‘विश्वास की बातों से अपना पालन-पोषण करना’
परमेश्वर की भक्ति करते हुए ज़िंदगी बिताने में कड़ी मेहनत लगती है। (1 तीमु. 4:7-10) ऐसे में अगर हम अपनी ताकत पर भरोसा करें, तो हम ज़्यादा दूर नहीं चल पाएँगे बल्कि जल्द ही थक जाएँगे या लड़खड़ाकर गिर जाएँगे। (यशा. 40:29-31) इसलिए हमें यहोवा से ताकत पाने की ज़रूरत है और इसका एक तरीका है, ‘विश्वास की बातों से अपना पालन-पोषण करना।’—1 तीमु. 4:6.
2 भरपूर आध्यात्मिक भोजन: यहोवा अपने वचन और “विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास” के ज़रिए हमें भरपूर आध्यात्मिक भोजन मुहैया कराता है। (मत्ती 24:45) क्या इसका फायदा उठाने के लिए हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश करते हैं? क्या हम रोज़ बाइबल पढ़ते हैं? क्या हम समय तय करके निजी अध्ययन और मनन करते हैं? (भज. 1:2, 3) इस तरह पौष्टिक आध्यात्मिक आहार लेने से हमें ताकत मिलती है और शैतान के संसार के उन दबावों से हमारी हिफाज़त होती है जिनसे हम कमज़ोर पड़ सकते हैं। (1 यूह. 5:19) अगर हम अपने दिमाग को अच्छी बातों से भरेंगे और उन्हें अपने जीवन में लागू करेंगे, तो बेशक यहोवा हमारे साथ होगा।—फिलि. 4:8, 9.
3 यहोवा हमें कलीसिया की सभाओं के ज़रिए भी मज़बूत करता है। (इब्रा. 10:24, 25) इन सभाओं में हमें जो आध्यात्मिक हिदायतें और भाई-बहनों का बढ़िया साथ मिलता है, उनसे हम इतना मज़बूत होते हैं कि परीक्षाओं में दृढ़ खड़े रह पाते हैं। (1 पत. 5:9, 10) एक जवान मसीही कहती है: “दिन भर स्कूल में आनेवाले दबावों का सामना करते-करते मेरे हौसले पस्त हो जाते हैं। लेकिन सभाएँ मेरे लिए रेगिस्तान में हरे-भरे बाग की तरह होती हैं। वहाँ जाने पर मैं तरो-ताज़ा महसूस करती हूँ और अगले दिन स्कूल में आनेवाली समस्याओं का सामना करने के लिए मुझे शक्ति मिलती है।” सभाओं में हाज़िर होने के लिए हम जी-जान से जो मेहनत करते हैं, उसके बदले हमें आशीष ज़रूर मिलती है।
4 सच्चाई का ऐलान करना: दूसरों को प्रचार करना, यीशु के लिए भोजन के बराबर था। इससे उसे नयी ताकत मिलती थी। (यूह. 4:32-34) उसी तरह, जब हम दूसरों को परमेश्वर के शानदार वादों के बारे में बताते हैं, तो हममें भी नया जोश भर आता है। प्रचार में लगे रहने से हमारा दिलो-दिमाग, पूरी तरह परमेश्वर के राज्य और उसके ज़रिए जल्द मिलनेवाली आशीषों पर लगा रहता है। जी हाँ, प्रचार से हमें वाकई बहुत ताज़गी मिलती है।—मत्ती 11:28-30.
5 यह हमारे लिए कितनी बड़ी आशीष है कि हम उस आध्यात्मिक भोजन का पूरा-पूरा फायदा उठा पा रहे हैं, जो आज यहोवा अपने लोगों को भरपूर मात्रा में दे रहा है! इसलिए आइए हम खुशी-खुशी और बुलंद आवाज़ में अपने परमेश्वर की महिमा करते रहें।—यशा. 65:13, 14.