क्या आप हमारी किताबों-पत्रिकाओं को अनमोल समझते हैं?
1 यहोवा और यीशु मसीह के ज्ञान का कोई मोल नहीं लगाया जा सकता और सिर्फ हमारी किताबें-पत्रिकाएँ ही परमेश्वर से मिले इस खज़ाने के बारे में गहरी और सही समझ देती हैं। (रोमि. 11:33; फिलि. 3:8) तो फिर हम अपनी किताबों-पत्रिकाओं की सही मायने में कदर कैसे कर सकते हैं?
2 बहुत-से भाई-बहन और कई परिवार, नियमित रूप से दान करने के लिए कुछ रकम अलग रखते हैं और राज-घर में रखी गयी दान-पेटी में डालते हैं, जिस पर लिखा होता है, “पूरी दुनिया में हो रहे काम के लिए दान”। किताबों-पत्रिकाओं के लिए कदर दिखाने का एक और तरीका है प्रचार करते वक्त सोच-समझकर लोगों को किताबें-पत्रिकाएँ देना। क्या घर-मालिक हमसे बात करना चाहता है? जब हम बोलते हैं, तो क्या वह ध्यान से सुनता है, पूछे गए सवालों का जवाब देता है, और जब हम बाइबल पढ़ते हैं तो क्या वह भी साथ-साथ देखता है? इन सब बातों से ज़ाहिर होता है कि उसे हमारे संदेश में दिलचस्पी है और ऐसे व्यक्ति को किताबें-पत्रिकाएँ देने में हमें खुशी होती है। हमारी किताबों से पूरा-पूरा फायदा तभी मिल सकता है जब हम इन्हें सही तरीके से इस्तेमाल करें।
3 राज-घर या घर पर किताबें-पत्रिकाएँ रखने से किसी को कोई फायदा नहीं होता। पुरानी पत्रिकाओं, ब्रोशर, किताबों और ट्रैक्ट का भी अच्छा इस्तेमाल किया जाना चाहिए। हमारे पास जो किताबें-पत्रिकाएँ रखी हैं, क्या वे अभी-भी अच्छी हालत में हैं, यानी ज़्यादा दिन रखने की वजह से किताबों के पन्ने पीले तो नहीं पड़ गए हैं, फट तो नहीं गए हैं या गंदे तो नहीं हो गए हैं? जो किताबें-पत्रिकाएँ अच्छी हालत में नहीं हैं, उन्हें हम अपने घर में पढ़ने के लिए रख सकते हैं या फिर उन्हें फेंक सकते हैं या नष्ट कर सकते हैं। हालाँकि आम तौर पर हम महीने के दौरान पेश की जानेवाली किताबें-पत्रिकाएँ देते हैं, लेकिन कभी-कभी हम कोई और प्रकाशन भी दे सकते हैं।
4 इस बात का ध्यान रखिए कि आपको लोगों को देने के लिए कितनी किताबों-पत्रिकाओं की ज़रूरत है। हमें इन्हें बहुत ज़्यादा मात्रा में इकट्ठा नहीं करना चाहिए, क्योंकि ज़रूरत पड़ने पर हम सभा से पहले या बाद में राज-घर से और किताबें-पत्रिकाएँ ले सकते हैं। हर हफ्ते की शुरूआत में हम ज़रूरत के हिसाब से किताबें-पत्रिकाएँ ले सकते हैं और फिर जैसे-जैसे हम इन्हें लोगों को दें, हम राज-घर से और भी किताबें-पत्रिकाएँ ले सकते हैं।
5 ट्रैक्ट लोगों को आकर्षित करते हैं और इनमें लोगों के मन में चल रहे सवालों के जवाब दिए होते हैं। सरेआम गवाही देते वक्त और घर-घर प्रचार करते वक्त लोगों को ट्रैक्ट, पत्रिका या ब्रोशर देने की कोशिश दीजिए। सरेआम गवाही देते वक्त ट्रैक्ट और ब्रोशर पेश करने के लिए खास तौर से तैयार किए गए पोस्टर इस्तेमाल कीजिए। खुशखबरी ब्रोशर या परिवार खुश रह सकता है ब्रोशर से बाइबल अध्ययन शुरू करने की कोशिश कीजिए। आगे चलकर जब वह व्यक्ति ज़ाहिर करता है कि उसे हमारे संदेश में दिलचस्पी है और आपको यकीन हो जाता है कि वह हमारी किताब ज़रूर पढ़ेगा, तब आप उसे बाइबल सिखाती है किताब या कोई और किताब दे सकते हैं। लेकिन अगर किसी को हमारे संदेश में बहुत दिलचस्पी है, तो पहली मुलाकात में ही आप उसे बाइबल सिखाती है किताब दे सकते हैं। जहाँ तक हो सके किताबें-पत्रिकाएँ देने के बजाय, हमारी वेबसाइट jw.org पर दी गयी किताबों-पत्रिकाओं का अच्छा इस्तेमाल कीजिए।
6 तो आइए हम अपनी किताबों-पत्रिकाओं को देते वक्त समझ से काम लें और ऐसा करके ज़ाहिर करें कि हमारी किताबें-पत्रिकाएँ हमारे लिए कितनी अनमोल हैं।