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हमारी राज-सेवा—2005
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भलाई करें और उदारता दिखाएँ

दोरकास “बहुतेरे भले भले काम और दान किया करती थी।” (प्रेरि. 9:36, 39) इसी दरियादिली की वजह से वह न सिर्फ उन लोगों को अज़ीज़ थी जो उसे जानते थे बल्कि यहोवा को भी प्यारी थी। इब्रानियों 13:16 कहता है: “भलाई करना, और उदारता न भूलो; क्योंकि परमेश्‍वर ऐसे बलिदानों से प्रसन्‍न होता है।” आज, हम कैसे दूसरों की भलाई कर सकते हैं और उदारता दिखा सकते हैं?

2 दूसरों को फायदा पहुँचाने का एक तरीका है, उनके साथ “अपनी संपत्ति” बाँटना। (नीति. 3:9) दुनिया-भर में हो रहे काम के लिए हम जो दान देते हैं, उससे राज्य घरों, सम्मेलन भवनों और शाखा दफ्तरों का निर्माण करना मुमकिन होता है। हमारी दरियादिली से लाखों लोग ऐसी इमारतों में इकट्ठे होकर परमेश्‍वर की हिदायतों और हौसला बढ़ानेवाली आध्यात्मिक संगति का फायदा उठा पाते हैं।

3 दिलासा और राहत देना: जब कोई विपत्ति आती है, तो यहोवा के लोग अपने भाइयों के साथ-साथ उनकी भी ‘भलाई करने’ को तैयार रहते हैं जो विश्‍वासी नहीं हैं। (गल. 6:10) जब फ्रांस के एक रसायन कारखाने में विस्फोट हुआ, तो उसके पास रहनेवाले एक साक्षी जोड़े ने कहा: “हमारे मसीही भाई फौरन हमारी मदद करने के लिए दौड़े चले आए। उन्होंने हमारे और बिल्डिंग के दूसरे घरों की भी सफाई की। हमारे पड़ोसी यह देखकर हैरान रह गए कि इतने सारे लोग हमारी मदद करने को आए।” एक और बहन ने कहा: “प्राचीन हमारी मदद करने के लिए आगे आए। उन्होंने हमारा हौसला बढ़ाया। दरअसल कपड़े-लत्ते और रुपए-पैसे से ज़्यादा हमें ऐसी मदद की सख्त ज़रूरत थी।”

4 हम कई तरीकों से अपने पड़ोसियों का भला कर सकते हैं। मगर उनकी मदद करने का सबसे बढ़िया तरीका है, उनके साथ सच्चाई का अनमोल ज्ञान बाँटना। इसमें “अनन्त जीवन की आशा” के बारे में बताना शामिल है जिसका वादा खुद यहोवा ने किया था। (तीतु. 1:1, 2) बाइबल के संदेश से उन लोगों को सच्चा दिलासा मिलता है जो दुनिया के हालात या असिद्धता की वजह से उन पर आनेवाली दुःख-तकलीफों पर रोते और शोक मनाते हैं। (मत्ती 5:4) तो फिर, आइए हम अपनी हैसियत के मुताबिक दूसरों की खातिर भले काम करने और उदारता दिखाने से कभी पीछे न हटें।—नीति. 3:27.

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