पेशकश के नमूने
प्रहरीदुर्ग अक्टूबर से दिसंबर
“कई लोग मानते हैं कि ज़रूरत की घड़ी में जब वे प्रार्थना करते हैं तो परमेश्वर उनकी सुनता है। लेकिन कुछ ऐसे हैं जो कहते हैं, ‘अगर परमेश्वर है तो फिर दुनिया में इतनी मुसीबतें क्यों हैं?’ आपको क्या लगता है, क्या परमेश्वर हमारी प्रार्थनाएँ सुनता है? [जवाब के लिए रुकिए।] क्या मैं आपको शास्त्र से एक आयत दिखा सकता हूँ जो बताती है कि कोई है जो हमारी प्रार्थनाएँ सुनता है? [अगर घर-मालिक राज़ी हो तो भजन 65:2 पढ़िए।] बहुत-से लोग इस बात से सहमत होते हैं। यह पत्रिका इस सवाल का जवाब देती है, ‘प्रार्थनाओं का सुननेवाला क्यों दुख-तकलीफें दूर नहीं करता?’”