प्रचारकों के सवाल
◼ एक बपतिस्मा-रहित प्रचारक को बपतिस्मे की मंज़ूरी मिलने से पहले, किस हद तक सभाओं में हाज़िर होना चाहिए और कितने समय तक प्रचार काम में हिस्सा लेना चाहिए?
बपतिस्मा लेना एक व्यक्ति का सबसे अहम फैसला होता है। इसलिए बपतिस्मे से पहले उसे अच्छी तरह पता होना चाहिए कि परमेश्वर उससे क्या माँग करता है। इसके अलावा, उसके जीने के तरीके से ज़ाहिर होना चाहिए कि उसने परमेश्वर की माँगों के मुताबिक जीने का पक्का इरादा किया है।
मसीहियों को आज्ञा दी गयी है कि वे एक साथ इकट्ठा होना न छोड़ें। (इब्रा. 10:24, 25) इसलिए एक बपतिस्मा-रहित प्रचारक को बपतिस्मा लेने से पहले मसीही सभाओं में नियमित तौर पर हाज़िर होने का अच्छा रिकॉर्ड कायम करना चाहिए। साथ ही, उसे जवाब देने के ज़रिए मसीही सभाओं में हिस्सा लेना चाहिए। आम तौर पर, बपतिस्मा लेने से पहले विद्यार्थी परमेश्वर की सेवा स्कूल में अपना नाम दर्ज़ कराता है, हालाँकि यह एक माँग नहीं है।
इसके अलावा, मसीहियों को राज की खुशखबरी का प्रचार करने और चेला बनाने की आज्ञा दी गयी है। इसलिए एक बपतिस्मा-रहित प्रचारक को बपतिस्मे से पहले ही बिना-नागा प्रचार में हिस्सा लेना चाहिए। (मत्ती 24:14; 28:19, 20) बपतिस्मा लेने से पहले, उसे कितने महीनों तक प्रचार काम में हिस्सा लेना चाहिए? ज़ाहिर है, उसे इतना समय देना चाहिए जिससे वह प्रचार काम में हर महीने जोश के साथ हिस्सा लेने का अपना इरादा ज़ाहिर कर सके। (भज. 78:37) लेकिन यह ज़रूरी नहीं कि लंबे समय तक प्रचार काम करने के बाद ही, एक व्यक्ति बपतिस्मे के योग्य ठरहता है, कुछ महीने भी काफी हैं। उसे प्रचार की रिपोर्ट में कितने घंटे डालने चाहिए? इसके लिए कोई सख्त नियम नहीं है। प्राचीनों को चाहिए कि वे हर व्यक्ति के हालात निजी तौर पर जानें और उनसे हद-से-ज़्यादा की माँग न करें।—लूका 21:1-4.
जब भी प्राचीन (या सहायक सेवक जिन मंडलियों में प्राचीन कम हैं) बपतिस्मा के उम्मीदवार से मिलते हैं, तो वे ध्यान रखते हैं कि हर व्यक्ति के हालात अलग-अलग होते हैं। इसलिए वे अच्छी समझ और सूझ-बूझ से तय करते हैं कि वह बपतिस्मे के काबिल है या नहीं। वे चाहते हैं कि उम्मीदवार में यहोवा का साक्षी बनने की दिली ख्वाहिश हो, उसके लिए परमेश्वर के लोगों के साथ संगति करना और प्रचार में हिस्सा लेना एक सम्मान की बात हो। प्राचीन इस बात को समझते हैं कि वह अभी आध्यात्मिक तौर पर प्रौढ़ नहीं बना है और न ही उसके पास बपतिस्मा-शुदा प्रचारकों की तरह अनुभव या काबिलीयत है। अगर प्राचीनों को लगता है कि उम्मीदवार बपतिस्मे के योग्य नहीं है, तो वे बाइबल से अपने इस फैसले की वजह उसे बताते हैं और आध्यात्मिक तौर पर उसे ज़रूरी मदद देते हैं।