गवाही देने के मौके बनाइए
मसीही कलीसिया में हम सभी भाई-बहनों के हालात अलग-अलग होते हैं। फिर भी हम सबने यह ठान रखा है कि हम यहोवा का गुणगान करते रहेंगे। (भज. 79:13) अगर खराब सेहत या दूसरे मुश्किल हालात की वजह से हम सुसमाचार सुनाने में पहले जितना नहीं कर पा रहे हैं, तो ऐसे में हम गवाही देने के मौके कैसे बना सकते हैं?
2 रोज़मर्रा के कामों में: यीशु अपने रोज़मर्रा की मुलाकातों का फायदा उठाकर दूसरों को गवाही देता था। उसने महसूल की चौकी से गुज़रते वक्त मत्ती को गवाही दी, सफर करते समय जक्कई को, और सामरी स्त्री को उस वक्त गवाही दी जब वह आराम कर रहा था। (मत्ती 9:9; लूका 19:1-5; यूह. 4:6-10) उसी तरह, हम भी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में आम बातचीत का रुख इस तरह मोड़ सकते हैं कि दूसरों को गवाही दे सकें। अगर हम हमेशा अपने साथ एक बाइबल और कुछ ट्रैक्ट या ब्रोशर रखें, तो अपनी आशा के बारे में दूसरों को बताने के लिए तैयार रह पाएँगे।—1 पत. 3:15.
3 क्या चलने-फिरने में तकलीफ की वजह से आप घर-घर प्रचार करना मुश्किल पाते हैं? अगर ऐसा है तो आपसे मिलने आए डॉक्टरों और नर्सों को और दूसरों को भी जिनसे आपकी मुलाकात होती है, गवाही देने के लिए मौकों की ताक में रहिए। (प्रेरि. 28:30, 31) अगर आप हालात की वजह से अकसर घर पर रहते हैं, तो क्या आपने टेलीफोन या चिट्ठी से गवाही देने की कोशिश की है? एक बहन अपने उन रिश्तेदारों को जो साक्षी नहीं हैं, समय-समय पर खत लिखती है। वह खत में ज़िक्र करती है कि उसने बाइबल से क्या-क्या बढ़िया बातें सीखीं और प्रचार में उसे कैसे अच्छे अनुभव हुए।
4 काम की जगह पर या स्कूल में: यहोवा का गुणगान करने की इच्छा हमें उकसाएगी कि हम काम की जगह पर या स्कूल में भी सच्चाई के बीज बोने के मौके ढूँढ़ें। आठ साल के एक प्रचारक ने अपनी क्लास को बताया कि उसने सजग होइए! में चाँद के बारे क्या पढ़ा था। जब उसकी टीचर को पता चला कि उसे यह जानकारी कहाँ से मिली, तो उसने प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! लगातार लेना शुरू कर दिया। काम की जगह पर गवाही देने का मौका बनाने के लिए, शायद इतना काफी हो कि हम बाइबल सिखाती है किताब की एक कॉपी वहाँ रखें जहाँ सब की नज़र उस पर पड़े। तब दूसरे हमसे सवाल पूछ सकते हैं और हमारे लिए गवाही देने का रास्ता खुल सकता है।
5 क्या आप सोच सकते हैं कि अपने रोज़ के कामों में आप किन-किन तरीकों से गवाही देने के मौके बनाएँगे? आइए हम अपने हालात के मुताबिक हर मुमकिन मौके का फायदा उठाकर, रोज़ ‘परमेश्वर के लिये स्तुतिरूपी बलिदान चढ़ाने’ की कोशिश करें।—इब्रा. 13:15.