर बैठने का वक्त हो चुका है! अगर हम यह इशारा समझेंगे और अपनी-अपनी सीट पर बैठ जाएँगे, तो कार्यक्रम की शुरुआत में जब यहोवा की स्तुति में गीत गाने के लिए कहा जाता है तब हम बिलकुल तैयार होंगे।
4 पूरा परिवार एक-साथ बैठिए और यहोवा के वचन सुनिए: जब इस्राएल में परमेश्वर के वचन पढ़े जाते थे तब सब परिवारों को अपने ‘बालकों’ के साथ इकट्ठा रहना था और परमेश्वर के वचन को सुनना था। (व्यव. 31:12) उसी तरह, अधिवेशनों में बच्चों को अपने परिवार के साथ बैठना चाहिए। उन्हें यूँ ही “छोड़ा नहीं जाना चाहिए।” (नीति. 29:15) माता-पिता की ज़िम्मेदारी बनती है कि पूरे परिवार को अपने साथ बैठाएँ, किशोरों को भी। कुछ माँ-बाप राज्य गीत शुरू होने के बाद ही बच्चों को टॉयलॆट ले जाते हैं। ऐसा करने से बच्चे इस बात को कभी नहीं सीख पाएँगे कि राज्य गीत और प्रार्थना हमारी उपासना का एक बहुत ही अहम हिस्सा है। इसलिए यह अच्छा होगा कि कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही इन सभी कामों को निपटा लें।
5 अधिवेशन में पूरी तरह ध्यान देने के लिए हर रात को अच्छी नींद लीजिए और दिन में हलका-फुलका भोजन कीजिए। वक्ता जो कह रहा है, उस पर ध्यान दीजिए और अपने मन को यहाँ-वहाँ भटकने मत दीजिए। जब वक्ता बाइबल से कोई वचन पढ़ता है, तब आप भी अपनी बाइबल खोलकर उसे पढ़िए। संक्षिप्त में नोट्स लिखिए। टॉक के वक्त, वक्ता द्वारा कही जा रही बातों को अपने मन में दोहराइए और सोचिए कि आप कैसे उन्हें अपने जीवन में लागू करेंगे। रात को घर पर अपने परिवार के साथ बैठकर पूरे दिन के कार्यक्रम पर चर्चा कीजिए। इस चर्चा में हरेक से यह पूछिए कि उन्हें अधिवेशन में कौन-सी बात अच्छी लगी और दूसरी दी गई जानकारी पर पूरा परिवार कैसे अमल कर सकता है।
6 परमेश्वर के वचन का आदर कीजिए: अधिवेशन में आए दोस्तों और भाई-बहनों के साथ संगति करने से हमारा हौसला बढ़ता है। अधिवेशन में जल्दी पहुँचने से हम इन भाई-बहनों के साथ बातचीत कर पाएँगे। मगर कुछ ऐसे भाई-बहन हैं, जो कार्यक्रम के दौरान बात करने में लगे रहते हैं और सोचते हैं कि इतने बड़े हॉल में बात करने से किसी को कोई परेशानी नहीं होगी। लेकिन ऐसा करना गलत है, क्योंकि जिस तरह किंगडम हॉल की मीटिंग में ध्यान देना ज़रूरी है, उसी तरह अधिवेशन में भी ध्यान देना बहुत ज़रूरी है। इसलिए, ध्यान रहे कि कार्यक्रम के दौरान आपके मोबाइल फोन, पेजर, या कैमरे के इस्तेमाल से, या वीडियो शूटिंग करने से दूसरों को किसी तरह कार्यक्रम सुनने में परेशानी न हो।
7 जब यहोवा मूसा को व्यवस्था दे रहा था ‘तब उसने न तो रोटी खाई और न पानी पिया।’ (निर्ग. 34:28) ठीक उसी तरह, कार्यक्रम के दौरान खाना या पीना सही नहीं होगा। अगर आपको कोई बड़ी बीमारी नहीं है तो खाने-पीने के लिए ‘उचित समय’ का इंतज़ार कीजिए।—सभो. 3:1.
8 कई बार देखा गया है कि कार्यक्रम के दौरान बहुत-से भाई-बहन और छोटे बच्चे मिलकर हॉल के गलियारों में बातें करते रहते हैं। इसलिए, एटेंडेंट्स को यह बताया जाएगा की वे ऐसे भाई-बहनों को अंदर जाकर बैठने के लिए कहें। अलग-अलग विभागों में हाथ बँटानेवाले भाई-बहनों को अपना काम खत्म करने के तुरंत बाद अपनी सीट में जाकर बैठ जाना चाहिए और कार्यक्रम सुनना चाहिए। उन्हें कार्यक्रम के दौरान सिर्फ तभी उठना चाहिए जब उन्हें कोई काम करने के लिए बुलाया जाता है। कार्यक्रम के दौरान यह ठीक नहीं होगा कि वे अलग-अलग विभागों में घूमते-फिरते हुए नज़र आएँ।
9 परमेश्वर के वचन को सुनते वक्त हम ‘अपनी समझ मंद’ नहीं करना चाहेंगे। (इब्रा. 5:11, NHT) तो आइए, हम ठान लें कि हम आनेवाले ज़िला अधिवेशन में परमेश्वर के वचन को पूरे ध्यान से सुनेंगे और उसका पूरा-पूरा आदर करेंगे।