जीएँ मसीहियों की तरह
“पौलुस ने परमेश्वर को धन्यवाद दिया और हिम्मत पायी”
जब रोम की मंडली ने सुना कि पौलुस वहाँ आ रहा है, तो कुछ भाई करीब 64 किलोमीटर सफर करके उससे मिलने गए। उनका यह प्यार और त्याग देखकर पौलुस को कैसा लगा? उसने ‘भाइयों को देखते ही परमेश्वर को धन्यवाद दिया और हिम्मत पायी।’ (प्रेष 28:15) अकसर पौलुस मंडलियों का दौरा करता और उन्हें मज़बूत करता था। मगर इस बार उसे भाइयों से हौसला मिला क्योंकि इस वक्त वह एक कैदी था।—2कुर 13:10.
आज सर्किट निगरान मंडलियों का दौरा करते हैं और भाई-बहनों को मज़बूत करते हैं। परमेश्वर के बाकी लोगों की तरह, वे भी कई बार थक जाते हैं, निराश हो जाते हैं और चिंता का सामना करते हैं। इसलिए अगली बार जब सर्किट निगरान और उसकी पत्नी आपकी मंडली में आएँ, तो सोचिए कि आप उनकी हिम्मत कैसे बढ़ा सकते हैं? ऐसा करने से आप “एक-दूसरे का हौसला बढ़ा” सकेंगे।—रोम 1:11, 12.
प्रचार की सभाओं में जाइए। इस खास हफ्ते से फायदा पाने के लिए जब प्रचारक त्याग करते हैं, तो सर्किट निगरान को बहुत हौसला मिलता है। (1थि 1:2, 3; 2:20) भाई के दौरेवाले महीने सहयोगी पायनियर सेवा करने की कोशिश कीजिए। आप भाई और उसकी पत्नी के साथ प्रचार कर सकते हैं या उनमें से एक को बाइबल अध्ययन पर ले जा सकते हैं। उन्हें अलग-अलग प्रचारकों के साथ सेवा करना अच्छा लगता है, उन लोगों के साथ भी जो नए हैं या खुद को इतने काबिल नहीं समझते।
मेहमान-नवाज़ी कीजिए। क्या आप सर्किट निगरान और उसकी पत्नी को अपने घर ठहरा सकते हैं या खाने पर बुला सकते हैं? उन्हें यह देखकर बहुत खुशी होगी कि आप उनसे कितना प्यार करते हैं। आपको उनकी बढ़-चढ़कर खातिरदारी नहीं करनी है क्योंकि वे भी ऐसा नहीं चाहते।—लूक 10:38-42.
भाई की हिदायतें और सलाह सुनिए और मानिए। सर्किट निगरान हमें प्यार से समझाता है कि हम यहोवा की सेवा और अच्छी तरह कैसे कर सकते हैं। शायद वह हमें कड़ी सलाह भी दे। (1कुर 5:1-5) अगर हम हिदायतें मानें और अधीन रहें, तो उसे बहुत खुशी होगी।—इब्र 13:17.
उनका धन्यवाद कीजिए। सर्किट निगरान और उसकी पत्नी को बताइए कि उनकी मेहनत से आपको कितना फायदा हुआ है। आप चाहे तो यह बात कार्ड पर लिखकर भी उन्हें दे सकते हैं।—कुलु. 3:15.