अपने वक्त का अक्लमंदी से इस्तेमाल कीजिए
यहोवा को खुश करना हमारी दिली तमन्ना है। यही बात हमें ज़िंदगी में आध्यात्मिक कामों को पहली जगह देने के लिए उकसाती है। परमेश्वर का वचन हमें हिदायत देता है कि हम ‘पहिले उसके राज्य की खोज करते रहें’ और ‘उत्तम से उत्तम बातों को प्रिय जानें।’ (मत्ती 6:33; फिलि. 1:10) हम कौन-से कदम उठा सकते हैं ताकि हम राज्य के कामों के लिए समय मोल लें और गैर-ज़रूरी कामों को कम अहमियत दें?—इफि. 5:15-17.
2 राज्य के कामों को पहली जगह दीजिए: अपने वक्त का सही इस्तेमाल करने के लिए एक अच्छा-सा शेड्यूल बनाइए, ताकि आपका सारा वक्त गैर-ज़रूरी कामों में बरबाद न हो। कुछ लोग हर महीने की शुरूआत में कैलेंडर पर लिख लेते हैं कि वे कब-कब प्रचार में जाएँगे। इसके बाद, वे इस बात का ध्यान रखते हैं कि कोई भी काम उनकी इस योजना के आड़े न आए। सभाओं, निजी अध्ययन और अधिवेशनों के लिए भी समय को मोल लेने के वास्ते हम कुछ ऐसी ही योजना बना सकते हैं। कई लोगों ने सुबह-सुबह या फिर रात को सोने से पहले बाइबल पढ़ने का शेड्यूल बनाया है। हरेक ज़रूरी काम के लिए वक्त तय कीजिए कि आप उसे कब करेंगे। फिर किसी और काम को उसमें रुकावट मत बनने दीजिए।—सभो. 3:1; 1 कुरि. 14:40.
3 संसार की चीज़ों का कम इस्तेमाल कीजिए: आज कुछ देशों में खेल, मनोरंजन, अपने शौक पूरे करने, मन-बहलाव और दूसरे कामों में हिस्सा लेने के मौके बड़ी आसानी से उपलब्ध हैं। कई लोग दिन-भर टी.वी. या कंप्यूटर से चिपके रहते हैं। लेकिन इस तरह मनोरंजन में डूबे रहने या दुनिया जो नए-नए साधन पेश करती है, उनके इस्तेमाल में बहुत ज़्यादा वक्त बिताने से हमें आखिरकार निराशा ही हाथ लगेगी। (1 यूह. 2:15-17) इसलिए बाइबल हमें सलाह देती है कि हम संसार की चीज़ों का इस्तेमाल करने में पूरी तरह लिप्त न हो जाएँ। (1 कुरि. 7:31, NHT) इस बुद्धि-भरी सलाह को मानकर आप दिखा सकते हैं कि आपकी ज़िंदगी में यहोवा की उपासना पहली जगह पर आती है।—मत्ती 6:19-21.
4 इस संसार का अंत बड़ी तेज़ी से करीब आ रहा है। जो लोग अपनी ज़िंदगी में राज्य के कामों को पहली जगह देते हैं, उन्हें खुशी मिलेगी और वे परमेश्वर की मंज़ूरी पाएँगे। (नीति. 8:32-35; याकू. 1:25) इसलिए आइए हम अपने बेशकीमती वक्त का अक्लमंदी से इस्तेमाल करें।