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  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र

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    प्रेषि 10:1 या, “शतपति,” जिसकी कमान के नीचे सौ सैनिक होते थे।

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  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 70

    प्रहरीदुर्ग,

    1/1/1991, पेज 14

    5/1/1990, पेज 30

    3/1/1987, पेज 12

प्रेषितों 10:3

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    प्रेषि 10:3 मत्ती 20:5 दूसरा फुटनोट देखें।

प्रेषितों 10:4

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    1/1/1991, पेज 14

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  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 69

प्रेषितों 10:9

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    प्रेषि 10:9 मत्ती 20:5 पहला फुटनोट देखें।

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/1990, पेज 30

प्रेषितों 10:10

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    प्रेषि 10:10 या, “उस पर बेसुधी छा गयी।”

प्रेषितों 10:12

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    प्रेषि 10:12 शाब्दिक, “चार-पैरोंवाले प्राणी।”

प्रेषितों 10:17

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  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 71

प्रेषितों 10:24

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  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 71-72, 75

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2014, पेज 3-4

प्रेषितों 10:25

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग, 2/15/2001, पेज 31

प्रेषितों 10:26

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग, 2/15/2001, पेज 31

प्रेषितों 10:28

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  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 71-72

प्रेषितों 10:30

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    प्रेषि 10:30 मत्ती 20:5 दूसरा फुटनोट देखें।

प्रेषितों 10:34

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए),

    अंक 1 2022 पेज 6-7

    गवाही दो, पेज 72

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 5

    सजग होइए!,

    अंक 1 2021 पेज 7

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    8/2018, पेज 9

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/2013, पेज 14

    2/1/2004, पेज 30

    6/1/1989, पेज 11

    प्रहरीदुर्ग

प्रेषितों 10:35

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  • खोजबीन गाइड

    यहोवा के साक्षियों के बारे में अकसर पूछे जानेवाले सवाल, लेख 64

    प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए),

    अंक 1 2022 पेज 6-7

    गवाही दो, पेज 72

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 5

    सजग होइए!,

    अंक 1 2021 पेज 7

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    8/2018, पेज 9

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/2013, पेज 14

    ब्रोशर

    2/1/2004, पेज 30

    प्रहरीदुर्ग

प्रेषितों 10:38

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    प्रेषि 10:38 यूनानी में “दियाबोलोस,” जिसका मतलब है “निंदा करनेवाला।”

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    7/2020, पेज 31

    अनमोल सबक, पेज 186-187

प्रेषितों 10:39

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  • खोजबीन गाइड

    ‘उत्तम देश’, पेज 28

प्रेषितों 10:40

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए),

    अंक 6 2017, पेज 9

प्रेषितों 10:42

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    12/15/2008, पेज 16, 19

    1/1/2005, पेज 12

    राज-सेवा,

    2/2003, पेज 3

प्रेषितों 10:44

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  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 72

    प्रहरीदुर्ग,

    6/1/1989, पेज 11

प्रेषितों 10:45

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    प्रेषि 10:45 शाब्दिक, “खतना किए हुए।”

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  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 72

प्रेषितों 10:47

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    प्रेषि 10:47 यानी, खतना किए हुए यहूदी मसीही।

दूसरें अनुवाद

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नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
प्रेषितों 10:1-48

प्रेषितों

10 कैसरिया में कुरनेलियुस नाम का एक आदमी था। वह उस फौजी टुकड़ी का अफसर* था जो इतालवी टुकड़ी कहलाती थी। 2 वह एक भक्‍त इंसान था और उसका पूरा घराना परमेश्‍वर का भय मानता था। वह लोगों को बहुत-से दान देता था और परमेश्‍वर के सामने हमेशा गिड़गिड़ाकर बिनती किया करता था। 3 उसने दिन के करीब नौवें घंटे* में, परमेश्‍वर के एक दूत को दर्शन में साफ-साफ देखा जिसने पास आकर उससे कहा: “कुरनेलियुस!” 4 उसने उस दूत की तरफ गौर से देखा और डरकर कहा: “प्रभु, क्या बात है?” उसने कुरनेलियुस से कहा: “तेरी प्रार्थनाएँ और दान परमेश्‍वर ने याद किए हैं। 5 इसलिए अब तू अपने आदमी भेज और याफा से शमौन को, जो पतरस भी कहलाता है, बुलवा ले। 6 वह, चमड़े का काम करनेवाले किसी शमौन के यहाँ मेहमान है, जिसका घर समुद्र के किनारे है।” 7 उस स्वर्गदूत के जाते ही कुरनेलियुस ने अपने घर के दो सेवकों और उसकी सेवा में हाज़िर रहनेवाले सैनिकों में से एक भक्‍त सैनिक को बुलाया। 8 उसने उन्हें पूरी बात बताकर याफा भेजा।

9 अगले दिन जब वे सफर करते-करते शहर के करीब आ चुके थे, तब छठे घंटे* के करीब पतरस प्रार्थना करने के लिए घर की छत पर गया। 10 मगर उसे ज़ोरों की भूख लगने लगी और वह कुछ खाना चाहता था। जब वे खाना तैयार कर रहे थे, तो उसे एक दर्शन दिखायी दिया।* 11 और उसने देखा कि आकाश खुल गया है और एक किस्म का पात्र नीचे उतर रहा है जो दिखने में बड़ी चादर जैसा था और जिसे चारों कोनों से पकड़कर धरती पर उतारा जा रहा था। 12 उसमें धरती पर पाए जानेवाले हर किस्म के जानवर* और रेंगनेवाले जीव-जंतु और आकाश के पक्षी थे। 13 और पतरस को एक आवाज़ सुनायी दी: “पतरस उठ, इन्हें मार और खा!” 14 मगर उसने कहा: “नहीं प्रभु, हरगिज़ नहीं, क्योंकि मैंने कभी कोई दूषित और अशुद्ध चीज़ नहीं खायी है।” 15 फिर दूसरी बार उसी आवाज़ ने उससे कहा: “तू उन चीज़ों को दूषित कहना बंद कर जिन्हें परमेश्‍वर ने शुद्ध किया है।” 16 तीन बार ऐसा हुआ और फिर वह पात्र फौरन आकाश में उठा लिया गया।

17 जब पतरस मन-ही-मन बड़ी उलझन में था कि जो दर्शन उसने देखा उसका क्या मतलब हो सकता है, तभी देखो! कुरनेलियुस के भेजे आदमी शमौन का घर पूछते-पूछते उसके दरवाज़े पर आ खड़े हुए। 18 उन्होंने ज़ोर से आवाज़ लगायी और पूछा कि शमौन जो पतरस कहलाता है, क्या वह यहीं पर ठहरा हुआ है। 19 जब पतरस मन में दर्शन के बारे में सोच ही रहा था, तब पवित्र शक्‍ति ने उससे कहा: “देख! तीन आदमी तुझे ढूँढ़ रहे हैं। 20 उठ, नीचे जा और उनके साथ बेखटके चला जा, क्योंकि मैंने ही उन्हें भेजा है।” 21 तब पतरस सीढ़ियाँ उतरकर उन आदमियों के पास गया और कहा: “देखो! तुम जिसे ढूँढ़ रहे हो, वह मैं ही हूँ। यहाँ कैसे आना हुआ?” 22 उन्होंने कहा: “सेना-अफसर कुरनेलियुस ने हमें भेजा है। वह परमेश्‍वर का भय माननेवाला नेक इंसान है। यहूदियों की सारी जाति भी उसकी तारीफ करती है। उसी को एक पवित्र स्वर्गदूत ने परमेश्‍वर की तरफ से हिदायत दी है कि तुझे बुलवा ले और जो बातें तू बताएगा वे सुने।” 23 यह सुनकर पतरस ने उन्हें अंदर बुलाया और उनकी खातिरदारी की।

अगले दिन पतरस उठा और उनके साथ निकल पड़ा और याफा के कुछ भाई भी उसके साथ गए। 24 दूसरे दिन वह कैसरिया पहुँचा। बेशक, वहाँ कुरनेलियुस उनका इंतज़ार कर रहा था और उसने अपने रिश्‍तेदारों और करीबी दोस्तों को अपने यहाँ इकट्ठा किया हुआ था। 25 जब पतरस आया, तो कुरनेलियुस उससे मिला और उसके पैरों पर गिरकर उसे प्रणाम किया। 26 मगर पतरस ने उसे उठाकर कहा: “खड़ा हो, मैं एक इंसान ही हूँ।” 27 और वह उससे बातें करता हुआ अंदर गया और पाया कि वहाँ बहुत लोग जमा हैं, 28 और पतरस ने उनसे कहा: “तुम अच्छी तरह जानते हो कि एक यहूदी के लिए दूसरी जाति के किसी इंसान से मिलना-जुलना या उसके यहाँ जाना भी नियम के खिलाफ है, मगर फिर भी परमेश्‍वर ने मुझे दिखाया है कि मैं किसी भी इंसान को दूषित या अशुद्ध न कहूँ। 29 इसलिए जब मुझे बुलाया गया, तो मैं बिना किसी एतराज़ के चला आया। अब मैं पूछता हूँ कि तुमने मुझे किस वजह से बुलाया है।”

30 तब कुरनेलियुस ने कहा: “आज से ठीक चार दिन पहले की बात है, जब मैं नौवें घंटे* में अपने घर में प्रार्थना कर रहा था, तब मैंने देखा कि एक आदमी चमकदार कपड़े पहने मेरे सामने आ खड़ा हुआ 31 और मुझसे कहा: ‘कुरनेलियुस, तेरी प्रार्थना सुन ली गयी है और तेरे दान परमेश्‍वर ने याद किए हैं। 32 इसलिए, अब अपने आदमियों को याफा भेज और शमौन को, जो पतरस भी कहलाता है, बुलवा ले। यह आदमी, चमड़े का काम करनेवाले शमौन के यहाँ मेहमान है, जिसका घर समुद्र के किनारे है।’ 33 इसलिए मैंने फौरन तुझे बुलावा भेजा और तू ने यहाँ आकर बहुत अच्छा किया। अब इस वक्‍त, हम सब परमेश्‍वर के सामने हाज़िर हैं ताकि वे सारी बातें सुनें, जिन्हें सुनाने की आज्ञा यहोवा ने तुझे दी है।”

34 तब पतरस ने बोलना शुरू किया: “अब मुझे पूरा यकीन हो गया है कि परमेश्‍वर भेदभाव नहीं करता, 35 मगर हर ऐसा इंसान जो उसका भय मानता है और नेक काम करता है, फिर चाहे वह किसी भी जाति का क्यों न हो, वह परमेश्‍वर को भाता है। 36 परमेश्‍वर ने इस्राएलियों के पास अपना संदेश भेजा और उन्हें यह खुशखबरी सुनायी कि यीशु मसीह के ज़रिए उसके साथ शांति कायम करना मुमकिन है: यह संदेश कि यीशु ही सबका प्रभु है। 37 जब यूहन्‍ना ने बपतिस्मे का प्रचार किया उसके बाद, गलील में जिस बात पर चर्चा शुरू हुई और सारे यहूदिया में चारों तरफ फैल गयी तुम उसके बारे में जानते हो, 38 यानी नासरत के यीशु की चर्चा कि कैसे परमेश्‍वर ने पवित्र शक्‍ति और बल से उसका अभिषेक किया और वह पूरे देश में भलाई करता हुआ और शैतान* के सताए हुओं को चंगा करता फिरा, क्योंकि परमेश्‍वर उसके साथ था। 39 और हम उन सभी कामों के गवाह हैं जो उसने यहूदियों के देश में और यरूशलेम में किए थे। उन्होंने उसे सूली पर लटकाकर मार डाला। 40 मगर परमेश्‍वर ने इसी यीशु को तीसरे दिन जी उठाया और इस काबिल किया कि वह खुद को लोगों पर ज़ाहिर कर सके, 41 मगर सभी लोगों पर नहीं बल्कि उन गवाहों पर जिन्हें परमेश्‍वर ने पहले से चुना था, यानी हम पर, जिन्होंने मरे हुओं में से यीशु के जी उठने के बाद उसके साथ खाया-पीया। 42 साथ ही, उसने हमें यह आज्ञा दी कि हम लोगों को प्रचार करें और इस बात की अच्छी तरह गवाही दें कि यह वही है जिसे परमेश्‍वर ने जीवितों और मरे हुओं का न्यायी ठहराया है। 43 सारे भविष्यवक्‍ता इसी यीशु की गवाही देते हैं कि जो कोई उस पर विश्‍वास करता है उसे उसके नाम से पापों की माफी मिलती है।”

44 जब पतरस ये बातें बोल ही रहा था तभी पवित्र शक्‍ति इस वचन को सुननेवाले सभी लोगों पर उतरी। 45 और यहूदियों में से* जो विश्‍वासी भाई पतरस के साथ आए थे वे दंग रह गए, क्योंकि पवित्र शक्‍ति का मुफ्त वरदान, गैर-यहूदियों को भी दिया जा रहा था। 46 क्योंकि वे उन्हें अलग-अलग भाषाएँ बोलते और परमेश्‍वर की बड़ाई करते सुन रहे थे। फिर पतरस ने कहा: 47 “इन लोगों ने ठीक वैसे ही पवित्र शक्‍ति पायी है जैसे हमने* पायी है, तो क्या कोई इन्हें पानी में बपतिस्मा लेने से रोक सकता है?” 48 तब पतरस ने यह आज्ञा दी कि उन्हें यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा दिया जाए। इसके बाद उन्होंने उससे कुछ दिन वहीं ठहरने की बिनती की।

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