प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! से फायदा उठाते रहिए!
साहित्य बाँटने की सरल व्यवस्था शुरू होने की वजह से यह फैसला किया गया है कि प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! पत्रिकाओं को अभिदान के ज़रिए भेजने का इंतज़ाम बंद कर दिया जाएगा। इसलिए अब हमें और ज़्यादा मेहनत करने की ज़रूरत है ताकि हम और जिनसे हम प्रचार में मिलते हैं, वे इन पत्रिकाओं का एक भी अंक पाने से न चूकें।
अपनी कॉपियाँ: जब आपका अभिदान खत्म हो जाएगा, तो आप अपनी पत्रिकाओं का कोटा बढ़ा दीजिए। माता-पिताओं को काफी मात्रा में पत्रिकाओं का ऑर्डर देना चाहिए, ताकि परिवार के हर सदस्य के पास अपनी-अपनी कॉपी हो। पत्रिका मिलते ही उस पर अपना नाम लिख लीजिए जिससे कि आप गलती से सेवकाई में वह कॉपी किसी को न दे दें। कलीसिया को पत्रिकाएँ मिलते ही, उनकी ज़िम्मेदारी संभालनेवाले भाई फौरन उनका हर अंक किंगडम हॉल में उपलब्ध कराएँगे।
मैगज़ीन रूट: प्रचारकों को दिलचस्पी दिखानेवाले उन सभी लोगों के साथ मैगज़ीन रूट शुरू करने की कोशिश करनी चाहिए जो हर अंक पढ़ना चाहते हैं। ऐसे लोगों के पास खुद जाकर उन्हें पत्रिकाएँ देने से हमें उनकी दिलचस्पी बढ़ाने और बाइबल अध्ययन शुरू करने के मौके मिलेंगे।—अक्टूबर 1998 की हमारी राज्य सेवकाईका पेज 8 देखिए।
जिन्हें खास मदद की ज़रूरत है: अगर कोई व्यक्ति सच्ची दिलचस्पी दिखाता है, मगर वह ऐसी जगह रहता है जहाँ प्रचार का काम किसी भी कलीसिया को नहीं सौंपा गया है, तो उसका खास लिहाज़ करते हुए हम उसके लिए अभिदान का इंतज़ाम कर सकते हैं। और अगर कलीसिया के प्रचार क्षेत्र में रहनेवाला कोई व्यक्ति पत्रिकाएँ पढ़ने में बहुत दिलचस्पी दिखाता है, मगर उसके साथ मैगज़ीन रूट कायम करना मुमकिन नहीं है, तो इस बारे में कलीसिया की सर्विस कमिटी से बात कीजिए। अगर वे मंज़ूरी दें तो उसके लिए अभिदान का इंतज़ाम किया जा सकता है। ऐसे लोगों के लिए फिलहाल जो अभिदान फॉर्म (M-1 और M-101) हैं, उन्हीं का इस्तेमाल किया जा सकता है।
हमें पूरा भरोसा है प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! के ज़रिए राज्य का ऐलान करने में की जानेवाली हमारी मेहनत पर यहोवा आगे भी आशीष देता रहेगा।