अपने बाइबल विद्यार्थी को यहोवा के बेजोड़ गुणों को समझने और उनकी कदर करने में मदद दीजिए
प्रचार करने और चेला बनाने के काम में, हम लोगों को न सिर्फ बाइबल की बुनियादी सच्चाइयाँ सिखाते हैं, बल्कि हम उन्हें यहोवा को करीब से जानने, उसके बेजोड़ गुणों को समझने और उनकी कदर करने में भी मदद देते हैं। इस तरह जब नेकदिल लोग, परमेश्वर के बारे में सच्चाई सीखते हैं तो इसका उनके दिल पर गहरा असर होता है। वे अपनी ज़िंदगी में बदलाव करने के लिए उभारे जाते हैं ताकि उनका ‘चाल-चलन प्रभु के योग्य हो और वे सब प्रकार से यहोवा को प्रसन्न कर सकें।’—कुलु. 1:9,10; 3:9,10.
2 अध्ययन की एक नयी किताब: बाइबल सिखाती है किताब में शुरू से ही यहोवा के गुणों के बारे में खुलकर बताया गया है। इसके सबसे पहले अध्याय में इन सवालों के जवाब दिए गए हैं: क्या परमेश्वर सचमुच आपकी परवाह करता है?, परमेश्वर असल में कैसा है?, और क्या हम परमेश्वर के करीब आ सकते हैं? इस अध्याय में यह भी बताया गया है कि यहोवा पवित्र है (पैरा. 10), वह न्यायी और करुणामय है (पैरा. 11), वह प्यार करनेवाला परमेश्वर है (पैरा. 13), उसके पास असीम शक्ति है (पैरा. 16), वह दयालु, अनुग्रहकारी, माफ करनेवाला, धीरज धरनेवाला और वफादार परमेश्वर भी है (पैरा. 19)। इस अध्याय का 20वाँ पैराग्राफ, इन सारी बातों का निचोड़ यूँ देता है: “यहोवा के बारे में आप जितना ज़्यादा सीखेंगे, उसका वजूद आपको उतना ही सच्चा लगेगा। तब आपके दिल में यहोवा के लिए प्यार बढ़ेगा और आप खुद को उसके और करीब महसूस करेंगे।”
3 हम अपने बाइबल विद्यार्थियों को यहोवा के करीब आने में मदद देने के लिए, बाइबल सिखाती है किताब का कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं? जिस पैराग्राफ में यहोवा के किसी गुण के बारे में बताया गया है, उस पर चर्चा करने के बाद हम विद्यार्थी से पूछ सकते हैं: “इससे यहोवा की शख्सियत के बारे में आप क्या सीखते हैं?” या “यह गुण कैसे दिखाता है कि परमेश्वर को आपकी परवाह है?” अध्ययन के दौरान कभी-कभी इस तरह के सवाल पूछने से, हम अपने विद्यार्थी को सीखी बातों पर मनन करना सिखाते हैं और उसे यहोवा के बेजोड़ गुणों को समझने और उनके लिए कदर बढ़ाने में मदद देते हैं।
4 अध्याय के आखिर में दिया बक्स इस्तेमाल कीजिए: हर अध्याय पर चर्चा खत्म करने के बाद, बक्स “बाइबल यह सिखाती है” में दिए हरेक मुद्दे पर विद्यार्थी को अपने शब्दों में कुछ बताने के लिए कहिए। इसमें दी आयतों के हवालों पर भी उसका ध्यान दिलाइए। इसके अलावा, विद्यार्थी के दिल में क्या है, यह जानने के लिए आप कभी-कभार उससे पूछ सकते हैं, “इस मुद्दे पर बाइबल जो सिखाती है, उसके बारे में आप कैसा महसूस करते हैं?” ऐसा करने से आप न सिर्फ अध्याय के खास मुद्दों पर ज़ोर दे पाएँगे, बल्कि यह भी जान पाएँगे कि विद्यार्थी दिल से क्या मानता है। नतीजा, विद्यार्थी यहोवा के साथ एक रिश्ता कायम करने लगेगा।