पत्रिकाएँ पेश करने के लिए क्या कहना चाहिए
प्रहरीदुर्ग जुलाई से सितंबर
“हम सभी को ज़िंदगी में मुश्किलों से गुज़रना पड़ता है। [कुछ ऐसी मुश्किलों के बारे में बताइए जो आपके इलाके में आम हों।] क्या आपको लगता है कि इन मुश्किलों का सामना करने में परमेश्वर हमारी मदद कर सकता है? [जवाब के लिए रुकिए। अगर घर-मालिक चर्चा करने में दिलचस्पी दिखाता है और बाइबल की एक आयत सुनने के लिए राज़ी होता है, तो चर्चा जारी रखिए।] एक तरीका जिससे परमेश्वर हमें हिम्मत देता और हमारी मदद करता वह यह है। [लूका 11:13 पढ़िए।] यह पत्रिका बताती है कि पवित्र शक्ति क्या है और यह कैसे हमारी मदद कर सकती है।”
सजग होइए! जुलाई से सितंबर
“अकसर जवान अकेले में कुछ पल बिताने की चाहत रखते हैं। आप क्या सोचते हैं, इस मामले में जवान और माता-पिता कैसे सही नज़रिया बनाए रख सकते हैं? [जवाब के लिए रुकिए।] क्या मैं आपको परमेश्वर की दी एक हिदायत दिखा सकता हूँ, जिसे माता-पिता और बच्चे ध्यान में रख सकते हैं? [अगर घर-मालिक राज़ी होता है, तो इफिसियों 6:4 पढ़िए।] यह लेख अकेले में कुछ पल बिताने के मामले में माता-पिता और बच्चों को कुछ कारगर सुझाव देता है।”
प्रहरीदुर्ग अक्टूबर से दिसंबर
“क्या आपने कभी सोचा है कि दुनिया में इतनी दुख-तकलीफें क्यों हैं? [जवाब के लिए रुकिए।] आज कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है। एक बार एक व्यक्ति ने भी कुछ ऐसा ही सवाल पूछा, क्या मैं आपको वह दिखा सकता हूँ? [अगर घर-मालिक दिलचस्पी दिखाता है, तो भजन 10:1 पढ़िए।] यह पत्रिका बताती है कि परमेश्वर ने दुख-तकलीफों को क्यों रहने दिया और वह इन्हें दूर करने के लिए क्या कर रहा है, इस बारे में शास्त्र में क्या लिखा है?
सजग होइए! अक्टूबर से दिसंबर
“क्या आपको लगता है कि दुनिया में आए आर्थिक संकट में जल्द ही कोई सुधार होगा? [जवाब के लिए रुकिए।] बहुत-से लोग इस बात से अनजान हैं कि परमेश्वर की बुद्धि-भरी सलाहें कैसे इन कठिन समयों में हमारी मदद कर सकती हैं। [अगर घर-मालिक दिलचस्पी दिखाता है, तो लेख में दी एक आयत पढ़िए।] यह लेख बताता है कि सृष्टिकर्ता की सलाह तंगी के वक्त हमारी मदद कर सकती है।” पेज 20 पर दिया लेख दिखाइए।