बाइबल सिखाती है किताब से अध्ययन कैसे शुरू करें
हममें से कइयों को बाइबल अध्ययन चलाना बहुत पसंद है, मगर अध्ययन शुरू करना मुश्किल लगता है। हमारी नयी किताब बाइबल असल में क्या सिखाती है? इस मामले में हमारी मदद कर सकती है। पेज 3-7 पर दिया शुरूआती लेख इस तरह तैयार किया गया है कि इसकी मदद से घर-मालिक के साथ आसानी से बाइबल पर चर्चा शुरू की जा सकती है। यहाँ तक कि कम तजुरबा रखनेवाले प्रचारक भी इस किताब के ज़रिए आसानी से बाइबल अध्ययन शुरू कर पाएँगे।
◼ पेज 3 का इस्तेमाल करके आप यह तरीका अपना सकते हैं:
ऐसी किसी ताज़ा खबर या समस्या का ज़िक्र करने के बाद, जिसे लेकर आपके इलाके के लोग परेशान हैं, घर-मालिक का ध्यान पेज 3 पर मोटे अक्षरों में दिए सवालों की तरफ खींचिए और उसे अपने विचार बताने के लिए कहिए। फिर पेज 4-5 पर चर्चा कीजिए।
◼ या शायद आपको पेज 4-5 दिखाकर चर्चा शुरू करना ठीक लगे:
आप कह सकते हैं, “कितना अच्छा होगा ना, अगर इस तसवीर में बताए बदलाव सचमुच में होंगे?” या फिर आप पूछ सकते हैं, “इनमें से किस वादे को आप पूरा होते देखना चाहेंगे?” फिर घर-मालिक के जवाब को ध्यान से सुनिए।
अगर वह किसी एक आयत में खास दिलचस्पी दिखाता है, तो उस आयत को समझानेवाले पैराग्राफ पर चर्चा करके उसे दिखाइए कि बाइबल उस विषय के बारे में क्या सिखाती है। (इंसर्ट के इस पेज पर दिया बक्स देखिए।) पैराग्राफों पर उसी तरह चर्चा कीजिए जैसे आप बाइबल अध्ययन में करते हैं। यह चर्चा घर-मालिक के साथ पहली मुलाकात में ही दरवाज़े पर खड़े-खड़े पाँच-दस मिनट में की जा सकती है।
◼ एक और तरीका है, पेज 6 का इस्तेमाल करके घर-मालिक को अपनी राय ज़ाहिर करने के लिए कहना:
पेज 6 पर नीचे दिए सवालों की तरफ घर-मालिक का ध्यान खींचिए और पूछिए, “क्या आपके मन में कभी ऐसा कोई सवाल उठा है?” अगर वह किसी एक सवाल में दिलचस्पी दिखाता है, तो किताब के उन पैराग्राफों पर चर्चा कीजिए जो उस सवाल का जवाब देते हैं। (इंसर्ट के इस पेज पर दिया बक्स देखिए।) जब इस तरह आप किसी के साथ चर्चा करते हैं, तो दरअसल आप बाइबल अध्ययन चला रहे होते हैं।
◼ बाइबल अध्ययन का नमूना दिखाने के लिए पेज 7 का इस्तेमाल किया जा सकता है:
इस पेज के शुरू के तीन वाक्य पढ़िए, और फिर अध्याय 3 खोलकर पैराग्राफ 1-3 पर चर्चा करके दिखाइए कि अध्ययन कैसे किया जाता है। पैराग्राफ 3 में दिए सवालों के जवाबों पर चर्चा करने के लिए, अगली चर्चा का इंतज़ाम कीजिए।
◼ अगली चर्चा का इंतज़ाम कैसे करें:
पहली चर्चा खत्म करते वक्त, अगली बार चर्चा जारी रखने का इंतज़ाम कीजिए। आप सिर्फ इतना कह सकते हैं: “तो इस तरह कुछ ही मिनटों में हमने सीखा कि बाइबल इस अहम विषय के बारे में क्या सिखाती है। अगली बार हम इस सवाल पर चर्चा कर सकते हैं कि [एक सवाल छोड़ जाइए जिस पर आप अगली बार चर्चा करेंगे]। क्या मैं अगले हफ्ते इसी वक्त आ सकता हूँ?”
जैसे-जैसे यहोवा का ठहराया हुआ समय करीब आ रहा है, वह लगातार हमें अपनी ज़िम्मेदारी पूरी करने के काबिल बना रहा है। (मत्ती 28:19, 20; 2 तीमु. 3:17) तो आइए हम बाइबल अध्ययन शुरू करने के लिए इस नए और बेहतरीन औज़ार का अच्छा इस्तेमाल करें।
[पेज 3 पर बक्स]
पेज 4-5 पर दी आयतों पर चर्चा
◻ प्रकाशितवाक्य 21:4 (पेज 27-8, पैरा. 1-3)
◻ यशायाह 33:24; 35:5, 6 (पेज 36, पैरा. 22)
◻ यूहन्ना 5:28, 29 (पेज 72-3, पैरा. 17-19)
◻ भजन 72:16 (पेज 34, पैरा. 19)
पेज 6 पर दिए सवालों के जवाब
◻ हम पर दुःख-तकलीफें क्यों आती हैं? (पेज 108, पैरा. 6-8)
◻ हम ज़िंदगी की चिंताओं का सामना कैसे कर सकते हैं? (पेज 184-5, पैरा. 1-3)
◻ हम अपने परिवार को सुखी कैसे बना सकते हैं? (पेज 142-3, पैरा. 20)
◻ मरने पर हमारा क्या होता है? (पेज 58-9, पैरा. 5-6)
◻ क्या हम कभी अपने उन अज़ीज़ों को दोबारा देख पाएँगे जो मर चुके हैं? (पेज 72-3, पैरा. 17-19)
◻ हम कैसे पूरा भरोसा रख सकते हैं कि भविष्य के बारे में परमेश्वर अपने सारे वादे ज़रूर पूरे करेगा? (पेज 25, पैरा. 17)