परमेश्वर की सुनने में लोगों की मदद कीजिए
1. ‘परमेश्वर का राज आए!’ ज़िला अधिवेशन में हमें कौन-से ब्रोशर मिले? प्रचार के लिए ये ब्रोशर क्यों बेहतरीन हैं?
‘परमेश्वर का राज आए!’ ज़िला अधिवेशन में हमें दो नए ब्रोशर मिले, परमेश्वर की सुनिए और हमेशा जीवित रहिए और इसी का एक और सरल ब्रोशर परमेश्वर की सुनिए। इनमें बहुत कम शब्द दिए गए हैं, इसलिए इनका अनुवाद आसानी से और जल्दी किया जा सकता है। दरअसल, परमेश्वर की सुनिए और हमेशा जीवित रहिए ब्रोशर को जब अँग्रेज़ी में रिलीज़ किया गया, तो उस वक्त तक इसे 431 भाषाओं में अनुवाद करने की मंज़ूरी मिल गयी थी।
2. ये ब्रोशर किन लोगों के लिए फायदेमंद होंगे?
2 ये ब्रोशर खासकर किन लोगों के लिए फायदेमंद होंगे? ध्यान दीजिए कि दुनिया-भर में अकसर कैसे हालात उठते हैं:
• एक प्रचारक को पहली मुलाकात में या वापसी भेंट के दौरान चर्चा करते वक्त पता चलता है कि घर-मालिक अनपढ़ है या फिर उसे बहुत कम पढ़ना-लिखना आता है।
• एक प्रचारक ऐसी भाषा बोलनेवालों से बात करता है जिसमें या तो हमारा एक भी साहित्य नहीं है या फिर बहुत कम साहित्य का अनुवाद किया गया है। या फिर वह ऐसे इलाके में प्रचार करता है जहाँ लोग कोई भाषा आसानी से बोल तो लेते हैं मगर पढ़ नहीं पाते।
• एक प्रचारक अपने इलाके में बधिरों को प्रचार करने के लिए साइन लैंग्वेज का इस्तेमाल करता है।
• माता-पिता अपने छोटे बच्चे को सच्चाई सिखाना चाहते हैं, जिसने पढ़ना-लिखना शुरू नहीं किया।
3. परमेश्वर की सुनिए ब्रोशर में क्या-क्या दिया गया है?
3 ब्रोशर पर एक सरसरी नज़र: परमेश्वर की सुनिए ब्रोशर में बहुत ही कम शब्द दिए गए हैं, मुख्य मुद्दा बताने के लिए ज़्यादातर पन्नों के आखिर में एक छोटा-सा वाक्य और एक आयत दी गयी है। मगर इसमें कम शब्द क्यों दिए गए हैं? फर्ज़ कीजिए, कोई आपको एक ऐसी भाषा में पत्रिका देता है जो आपको पढ़नी ही नहीं आती। भले ही उसमें सुंदर-सुंदर तसवीरें हों, लेकिन अगर आपके लिए उसमें लिखे अक्षर अजीबो-गरीब हों, तो क्या आप उसे लेना पसंद करेंगे? शायद नहीं। उसी तरह, जिन्हें पढ़ना-लिखना नहीं आता वे ऐसी किताबों को देखकर घबरा जाते हैं जो शब्दों से भरी पड़ी हों। इसलिए हर पेज पर बड़ी-बड़ी तसवीरें बहुत ध्यान से तैयार की गयी हैं और तीर के निशान दिए गए हैं ताकि चर्चा करने के लिए आसानी हो कि कौन-सी तसवीर किसके बाद आती है।
4. परमेश्वर की सुनिए और हमेशा जीवित रहिए ब्रोशर में क्या-क्या दिया गया है?
4 परमेश्वर की सुनिए और हमेशा जीवित रहिए ब्रोशर में हू-ब-हू वही तसवीरें दी गयी हैं जो परमेश्वर की सुनिए ब्रोशर में हैं। इसे उन लोगों के साथ अध्ययन करने के लिए तैयार किया गया है जो कम पढ़े-लिखे हैं या जो पढ़ना सीख रहे हैं। अगर एक प्रचारक किसी के साथ परमेश्वर की सुनिए ब्रोशर से अध्ययन कर रहा है, तो वह खुद परमेश्वर की सुनिए और हमेशा जीवित रहिए ब्रोशर का इस्तेमाल कर सकता है। इसमें हर पाठ दो पन्नों का है और ऊपर बायीं तरफ एक सवाल दिया गया है, जिसका जवाब उन्हीं पन्नों पर है। तसवीरों को थोड़े शब्दों में समझाया गया है और आयतों के हवाले भी दिए गए हैं। कई पन्नों में नीचे की तरफ कोने में एक हल्के रंग का बक्स है, जिसमें उसी विषय से जुड़े और भी कुछ मुद्दे और आयतें दी गयी हैं। विद्यार्थी की काबिलीयत के मुताबिक इन पर चर्चा की जा सकती है।
5. कब और कैसे इन ब्रोशर को पेश किया जा सकता है?
5 इन्हें कैसे इस्तेमाल करें: अगर आपको लगता है कि घर-घर प्रचार में इन दोनों ब्रोशर में से किसी एक को पेश करना फायदेमंद है, तो आप इन्हें पेश कर सकते हैं, फिर चाहे ये उस महीने की पेशकश हों या न हों। (बक्स “इन्हें कैसे पेश करें” देखिए।) आप इन्हें वापसी भेंट करते वक्त भी पेश कर सकते हैं। आप घर-मालिक से कह सकते हैं कि आप उसे कुछ दिखाना चाहते हैं और फिर उसे कोई भी एक ब्रोशर दे सकते हैं।
6. हम इन ब्रोशर के ज़रिए बाइबल अध्ययन कैसे चलाएँगे?
6 परमेश्वर की सुनिए ब्रोशर में सवाल नहीं दिए गए हैं, इसलिए जैसे हम बाइबल सिखाती है किताब का अध्ययन करते वक्त सवाल-जवाब करते हैं, इस पर वैसी चर्चा नहीं की जानी चाहिए। हर संस्कृति के लोगों को कहानियाँ सुनना पसंद है। इसलिए इसमें दी तसवीरों के ज़रिए, परमेश्वर की प्रेरणा से बाइबल में दर्ज़ कहानियाँ सुनाइए। समझाइए कि इन तसवीरों में क्या दिखाया गया है। जोश के साथ बात कीजिए। विद्यार्थी से पूछिए कि वह इन तसवीरों में क्या देख रहा है और इनके बारे में क्या सोचता है। हर पन्ने के नीचे दी आयतें पढ़िए और फिर उसे समझाइए कि आयत क्या कहती है। बीच-बीच में सवाल पूछिए ताकि वह चर्चा में हिस्सा ले सके और आप जान सकें कि उसे कितना समझ आ रहा है। अगर वह परमेश्वर की सुनिए और हमेशा जीवित रहिए ब्रोशर इस्तेमाल कर रहा है तो हर तसवीर पर चर्चा करते वक्त, साथ मिलकर उसमें दी जानकारी और आयत पढ़िए।
7. हम अपने बाइबल विद्यार्थी को तरक्की करने में कैसे मदद दे सकते हैं?
7 तरक्की करने में विद्यार्थी की मदद कीजिए: उम्मीद है कि इस तरह की चर्चा से विद्यार्थी के मन में खुद पढ़ने-लिखने की इच्छा जागे ताकि वह यहोवा के बारे में ज्ञान लेता रह सके। (मत्ती 5:3; यूह. 17:3) इसलिए अगर आप परमेश्वर की सुनिए ब्रोशर से चर्चा कर रहे हैं, तो कुछ वक्त बाद आप विद्यार्थी को पढ़ना-लिखना सिखाने की पेशकश कर सकते हैं। और फिर आगे की चर्चा परमेश्वर की सुनिए और हमेशा जीवित रहिए ब्रोशर से जारी रख सकते हैं। मगर याद रखिए कि विद्यार्थी चाहे इन दोनों ब्रोशर में से किसी से भी अध्ययन करे, वह इनके खत्म होने पर बपतिस्मे के लिए तैयार नहीं हो जाएगा। आपको बाइबल सिखाती है किताब या किसी और साहित्य से भी अध्ययन करवाना होगा, जिससे विद्यार्थी को बाइबल की अच्छी समझ मिल सके।
8. आप इन नए ब्रोशर के लिए क्यों शुक्रगुज़ार हैं?
8 अगर लोग हमेशा तक जीना चाहते हैं, तो उन्हें इस विश्व के महाराजाधिराज की सुननी होगी। (यशा. 55:3) यहोवा की मरज़ी है कि ‘सब किस्म के लोग’ उसकी सुनें, जिनमें अनपढ़ लोग भी शामिल हैं। (1 तीमु. 2:3, 4) हम इन नए ब्रोशर के लिए कितने शुक्रगुज़ार हैं, जिनकी मदद से हम लोगों को सिखा सकते हैं कि वे कैसे परमेश्वर की सुनें।
[पेज 3 पर बक्स]
इन्हें कैसे पेश करें
घर-मालिक को पेज 2-3 दिखाइए और कहिए: “क्या आप ऐसी दुनिया में जीना चाहेंगे? [जवाब के लिए रुकिए।] पवित्र शास्त्र वादा करता है कि परमेश्वर जल्द ही इस धरती को एक खूबसूरत जगह में तबदील कर देगा जहाँ चारों तरफ शांति होगी। उस वक्त कोई भी गरीब या बीमार नहीं होगा। ध्यान दीजिए कि वहाँ रहने के लिए हमें क्या करना होगा। [पेज 3 के ऊपर दी आयत, यशायाह 55:3 पढ़िए।] यह आयत बताती है कि हमें परमेश्वर के ‘पास’ जाना है और उसकी ‘सुनना’ है। लेकिन हम परमेश्वर की बात कैसे सुन सकते हैं?” पेज 4-5 खोलिए और इस सवाल के जवाब पर चर्चा कीजिए। अगर घर-मालिक के पास समय नहीं है, तो उसे ब्रोशर दीजिए और इस सवाल के जवाब पर चर्चा करने के लिए दोबारा मिलने का इंतज़ाम कीजिए।