वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • mwb22 जनवरी पेज 15
  • शाऊल पहले नम्र था

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • शाऊल पहले नम्र था
  • हमारी मसीही ज़िंदगी और सेवा — सभा पुस्तिका—2022
  • मिलते-जुलते लेख
  • गुस्ताखी करने से अपमान ही होता है
    हमारी मसीही ज़िंदगी और सेवा — सभा पुस्तिका—2022
  • ‘मानना तो बलि चढ़ाने से उत्तम है’
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2011
  • आज्ञा मानना बलिदान चढ़ाने से बढ़कर है
    हमारी मसीही ज़िंदगी और सेवा — सभा पुस्तिका—2022
  • यीशु ने शाऊल को चुना
    बाइबल से सीखें अनमोल सबक
और देखिए
हमारी मसीही ज़िंदगी और सेवा — सभा पुस्तिका—2022
mwb22 जनवरी पेज 15

पाएँ बाइबल का खज़ाना

शाऊल पहले नम्र था

शाऊल नम्र था, इसलिए वह राजा बनने से झिझक रहा था (1शम 9:21; 10:20-22; प्र20.08 पेज 10 पै 11)

जब कुछ लोग उसे बुरा-भला कह रहे थे, तो वह गुस्सा नहीं हुआ (1शम 10:27; 11:12, 13; प्र14 3/15 पेज 9 पै 8)

जब शाऊल को पवित्र शक्‍ति से मार्गदर्शन मिला, तो उसने उसके मुताबिक काम किया (1शम 11:5-7; प्र95 12/15 पेज 10 पै 1)

एक प्राचीन एक बहन को बाइबल से आयत पढ़कर सुना रहा है और उस बहन के हाथ में शादी का न्यौता है।

अगर हम नम्र होंगे, तो हम अपनी ज़िम्मेदारियों और काबिलीयतों को यहोवा से मिले तोहफे समझेंगे। (रोम 12:3, 16; 1कुर 4:7) और यहोवा के पवित्र शक्‍ति के मार्गदर्शन पर चलेंगे।

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें