गीत 40
पहले राज की खोज करो
1. अप-ना राज है याह को प्या-रा
ये शै-ताँ का दाँव पल-टे।
इस-का है म-सी-हा रा-जा
मक़्-सद पू-रा वो क-रे।
(कोरस)
पह-ले राज की खोज क-रो तुम
च-लो याह की मर-ज़ी पर।
क-रो दिल से उस-की से-वा
फै-ला-ओ राज की ख़-बर।
2. क्यों क-रें हम कल की चिं-ता?
पू-रा है य-क़ीं याह पे।
क-रें राज का काम गर पह-ले
बा-क़ी सा-रा वो दे-खे।
(कोरस)
पह-ले राज की खोज क-रो तुम
च-लो याह की मर-ज़ी पर।
क-रो दिल से उस-की से-वा
फै-ला-ओ राज की ख़-बर।
3. जो इं-सान हैं सच के प्या-से
हम उन्-हें ब-ता-एँ-गे,
कि य-हो-वा और राज उस-का
क़ा-बिल है भ-रो-से के।
(कोरस)
पह-ले राज की खोज क-रो तुम
च-लो याह की मर-ज़ी पर।
क-रो दिल से उस-की से-वा
फै-ला-ओ राज की ख़-बर।
(भज. 27:14; मत्ती 6:34; 10:11, 13; 1 पत. 1:21 भी देखिए।)