हम अपने सुअवसरों की दिलो-जान से कदर करते हैं
जब से इंसान वजूद में है, तब से यहोवा ने अपने सेवकों को तरह-तरह के सुअवसर दिए हैं। और जब भी उसने उन्हें सुअवसर दिए, तो यह नहीं देखा कि वे स्त्री हैं या पुरुष, बूढ़े हैं या जवान, या फिर समाज के किस तबके से हैं। (लूका 1:41, 42; प्रेरि. 7:46; फिलि. 1:29) आज यहोवा ने हमें कौन-से सुअवसर या सम्मान दिए हैं?
2 हमें मिले कुछ सम्मान: एक सम्मान यह है कि हम यहोवा से सिखलाए जाते हैं। (मत्ती 13:11, 15) इसके अलावा, कलीसिया की सभाओं में अपने जवाबों से यहोवा की स्तुति करना, एक और बढ़िया सम्मान है जिसकी हम दिलो-जान से कदर करते हैं। (भज. 35:18) इसलिए, जब हमें जवाब देने का मौका मिलता है, तो हम गर्मजोशी के साथ ऐसा करते हैं। उसी तरह, अगर हम कलीसिया के हर काम को एक सम्मान समझें, तो उसे पूरा करने में हम अपना तन-मन लगा देंगे। क्या हम नियमित तौर पर राज्य घर की साफ-सफाई करने और उसे अच्छी हालत में रखने के ज़रिए दिखाते हैं कि हम इस काम को एक सम्मान समझते हैं?
3 आज लाखों लोग इस उलझन में हैं कि क्या उनकी प्रार्थनाएँ सुनी जाती हैं। लेकिन उनके मुकाबले हमें यह बेजोड़ आशीष मिली है कि हमारी प्रार्थनाएँ विश्व की सबसे महान हस्ती, यहोवा सुनता है। (नीति. 15:29) उसने हमारी प्रार्थनाएँ सुनने के लिए किसी और को नहीं ठहराया, बल्कि वह खुद हमारी सुनता है। (1 पत. 3:12) और हम जितनी बार चाहें उससे प्रार्थना कर सकते हैं, उसकी तरफ से कोई रोक-टोक नहीं है। वाकई, हमें यह क्या ही अनमोल वरदान मिला है कि हम यहोवा से “हर समय” प्रार्थना कर सकते हैं!—इफि. 6:18.
4 “परमेश्वर के सहकर्मी”: हमें जो-जो सम्मान मिले हैं, उनमें से सबसे बढ़िया सम्मान है, “परमेश्वर के सहकर्मी” होना और उसके राज्य का सुसमाचार सुनाना। (1 कुरि. 3:9) यह एक ऐसा काम है जिससे हमें सच्ची खुशी मिलती है और हम तरो-ताज़ा महसूस करते हैं। (यूह. 4:34) दरअसल देखा जाए तो इस काम को पूरा करने के लिए, यहोवा को इंसानों की कोई ज़रूरत नहीं है। फिर भी, उसने यह काम हमें सौंपा है। इससे ज़ाहिर होता है कि वह हमसे कितना प्यार करता है। (लूका 19:39, 40) लेकिन यह बात भी सच है कि यहोवा ने हर किसी को यह सम्मान नहीं दिया है। घर-घर के प्रचार में सिर्फ वे लोग ही हिस्सा ले सकते हैं, जो बाइबल में दी कुछ माँगों को पूरा करते हैं और लगातार उनके मुताबिक चलते हैं। (यशा. 52:11) क्या हम प्रचार काम को अपने हर हफ्ते के शेड्यूल का एक अहम हिस्सा बनाकर दिखाते हैं कि हम इस सम्मान की दिल से कदर करते हैं?
5 यहोवा ने हमें जो सुअवसर दिए हैं, उनकी बदौलत हमें सच्चा सुख और जीने का एक मकसद मिलता है। (नीति. 10:22) इन सुअवसरों को हमें कभी-भी कम नहीं आँकना चाहिए! इसके बजाय, हमें अपने कामों से दिखाना चाहिए कि हम सेवा के इन सुअवसरों की दिलो-जान से कदर करते हैं। ऐसा करके हम स्वर्ग में रहनेवाले अपने पिता को खुश करेंगे, जो “हर एक [अच्छे] वरदान और हर एक उत्तम दान” का देनेवाला है।—याकू. 1:17.