वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • yb17 पेज 172-176
  • सौ साल पहले—1917

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • सौ साल पहले—1917
  • 2017 यहोवा के साक्षियों की सालाना किताब
  • उपशीर्षक
  • मिलते-जुलते लेख
  • परीक्षा और छँटाई
  • मुश्‍किलों के बावजूद बढ़ोतरी
  • परीक्षा और छँटाई आगे भी जारी
  • 1919—सौ साल पहले
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (अध्ययन)—2019
  • यहोवा काम के लिए अपने लोगों को एकत्रित और सुसज्जित करता है
    यहोवा के गवाह—विश्‍व भर में संयुक्‍त रूप से परमेश्‍वर की इच्छा पूरी करते हैं
2017 यहोवा के साक्षियों की सालाना किताब
yb17 पेज 172-176
अमरीकी राज्य वॉशिंगटन के ताकोमा शहर में बाइबल विद्यार्थियों का अधिवेशन

अमरीकी राज्य वॉशिंगटन के ताकोमा शहर में बाइबल विद्यार्थियों का अधिवेशन

सौ साल पहले—1917

1 जनवरी, 1917 की प्रहरीदुर्ग में कहा गया था, “नए साल की शुरूआत एक ऐसे माहौल में हो रही है जब पूरी दुनिया में युद्ध चल रहा है, खलबली मची है और खून-खराबा हो रहा है।” जी हाँ, पहला विश्‍व युद्ध, जो उस वक्‍त महायुद्ध कहलाता था, यूरोप में ज़ोरों पर था और पूरी दुनिया में मारकाट मची थी।

उन दिनों बाइबल विद्यार्थियों को इस बात की पूरी समझ नहीं थी कि मसीहियों को सही मायनों में कैसे निष्पक्ष रहना चाहिए। फिर भी यह बात काबिले-तारीफ है कि उनमें से कइयों ने खून के दोषी न बनने की पूरी कोशिश की। मिसाल के लिए, इंग्लैंड के रहनेवाले 19 साल के स्टैनली विलस ने ठान लिया था कि वह निष्पक्ष रहेगा। जब उस पर मुकदमा चलाया गया तो अदालत में जाने से पहले उसने लिखा, “मेरे लिए यह बड़े सम्मान की बात है कि मुझे इस बारे में गवाही देने का मौका मिला है। आज सुबह कर्नल ने कहा कि मुझे सैनिक की वर्दी पहनने का आदेश दिया जाएगा। अगर मैंने इनकार किया तो मेरा कोर्ट-मार्शल किया जाएगा।”

स्टैनली अपने फैसले पर बना रहा, इसलिए उसे जेल में कड़ी मज़दूरी करने की सज़ा दी गयी। फिर भी वह निराश नहीं हुआ। दो महीने बाद उसने लिखा, “सच्चाई से मिलनेवाली ‘शक्‍ति’ से एक इंसान ऐसी तकलीफें सह पाता है . . . जिन्हें सहना दूसरों के लिए बहुत मुश्‍किल है।” उसने जेल में अपने समय का अच्छा इस्तेमाल किया। उसने कहा, “हाल ही में आयी परीक्षाओं के दौरान मुझे एक बड़ी आशीष मिली। वह यह कि मुझे शांत माहौल मिला है जिसमें मैं प्रार्थना, मनन और अध्ययन कर पाता हूँ।”

कुछ समय बाद अमरीका भी उस युद्ध में शामिल हो गया। दो अप्रैल, 1917 को राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने अपने एक भाषण में अमरीकी कांग्रेस से कहा कि वह जर्मनी के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दे। चार दिन बाद अमरीका युद्ध करने लगा। जल्द ही अमरीका के मसीहियों को निष्पक्ष रहने के मसले का सामना करना पड़ा।

सैनिकों की बहुत ज़रूरत थी, इसलिए मई में अमरीकी सरकार ने एक अधिनियम जारी किया जिसके तहत वह हज़ारों आदमियों को सेना में भरती कर सकती थी। एक महीने बाद एक और अधिनियम जारी किया गया जिसके मुताबिक युद्ध में साथ न देना अपराध होता। कुछ ही समय के अंदर सच्चाई के दुश्‍मनों ने यहोवा के शांति-पसंद लोगों पर यह नियम लागू किया और इस तरह “कानून की आड़ में” उनके लिए “मुसीबत खड़ी” कर दी।—भज. 94:20.

पूरी दुनिया में हो रहे युद्ध की वजह से जो खलबली मची थी, उसे देखकर बाइबल विद्यार्थियों को कोई हैरानी नहीं हुई। वे कई सालों से लोगों का ध्यान बाइबल की उन भविष्यवाणियों की तरफ खींच रहे थे जिनमें बताया गया था कि ऐसे हालात होंगे। लेकिन बाद में जब यहोवा के कुछ लोगों के बीच मतभेद पैदा हो गया तो कई बाइबल विद्यार्थी हैरान रह गए।

परीक्षा और छँटाई

भाई चार्ल्स टेज़ रसल की मौत के कुछ ही समय बाद अमरीका में बाइबल विद्यार्थियों के बीच समस्या खड़ी हो गयी। मसला यह था कि अब से यहोवा के सेवकों के कामों की देखरेख कैसे की जाएगी। भाई रसल ने 1884 में ज़ायन्स वॉच टावर ट्रैक्ट सोसाइटी नाम के कानूनी निगम की शुरूआत की थी और वे अक्टूबर 1916 में अपनी मौत तक उसके अध्यक्ष रहे थे। उनकी मौत के बाद जब भाई जोसेफ एफ. रदरफर्ड अगुवाई करने लगे तो संगठन के कुछ खास आदमी ज़्यादा अधिकार पाने की कोशिश करने लगे। उनमें से चार जन निदेशक मंडल के सदस्य थे।

उन चारों को और दूसरे कई लोगों को भाई रदरफर्ड के फैसले पसंद नहीं आते थे। एक मामला पॉल एस. एल. जॉनसन को लेकर था, जो एक सफरी निगरान था।

भाई रसल ने अपनी मौत से कुछ ही समय पहले यह इंतज़ाम किया था कि जॉनसन को संगठन का एक प्रतिनिधि बनाकर इंग्लैंड भेजा जाए। वहाँ उसे खुशखबरी सुनानी थी, मंडलियों का दौरा करना था और उस इलाके में होनेवाले प्रचार काम की रिपोर्ट भेजनी थी। जब जॉनसन नवंबर 1916 में इंग्लैंड पहुँचा तो भाइयों ने प्यार से उसका स्वागत किया। अफसोस की बात है कि यह खास सम्मान पाकर जॉनसन घमंडी हो गया। वह मान बैठा कि भाई रसल का पद उसी को मिलना चाहिए।

जब इंग्लैंड बेथेल के कुछ लोगों ने जॉनसन का विरोध किया तो उसने उन्हें बेथेल से निकाल दिया, जबकि ऐसा करने का उसे कोई अधिकार नहीं था। उसने लंदन में संगठन के बैंक खाते पर भी कब्ज़ा जमाने की कोशिश की। तभी भाई रदरफर्ड ने उसे अमरीका वापस बुला लिया।

जॉनसन ब्रुकलिन लौट आया। जब उसे सुधार के लिए सलाह दी गयी तो उसने नम्रता से उसे नहीं माना। इसके बजाय उसने बार-बार भाई रदरफर्ड को कायल करने की कोशिश की कि वे उसे वापस इंग्लैंड भेज दें ताकि वह वहाँ अपना काम जारी रखे। जब वह अपनी कोशिश में नाकाम रहा तो उसने निदेशक मंडल को अपनी तरफ करने की कोशिश की। मंडल के चार सदस्य उसकी तरफ हो गए।

भाई रदरफर्ड को लगा कि ये आदमी अमरीका में संगठन के पैसों पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर सकते हैं, ठीक जैसे जॉनसन ने इंग्लैंड में किया था। इसलिए भाई रदरफर्ड ने उन चारों को निदेशक मंडल से निकालने के लिए कदम उठाया। अमरीका के कानून की माँग थी कि निगम के सदस्य हर साल निदेशक मंडल के हर सदस्य को वोट देकर चुनें। मगर 6 जनवरी, 1917 को जब निगम की सालाना सभा हुई तो मंडल के सिर्फ तीन सदस्य चुने गए। वे थे जोसेफ एफ. रदरफर्ड, ऐन्ड्रू एन. पीयर्सन और विलियम ई. वैन ऐमबर्ग। तीनों में से एक ने अध्यक्ष की, दूसरे ने उप-अध्यक्ष की और तीसरे ने सचिव और खजांची की ज़िम्मेदारी सँभाली। निदेशक मंडल के बाकी चार पदों के लिए चुनाव नहीं रखा गया। इन चार पदों पर पहले वे चार आदमी थे जिन्होंने भाई रदरफर्ड का विरोध किया था। उन्हें बहुत पहले वोट डालकर चुना गया था। उस वक्‍त कुछ लोगों ने सोचा था कि वे चारों सारी ज़िंदगी इन पदों पर रहेंगे। मगर इस बार की सालाना सभा में उन्हें दोबारा नहीं चुना गया, इसलिए कानून के मुताबिक वे मंडल के सदस्य ही नहीं रहे! जुलाई 1917 में भाई रदरफर्ड ने अपने अधिकार का इस्तेमाल करके चार वफादार भाइयों को इन चार पदों पर ठहराया।

ताज्जुब की बात नहीं कि जिन चार निदेशकों को निकाल दिया गया था वे भड़क उठे। उन्होंने अपना पद वापस पाने के लिए एक अभियान चलाया। मगर वे नाकाम रहे। हालाँकि कुछ बाइबल विद्यार्थी उनकी तरफ हो गए और उन्होंने मिलकर दूसरे संगठन खड़े कर लिए, मगर ज़्यादातर बाइबल विद्यार्थी वफादार रहे। उन चारों आदमियों को फिर कभी निदेशक मंडल में उनका पद वापस नहीं मिला।

मुश्‍किलों के बावजूद बढ़ोतरी

इस दौरान भाई रदरफर्ड और बेथेल के दूसरे वफादार भाई राज के कामों को आगे बढ़ाने में लगे रहे। सफरी निगरानों की गिनती 69 से बढ़ाकर 93 कर दी गयी। पायनियरों की गिनती 372 से बढ़कर 461 हो गयी। इसके अलावा, पहली बार सहयोगी पायनियर ठहराए गए। कुछ मंडलियों में तो इस तरह के करीब 100 जोशीले पायनियर थे।

समाप्त रहस्य

17 जुलाई, 1917 को अँग्रेज़ी में एक नयी किताब समाप्त रहस्य रिलीज़ की गयी। उस साल के खत्म होते-होते इस किताब की सारी कॉपियाँ खत्म हो गयीं और जो कंपनी हमारी किताबें-पत्रिकाएँ छापती थी उससे इसकी 8,50,000 और कॉपियाँ छापने की गुज़ारिश की गयी।a

सन्‌ 1916 में भाई रसल ने बेथेल के काम को दोबारा संगठित करने का जो काम शुरू किया था वह 1917 में पूरा हो गया। उस साल के दिसंबर की प्रहरीदुर्ग में यह कहा गया: “बेथेल में सेवा करनेवालों को दोबारा संगठित करना . . . पूरा हो चुका है। अब बेथेल में काम बहुत बढ़िया चल रहा है और कुशलता से हो रहा है, ठीक जैसे एक अच्छी संस्था में होना चाहिए। . . . बेथेल में सेवा करनेवाले जानते हैं कि यहाँ सेवा करना उनका अधिकार नहीं बल्कि उन्हें मिला एक सम्मान है।”

सितंबर 1917 की प्रहरीदुर्ग में यह कहा गया: “1 जनवरी से [किताबों-पत्रिकाओं की छपाई में] बढ़ोतरी हुई है। सन्‌ 1916 के हर महीने से इस साल के हर महीने की तुलना करें तो यह बढ़ोतरी देखी जा सकती है। . . . यह इस बात का ठोस सबूत है कि यहाँ ब्रुकलिन में होनेवाले काम पर प्रभु की आशीष रही है।”

परीक्षा और छँटाई आगे भी जारी

जैसा कि हमने देखा, विरोध करनेवालों को संगठन से निकालकर उसे शुद्ध किया गया। और मंडलियों में हुए चुनावों के नतीजों से, जो प्रहरीदुर्ग में छापे गए थे, साफ ज़ाहिर हो गया कि ज़्यादातर भाइयों ने भाई रदरफर्ड और बेथेल के दूसरे वफादार भाइयों का साथ दिया था। मगर इन भाइयों की परीक्षा अब तक खत्म नहीं हुई थी। हालाँकि 1918 की शुरूआत अच्छी हुई, मगर हमारे नए ज़माने के इतिहास की सबसे मुश्‍किल घड़ी अब आनेवाली थी।

a सन्‌ 1920 तक हमारी सभी किताबें-पत्रिकाएँ दूसरी कंपनियाँ छापती थीं।

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें