चेला बनाने में हमारी सहायता के लिए सभाएँ
अगस्त ५ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह
गीत १७३ (४५)
१० मि: स्थानीय घोषणाएँ और हमारी राज्य सेवा में से चुनी हुई घोषणाएँ। चालू पत्रिकाओं में से उन लेखों को विशिष्ट करें जो इस शनिवार के पत्रिका कार्य में इस्तेमाल किए जाएँगे।
१५ मि: “किसी मरीज़ से भेंट करना—किस तरह मदद की जा सकती है”। अवेक! मार्च ८, १९९१, में दी गयी जानकारी पर भाषण दें। बूढ़े, अस्वस्थ या घर में बन्द व्यक्तियों की सहायता करने के लिए मण्डली के प्रबंधों की रूप-रेखा दें। पृष्ठ ११, परिच्छेद ४, में उचित कपड़े पहनने के फ़ायदे की बात पर बल दें। (प्रान्तीय भाषाएँ: km १२/८८ पृष्ठ १)
२० मि: “सेवकाई में सहनशील और अध्यवसायी रहें।” सवाल-जवाब द्वारा लेख पर विचार-विमर्श करें। सहनशील होने की ज़रूरत पर ज़ोर दें, ख़ास तौर से ऐसे क्षेत्र में जिस में कार्य अक्सर किया जाता है। परिच्छेद ६ पर विचार-विमर्श करने के बाद, “देख!” ब्रोशुअर को पेश करते समय वार्तालाप के विषय को किस तरह इस्तेमाल करना चाहिए, यह एक प्रचारक से प्रदर्शित करवाएँ।
गीत १५६ (१०) और अन्तिम प्रार्थना।
अगस्त १२ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह
गीत १६२ (८९)
१० मि: स्थानीय घोषणाएँ। लेखा रिपोर्ट। ईश्वर-शासित समाचार। मण्डली को सप्ताहान्त की क्षेत्र सेवकाई व्यवस्थाओं के बारे में याद दिलाएँ।
१५ मि: “क्षेत्र सेवा में तन-मन से कार्य करें—भाग १।” सेवकाई अध्यक्ष को सवाल-जवाब द्वारा इस पर विचार-विमर्श करना चाहिए। चुने हुए मुख्य शास्त्रपद पढ़ने, और व्यवहार्य स्थानीय अनुप्रयोग करने के लिए लोगों को पहले से ही नियुक्त करें। पाँच-भाग वाली लेख-श्रृंखला में दिलचस्पी जगाएँ।
२० मि: पूरे समय की सेवा—परमेश्वर के साथ चलने का एक शानदार मौक़ा। (मीका ६:८) एक योग्य प्राचीन या सेवकाई सेवक स्नेही और प्रोत्साहक भाषण देता है, और बेहतर होगा अगर वह पूरे समय की सेवा में हो। (वॉचटावर, मई १५, १९८९, पृष्ठ २१-३ देखें।) (प्रान्तीय भाषाएँ: km ८/८९ पृष्ठ १-२; ११/८९ पृष्ठ १-२।) ऐसे व्यावहारिक सुझावों की रूप-रेखा दें जिस से मण्डली के प्रचारकों को, अपनी परिस्थितियों के अनुसार, संजीदगी से पूरे-समय के कार्य में आरम्भ होने के बारे में सोचने की मदद मिले। दो या तीन पायनियरों की मुलाक़ात लें, और पूरे-समय की सेवा के अनेक फ़ायदों की रूप-रेखा दें। शुरु करने के लिए नया सेवा-वर्ष एक उत्तम समय है। जो लोग सितम्बर १, १९९१, से शुरु करेंगे, वे शायद अगले पायनियर स्कूल जाने के लिए योग्य बनेंगे।
गीत २०४ (१०९) और अन्तिम प्रार्थना।
अगस्त १९ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह
गीत ३२ (८१)
१० मि: स्थानीय घोषणाएँ। मण्डली की हाल की क्षेत्र सेवा रिपोर्ट की झलकियों पर पुनर्विचार करें। क्षेत्र में पायी उपलब्धियों के लिए प्रचारकों की प्रशंसा करें।
२० मि: “सुसमाचार की भेंट—विवेकशीलता के साथ।” सवाल-जवाब से पूरा करें। परिच्छेद ५ में दी गयी बातों को प्रदर्शित करें। किसी कुशल प्रचारक से प्रदर्शित करवाएँ कि किस तरह व्यवहार-कौशल से सवाल करने और उन सवालों पर बाइबल क्या कहती है, यह दिखाने के द्वारा पहले-पहले बहस करनेवाले गृहस्थ से निपट सकते हैं। प्रदर्शन को अच्छी तरह से तैयार किया जाना चाहिए।
१५ मि: मुझे सच्चाई कैसे मिली। अनुभव। प्राचीन दो या तीन व्यक्तियों की मुलाक़ात लेता है। इस बात पर ध्यान केंद्रित करें कि किस तरह परमेश्वर के वचन और संघटन ने उन्हें समर्पण करने और बपतिस्मा लेने की हद तक प्रेरित किया। सच्चाई में होने के कारण जिन फ़ायदों का अनुभव वे करते हैं, उन पर विशेष बल दें।
गीत ६७ (३८) और अन्तिम प्रार्थना
अगस्त २६ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह
गीत २१० (३१)
१५ मि: प्राचीन या योग्य सेवकाई सेवक स्थानीय घोषणाओं का भाग लेता है। उपलब्ध ब्रोशुअरों में से बातचीत के मुद्दों के लिए दर्शकगण से पूछें। ऐसे मुद्दों को चुनें जो वार्तालाप के विषय से मेल खाते हैं और जो ब्रोशुअर पढ़ने के लिए गृहस्थ की प्रत्याशा को बढ़ाते हैं। वार्तालाप के विषय से ब्रोशुअर पेश करने और बातचीत का एक उचित मुद्दा बताने तक का परिवर्तन एक संक्षिप्त प्रदर्शन द्वारा दिखाने का प्रबंध करें।
१८ मि: “मण्डली की पुस्तक अध्ययन व्यवस्था—भाग १।” एक अनुभवी प्राचीन द्वारा संचालित विचार-विमर्श, एक या दो अन्य प्राचीनों या सेवकाई सेवकों के साथ, जो मण्डली के पुस्तक अध्ययन संचालक हैं। दो या तीन मामलों पर विशेष बल दें जो स्थानीय मण्डली में ज़रूरी हैं, जैसा कि अपने ही शब्दों में टिप्पणी करना और जिस अध्ययन विषय पर विचार किया जा रहा है, उसका व्यवहार्य अनुप्रयोग करना।
१२ मि: स्थानीय आवश्यकताएँ। उन बातों पर ग़ौर करें, जिन पर प्राचीनों के मतानुसार मण्डली को सहायता की ज़रूरत है। सर्किट ओवरसियर की पिछली भेंट के दौरान मण्डली को जिन बातों के बारे में बताया गया था, उन में से कुछेकों पर धर्मशास्त्रीय रूप से विचार कर सकते हैं।
गीत ४२ (१८) और अन्तिम प्रार्थना
सितम्बर २ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह
गीत ५६ (३७)
१५ मि: स्थानीय घोषणाएँ और प्रश्न पेटी पर विचार करें। ब्रोशुअर देने और बाइबल अध्ययन शुरु करने के अनुभव बताने के लिए कहें।
१५ मि: “पुनःभेंट करने की ओर ध्यान देना।” पुनःभेंटों के संबंध में मण्डली ने पिछले छः महीनों में क्या किया है, इस पर सेवकाई अध्यक्ष विश्लेषण करता है। दिलचस्पी रखनेवालों को पुनःभेंट करने के लिए कौनसे प्रबंध किए गए हैं? इस अत्यावश्यक कार्य को बढ़ाने के लिए क्या किया जा सकता है?
१५ मि: “बुरी आदतों की वापसी को रोकना।” अवेक! अप्रैल ८, १९९१, में प्रकाशित होनेवाले लेख पर विचार-विमर्श करें। (प्रान्तीय भाषाएँ: “नैतिक विशुद्धता जवानी की खुबसूरती है।” प्रहरीदुर्ग, मई १, १९९०)
गीत १३२ (७०) और अन्तिम प्रार्थना