38 यानी नासरत के यीशु की चर्चा। तुमने सुना है कि परमेश्वर ने किस तरह पवित्र शक्ति से उसका अभिषेक किया+ और उसे ताकत दी और वह पूरे देश में भलाई करता रहा और शैतान* के सताए हुओं को ठीक करता रहा,+ क्योंकि परमेश्वर उसके साथ था।+
38 यानी नासरत के यीशु की चर्चा कि कैसे परमेश्वर ने पवित्र शक्ति और बल से उसका अभिषेक किया और वह पूरे देश में भलाई करता हुआ और शैतान* के सताए हुओं को चंगा करता फिरा, क्योंकि परमेश्वर उसके साथ था।