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मत्ती 26:36-46पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
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36 तब यीशु अपने चेलों के साथ गतसमनी+ नाम की जगह आया और उसने चेलों से कहा, “मैं वहाँ प्रार्थना करने जा रहा हूँ, तुम यहीं बैठे रहना।”+ 37 और उसने पतरस और जब्दी के दोनों बेटों+ को अपने साथ लिया। उसका जी बहुत बेचैन हो उठा और वह दुख से बेहाल होने लगा।+ 38 तब उसने उनसे कहा, “मेरा मन बहुत दुखी है, यहाँ तक कि मेरी मरने जैसी हालत हो रही है। तुम यहीं ठहरो और मेरे साथ जागते रहो।”+ 39 फिर वह थोड़ा आगे गया और मुँह के बल गिरकर यह प्रार्थना करने लगा,+ “मेरे पिता, अगर हो सके तो यह प्याला+ मेरे सामने से हटा दे। फिर भी मेरी मरज़ी नहीं बल्कि तेरी मरज़ी पूरी हो।”+
40 जब वह अपने चेलों के पास वापस आया, तो उसने देखा कि वे सो रहे हैं। उसने पतरस से कहा, “क्या तुम लोग मेरे साथ थोड़ी देर के लिए भी नहीं जाग सके?+ 41 जागते रहो+ और प्रार्थना करते रहो+ ताकि तुम परीक्षा में न पड़ो।+ दिल तो बेशक तैयार* है, मगर शरीर कमज़ोर है।”+ 42 फिर वह दूसरी बार गया और यह कहकर प्रार्थना करने लगा, “मेरे पिता, अगर मुझे यह प्याला पीना ही है और इसे हटाया नहीं जा सकता, तो तेरी मरज़ी पूरी हो।”+ 43 वह फिर चेलों के पास आया और उसने उन्हें सोता हुआ पाया क्योंकि उनकी आँखें नींद से बोझिल थीं। 44 तब वह उन्हें वहीं छोड़कर एक बार फिर गया और तीसरी बार भी उसने वही प्रार्थना की। 45 इसके बाद वह फिर अपने चेलों के पास आया और उसने कहा, “तुम ऐसे वक्त में सो रहे हो और आराम कर रहे हो! देखो, वह घड़ी आ गयी है कि इंसान के बेटे के साथ विश्वासघात करके उसे पापियों के हाथ सौंप दिया जाए। 46 उठो, आओ चलें। देखो, मुझसे गद्दारी करनेवाला पास आ गया है।”
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मरकुस 14:32-42पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
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32 फिर वे गतसमनी नाम की जगह आए और उसने अपने चेलों से कहा, “मैं वहाँ प्रार्थना करने जा रहा हूँ, तुम यहीं बैठे रहना।”+ 33 फिर उसने पतरस, याकूब और यूहन्ना को अपने साथ लिया।+ वह मन-ही-मन बेचैन हो उठा* और दुख से बेहाल होने लगा। 34 उसने उनसे कहा, “मेरा मन बहुत दुखी है,+ यहाँ तक कि मेरी मरने जैसी हालत हो रही है। यहीं ठहरो और जागते रहो।”+ 35 फिर वह थोड़ा आगे गया और ज़मीन पर गिरकर प्रार्थना करने लगा कि अगर हो सके तो यह वक्त टल जाए। 36 उसने कहा, “हे अब्बा, हे पिता,+ तेरे लिए सबकुछ मुमकिन है। यह प्याला मेरे सामने से हटा दे। मगर फिर भी जो मैं चाहता हूँ वह नहीं, बल्कि वही हो जो तू चाहता है।”+ 37 जब वह चेलों के पास वापस आया, तो उसने देखा कि वे सो रहे हैं। उसने पतरस से कहा, “शमौन, तू सो रहा है? क्या तुझमें इतनी भी ताकत नहीं कि थोड़ी देर मेरे साथ जाग सके?+ 38 जागते रहो और प्रार्थना करते रहो ताकि तुम परीक्षा में न पड़ो।+ दिल तो बेशक तैयार* है, मगर शरीर कमज़ोर है।”+ 39 वह दोबारा गया और उसने फिर से वही प्रार्थना की।+ 40 वह फिर चेलों के पास आया और उसने उन्हें सोता हुआ पाया क्योंकि उनकी आँखें नींद से भरी थीं। वे नहीं जानते थे कि उसे क्या जवाब दें। 41 फिर वह तीसरी बार उनके पास आया और उसने कहा, “तुम ऐसे वक्त में सो रहे हो और आराम कर रहे हो! बहुत हुआ! देखो, वह घड़ी आ गयी है!+ अब इंसान के बेटे के साथ विश्वासघात करके उसे पापियों के हाथ सौंप दिया जाएगा। 42 उठो, आओ चलें। देखो, मुझसे गद्दारी करनेवाला पास आ गया है।”+
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