“यहोवा के सब भक्तो उस से प्रेम रखो!”
अप्रैल 4 को यीशु की मौत की यादगार मनायी जाएगी
बरसों पहले, जब यूक्रेन पर कम्यूनिस्ट शासन चल रहा था तब वहाँ के अधिकारी, साक्षियों पर कड़ी नज़र रखते थे। खासकर जब प्रभु के संध्या भोज का दिन करीब आता, तो वे यह पता लगाने की कोशिश करते थे कि साक्षी कहाँ इकट्ठे होंगे। साक्षियों को हर साल इस समस्या का सामना करना पड़ता था क्योंकि अधिकारियों को इस समारोह की तारीख का अंदाज़ा रहता था। ऐसे में भाई क्या करते थे? एक बार हमारी एक बहन के घर के तहखाने में, बाढ़ का पानी घुटनों तक भर आया था। भाइयों ने वहीं पर सभा रखने के लिए लकड़ी का एक मंच तैयार किया, क्योंकि वे जानते थे कि अधिकारियों को शक नहीं होगा कि साक्षी ऐसी जगह भी जमा हो सकते हैं। छत की ऊँचाई कम होने की वजह से हालाँकि भाइयों को झुककर बैठना पड़ा, फिर भी उन्होंने खुशी-खुशी स्मारक मनाया क्योंकि किसी ने भी उनके समारोह में खलल नहीं पैदा की।
2 यीशु की आज्ञा का पालन करते हुए, उसकी मौत की यादगार मनाने में यूक्रेन के भाइयों का इरादा वाकई अटल था। उन्होंने परमेश्वर से प्यार करने का क्या ही बढ़िया सबूत दिया। (लूका 22:19; 1 यूह. 5:3) जब भी हम ज़िंदगी में मुश्किलों का सामना कर रहे होते हैं, तो आइए हम ऐसी अच्छी मिसालों से हिम्मत पाएँ और ठान लें कि हम अप्रैल 4 को प्रभु का संध्या भोज मनाने के लिए ज़रूर हाज़िर होंगे। ऐसा करके हम दिखाएँगे कि हम उस भजनहार की तरह महसूस करते हैं, जिसने अपने भजन में यह गाया: “हे यहोवा के सब भक्तो उस से प्रेम रखो!”—भज. 31:23.
3 परमेश्वर के लिए प्यार गहरा करने में दूसरों की मदद करें: परमेश्वर के लिए प्यार हमें उकसाता है कि हम दूसरों को भी अपने साथ स्मारक मनाने का न्यौता दें। फरवरी की हमारी राज्य सेवकाई के इंसर्ट में, हममें से हरेक को यह बढ़ावा दिया गया था कि हम ऐसे लोगों की सूची बनाएँ जिन्हें हम स्मारक में बुलाना चाहते हैं। आपकी सूची में जो लोग हैं, उनमें से हरेक को न्यौता देने के लिए क्या आप पूरी-पूरी कोशिश कर रहे हैं? उन्हें यह समझाने के लिए समय लीजिए कि यह कितना खास मौका है। स्मारक के दिन और समय के बारे में उन्हें दोस्ताना तरीके से याद दिलाइए। और हो सके तो बताइए कि आप उन्हें सभा की जगह पर ले जाएँगे। इससे, सभा में हाज़िर होने का उनका इरादा पक्का हो सकता है।
4 हमारा न्यौता स्वीकार करके जितने भी लोग स्मारक में आते हैं, उन सभी से मिलने की खास कोशिश कीजिए, और उनके साथ प्यार से पेश आइए। यहोवा के लिए अपना प्यार गहरा करने में आप कैसे उनकी मदद कर सकते हैं? उनके सवालों के जवाब देने के लिए तैयार रहिए। अगर हालात सही हैं तो बाइबल अध्ययन की पेशकश ज़रूर कीजिए। उन्हें हर हफ्ते होनेवाली कलीसिया की सभाओं में आने का न्यौता दीजिए। खासकर प्राचीन वहाँ हाज़िर ऐसे भाई-बहनों पर ध्यान देना चाहेंगे जो सच्चाई में ठंडे पड़ गए हैं। प्राचीन उनकी हौसला-अफज़ाई करने के लिए उनसे मुलाकात करने का समय तय कर सकते हैं। हो सके तो वे स्मारक के भाषण में बताए मुद्दों पर उन्हें और भी कुछ बता सकते हैं ताकि वे कलीसिया के साथ मिलकर दोबारा अपनी सेवा शुरू कर सकें।—रोमि. 5:6-8.
5 यहोवा के लिए अपना प्यार गहरा करना: छुड़ौती के वरदान पर गंभीरता से सोचने से, यहोवा और उसके बेटे के लिए हमारा प्यार गहरा हो सकता है। (2 कुरि. 5:14, 15) एक बहन, जो कई सालों से स्मारक में हाज़िर होती आयी है, उसने कहा: ‘हम स्मारक के लिए बड़ी आस लगाए रहते हैं। हर साल हमारे लिए इसकी खासियत बढ़ती जाती है। मुझे याद है कि 20 साल पहले जब मेरे प्यारे पापा की मौत हुई थी और मैं उनकी लाश के सामने खड़ी थी, तब मेरे दिल में छुड़ौती के लिए कदरदानी की भावना सही मायनों में बढ़ी। वरना इस हादसे से पहले, छुड़ौती के बारे में सिर्फ मेरे दिमाग में जानकारी भरी थी, मेरे दिल पर इसका कोई असर नहीं पड़ा था। मुझे इस बारे में सारी आयतें मालूम थीं और उन्हें समझाना भी आता था! मगर जब मौत की कड़वी सच्चाई से मेरा सामना हुआ, तब जाकर मुझे एहसास हुआ कि छुड़ौती के अनमोल इंतज़ाम की बदौलत हमें क्या-क्या आशीषें मिलेंगी, और इससे मेरा मन वाकई मगन हुआ।’—यूह. 5:28, 29.
6 इस साल के स्मारक का दिन जैसे-जैसे करीब आ रहा है, आप समय निकालकर इस मौके के लिए अपने हृदय को तैयार कीजिए। (2 इति. 19:3) रोज़ाना बाइबल वचनों पर ध्यान दीजिए—2004 और 2004 कैलेंडर में स्मारक के दौरान, खास बाइबल पढ़ाई के लिए जो आयतें दी गयी हैं, उन पर मनन कीजिए। कुछ लोग अपने पारिवारिक अध्ययन में सर्वश्रेष्ठ मनुष्य किताब के 112-16 तक के अध्यायों को पढ़ना पसंद करते हैं। कुछ लोग विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास वर्ग से मिली अध्ययन की दूसरी किताबों की मदद से छुड़ौती के बारे में ज़्यादा खोजबीन करते हैं। (मत्ती 24:45-47) हम सभी छुड़ौती के वरदान के बारे में सच्चे दिल से प्रार्थना कर सकते हैं। (भज. 50:14, 23) जी हाँ, इस साल स्मारक के मौसम में आइए हम इस बारे में मनन करते रहें कि यहोवा हमसे कितना प्यार करता है और उसके लिए अपना प्यार ज़ाहिर करने के तरीके ढूँढ़ें।—मर. 12:30; 1 यूह. 4:10.