वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • km 2/03 पेज 5
  • सही वक्‍त पर मदद

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • सही वक्‍त पर मदद
  • हमारी राज-सेवा—2003
  • मिलते-जुलते लेख
  • उन्हें मत भूलिए जो सच्चाई में ठंडे पड़ चुके हैं
    हमारी राज-सेवा—2007
  • प्रश्‍न बक्स
    हमारी राज-सेवा—2000
  • “मेरे पास लौट आओ”
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (अध्ययन)—2020
  • जल्द-से-जल्द झुंड में लौट आने में उनकी मदद कीजिए!
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2008
और देखिए
हमारी राज-सेवा—2003
km 2/03 पेज 5

सही वक्‍त पर मदद

प्रेरित पतरस को अपने मसीही भाइयों की परवाह थी और इसी परवाह ने उसे अपने भाइयों को प्यार-भरी चितौनियाँ देने और उनका ढाढ़स बँधाने के लिए उकसाया जिसकी उस वक्‍त उन्हें ज़रूरत थी। (2 पत. 1:12, 13; 3:1) जिन्होंने “विश्‍वास प्राप्त किया” था, पतरस ने उनको अपने अंदर आध्यात्मिक गुण बढ़ाने को कहा, ताकि वे “हमारे प्रभु यीशु मसीह के पहचानने में निकम्मे और निष्फल” ना हो जाएँ। (2 पत. 1:1, 5-8) पतरस का मकसद था, उनकी मदद करना, जिससे कि यहोवा की तरफ से उनका बुलाया जाना और चुन लिया जाना पक्का हो और वे आखिरकार “शान्ति से उसके साम्हने निष्कलंक और निर्दोष” ठहरें। (2 पत. 1:10, 11; 3:14) कई भाइयों के लिए यह उत्साह, सही वक्‍त पर मदद ठहरा।

2 आज मसीही ओवरसियरों को भी परमेश्‍वर के लोगों के लिए ऐसी ही परवाह रहती है। ‘इस कठिन समय’ में यहोवा के बहुत-से सेवक मुश्‍किल हालात का सामना करते हैं। (2 तीमु. 3:1) दिन-ब-दिन बढ़ती आर्थिक तंगी, पारिवारिक समस्याओं या निजी परेशानियों की वजह से शायद कुछ लोग दाऊद की तरह महसूस करें: “मैं अनगिनत बुराइयों से घिरा हुआ हूं; मेरे अधर्म के कामों ने मुझे आ पकड़ा और मैं दृष्टि नहीं उठा सकता; वे गिनती में मेरे सिर के बालों से भी अधिक हैं; इसलिये मेरा हृदय टूट गया।” (भज. 40:12) इन समस्याओं के बोझ तले दबकर शायद वे अपनी ज़रूरी आध्यात्मिक ज़िम्मेदारियों को नज़रअंदाज़ करने लगें और मसीही सेवा में हिस्सा लेना ही बंद कर दें। लेकिन, कठिनाइयों के बावजूद, ‘वे यहोवा की आज्ञाओं को भूले नहीं’ हैं। (भज. 119:176) इसलिए प्राचीनों के लिए ऐसे लोगों की मदद करने का यही सबसे सही वक्‍त है।—यशा. 32:1, 2.

3 इस ज़रूरत को पूरा करने के लिए प्राचीनों को बढ़ावा दिया गया है कि वे उन लोगों की मदद करने की खास कोशिश करें जिन्होंने प्रचार में आना बंद कर दिया है। ऐसा करने की पूरी कोशिशें अभी की जा रही हैं और ये कोशिशें मार्च के महीने तक जारी रहेंगी। पुस्तक अध्ययन ओवसियरों को ऐसे लोगों के पास जाकर आध्यात्मिक मदद देने को कहा गया है जो प्रचार काम में ठंडे पड़ गए हैं, ताकि वे फिर से कलीसिया के कामों में हिस्सा ले सकें। अगर ज़रूरत हो, तो प्रकाशक के साथ निजी बाइबल अध्ययन का इंतज़ाम भी किया जा सकता है। उनकी मदद करने के लिए दूसरे प्रचारकों को भी कहा जा सकता है। अगर आपको ऐसा करने के लिए कहा जाए तो आपकी मेहनत से उस प्रकाशक को बहुत फायदा हो सकता है, खासकर जब आप समझदारी और प्यार से उनका उत्साह बढ़ाएँगे।

4 अगर कोई व्यक्‍ति फिर से कलीसिया के कामों में हिस्सा लेना शुरू कर दे तो यह पूरी कलीसिया के लिए कितनी खुशी की बात होगी। (लूका 15:6) जिनका जोश ठंडा पड़ चुका है उनका उत्साह बढ़ाने में हम जो भी मेहनत करेंगे वह ‘ठीक समय पर कहे हुए वचन’ की तरह होगी।—नीति. 25:11.

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें