गीत 30
यहोवा का राज शुरू हुआ
1. याह ते-रे काम हैं म-हान! कर-के बे-टा ब-लि-दान
को-ने के पत्-थर से नींव है डा-ली!
यी-शु रा-जा है ब-ना, ला-ए ज़-मा-ना न-या
जल्-दी बी-ते-गी, दु-खों की ये रात का-ली।
(कोरस)
क्या आ-ए-गा ज-हाँ ने-की का?
हाँ, याह के राज में आ-ए-गा।
और क्या क-रे य-हो-वा का राज?
दा-मन ख़ु-शी से भर दे-गा।
प्या-रा कित्-ना है य-हो-वा
मा-नें हम एह-सान उस-का!
2. थाम ली यी-शु ने क-मान, तो-ड़े शै-ताँ का गु-मान
हर-म-गि-दोन की ल-ड़ा-ई क़-रीब।
आ, फै-ला-एँ हर ड-गर, हम याह के राज की ख़-बर
ला-खों की जान ह-में ब-चा-नी है अ-भी।
(कोरस)
क्या आ-ए-गा ज-हाँ ने-की का?
हाँ, याह के राज में आ-ए-गा।
और क्या क-रे य-हो-वा का राज?
दा-मन ख़ु-शी से भर दे-गा।
प्या-रा कित्-ना है य-हो-वा
मा-नें हम एह-सान उस-का!
3. याह ने यीशु को चु-ना, राज का हक-दार वो ब-ना।
याह का दु-ला-रा, क़-बूल वो ह-में!
याह के आँ-गन में च-लें, दिल से दु-आ हम क-रें
जल्द पू-री धर-ती पर हु-कू-मत वो क-रे!
(कोरस)
क्या आ-ए-गा ज-हाँ ने-की का?
हाँ, याह के राज में आ-ए-गा।
और क्या क-रे य-हो-वा का राज?
दा-मन ख़ु-शी से भर दे-गा।
प्या-रा कित्-ना है य-हो-वा
मा-नें हम एह-सान उस-का!
(2 शमू. 7:22; दानि. 2:44; प्रका. 7:15 भी देखिए।)