प्रचार सेवा में परमेश्वर के वचन की ताकत का इस्तेमाल कीजिए
जब कोई व्यक्ति खुशखबरी सुनने के लिए तैयार होता है, तो हम उस मौके का फायदा उठाते हुए उसे बाइबल से आयतें पढ़कर सुनाते हैं और इस तरह परमेश्वर के वचन की ताकत का इस्तेमाल करते हैं। पिछले साल के खास सम्मेलन दिन में इसी बात पर ज़ोर दिया गया था। उस दिन सर्किट निगरान ने एक भाषण दिया था, जिसका विषय था “प्रचार सेवा में परमेश्वर के वचन की ताकत का इस्तेमाल कीजिए।” क्या आपको उस भाषण की खास बातें याद हैं?
यहोवा का वचन हमारी बातों से कहीं ज़्यादा असरदार क्यों है?—2 तीमु. 3:16, 17.
बाइबल किस तरह हमारे दिल की भावनाओं पर असर करती है, कैसे हमारी सोच को सुधारती है, कैसे हमें नेक इरादों से काम करने के लिए उभारती है और कैसे दूसरों के साथ हमारे बरताव को सुधारती है?—15 जून, 2012 की प्रहरीदुर्ग पेज 27, पैरा. 7 देखिए।
जब हम प्रचार के दौरान किसी को बाइबल से आयत पढ़कर सुनाते हैं, तो हम कैसे सुननेवालों का परमेश्वर के वचन की तरफ ध्यान दिला सकते हैं, जिससे कि उनके मन में बाइबल के लिए आदर पैदा हो?—सेवा स्कूल किताब, पेज 148, पैरा. 3-4 और मार्च 2013 की हमारी राज-सेवा, पेज 9, पैरा. 8.
हम जिन आयतों को पढ़कर सुनाते हैं, उन्हें समझाना और उन पर तर्क करना क्यों ज़रूरी है और हम यह कैसे कर सकते हैं?—प्रेषि. 17:2, 3; सेवा स्कूल किताब, पेज 154, पैरा. 4 से पेज 156, पैरा. 4 देखिए।
हम बाइबल से आयतें पढ़कर सुनाने के मामले में कैसे सूझ-बूझ से काम ले सकते हैं?—मत्ती 10:16; अप्रैल 2008 की हमारी राज-सेवा, पेज 5.