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  • मत्ती 13:11
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 11 तब उसने यह जवाब दिया, “स्वर्ग के राज के पवित्र रहस्यों की समझ+ तुम्हें दी गयी है, मगर उन लोगों को नहीं दी गयी।

  • मत्ती 13:11
    नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
    • 11 जवाब में उसने कहा: “स्वर्ग के राज के पवित्र रहस्यों की समझ तुम्हें दी गयी है, मगर उन लोगों को नहीं दी गयी। 

  • मत्ती
    यहोवा के साक्षियों के लिए खोजबीन गाइड—2019 संस्करण
    • 13:11

      सभा पुस्तिका के लिए हवाले, 7/2019, पेज 1

      प्रहरीदुर्ग,

      2/15/2006, पेज 19-20

  • मत्ती अध्ययन नोट—अध्याय 13
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
    • 13:11

      पवित्र रहस्यों: नयी दुनिया अनुवाद में यूनानी शब्द मिस्टिरिऑन के लिए शब्द “पवित्र रहस्य” इस्तेमाल किए गए हैं और ये इस अनुवाद में करीब 25 बार आते हैं। इस आयत में यह शब्द बहुवचन में है और ये परमेश्‍वर के मकसद से जुड़ी उन बातों को दर्शाते हैं जिन्हें यहोवा अपने समय पर ज़ाहिर करता है। वह उन्हीं लोगों पर इन्हें ज़ाहिर करता है जिन्हें वह समझ देना चाहता है। (कुल 1:25, 26) जब यहोवा पवित्र रहस्यों को खोलता है, तो वह चाहता है कि ज़्यादा-से-ज़्यादा लोग इन्हें जानें। इसीलिए बाइबल में “पवित्र रहस्य” के साथ इस तरह के शब्द इस्तेमाल हुए हैं: “सुनाया,” “ज़ाहिर किया,” “प्रकट किया गया” और “प्रचार।” (1कुर 2:1; इफ 1:9; 3:3; कुल 1:25, 26; 4:3) ‘परमेश्‍वर के पवित्र रहस्यों’ में से एक अहम रहस्य वादा किए गए “वंश” या मसीहा की पहचान को लेकर था। आगे चलकर यह खुलासा हुआ कि वह वंश, यीशु मसीह है। (कुल 2:2; उत 3:15) इस पवित्र रहस्य के कई पहलू हैं जैसे, परमेश्‍वर के मकसद को पूरा करने के लिए यीशु क्या-क्या करेगा। (कुल 4:3) इस आयत में यीशु ने जो कहा, उससे पता चलता है कि ‘पवित्र रहस्य’ स्वर्ग के राज या “परमेश्‍वर के राज”से जुड़े हुए हैं। इस राज में यीशु राजा के तौर पर स्वर्ग से हुकूमत करेगा। (मर 4:11; लूक 8:10; कृपया मत 3:2 का अध्ययन नोट देखें।) प्राचीन रहस्यमयी धर्मों में यूनानी शब्द मिस्टिरिऑन जिस तरह इस्तेमाल किया जाता था और मसीही यूनानी शास्त्र में यह शब्द जिस तरह इस्तेमाल किया जाता है, यह एक-दूसरे से बिलकुल अलग है। उन धर्मों में प्रजनन के कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती थी और पहली सदी में वे धर्म फलने-फूलने लगे। उन धर्मों में सिखाया जाता था कि रहस्यमयी रीति-रिवाज़ों के ज़रिए उनके भक्‍तों को अमरता मिलेगी, दर्शन मिलेंगे और वे ईश्‍वरों तक पहुँच पाएँगे। उन धर्मों के रहस्य सच पर आधारित नहीं थे। जो लोग इन धर्मों में हिस्सा लेते थे, वे शपथ खाते थे कि वे रहस्यों को अपने तक रखेंगे और ज़ाहिर नहीं होने देंगे। जबकि मसीही धर्म में ‘पवित्र रहस्यों’ को खुलकर ज़ाहिर किया जाता था। लेकिन जब मूल यूनानी पाठ में शब्द मिस्टिरिऑन का नाता झूठी उपासना से है, तो नयी दुनिया अनुवाद में इस शब्द का अनुवाद सिर्फ “रहस्य” या “रहस्यमय” किया गया है।—मिस्टिरिऑन शब्द का अनुवाद तीन आयतों में “रहस्य” या “रहस्यमय” किया गया है। इन्हें देखने के लिए 2थि 2:7; प्रक 17:5, 7 के अध्ययन नोट देखें।

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