क्षेत्र सेवा में तन-मन से कार्य करें
भाग ५: तन-मन से की गयी सेवा के प्रचुर फ़ायदे
यहोवा अपने तन-मन से कार्य करनेवाले सेवकों के लिए प्रचुर फ़ायदों की असीम सप्लाई उपलब्ध कराते हैं। (भजन ११६:१२) हम अपनी सेवकाई में यहोवा की ओर से आनेवाली आशिषों की एक पूरी मात्रा का आनन्द किस तरह उठा सकते हैं? हमारे लिए कौनसे फ़ायदे निश्चित हैं? हमें क्या करना चाहिए जिससे हमें उनके अनुमोदन और कृपा का यक़ीन हो सकता है?
२ निजी कोशिश ज़रूरी है: आप परमेश्वर-प्रदत्त फ़ायदों का आनन्द किस हद तक उठाएँगे, यह काफ़ी बड़ी मात्रा में परमेश्वर की इच्छानुसार करने के लिए आपकी निजी कोशिशों पर निर्भर है। सेवकाई के सम्बन्ध में, पौलुस ने लिखा: “हर एक व्यक्ति अपने ही परिश्रम के अनुसार अपनी ही मज़दूरी पाएगा।” (१ कुरि. ३:८) इसीलिए हम सेवकाई में यथासंभव सम्पूर्ण से सम्पूर्ण हिस्सा लें। कई लोगों को, सम्पूर्ण मण्डलियों को भी, परमेश्वर से परिचित होने की मदद करने का निजी प्रतिफल पौलुस को प्राप्त हुआ। विश्वास में उनकी स्थिरता देखने से उसे कितना हर्ष महसूस हुआ! (१ थिस्स. २:१९, २०) संभवतः, आपके हालात आपको सेवकाई में उतने सम्पूर्ण रूप से शामिल होने न देंगे, जैसा पौलुस शामिल था। फिर भी, क्या किसी व्यक्ति को या भेड़-समान लोगों के एक परिवार को ज़िन्दगी तक पहुँचानेवाले रास्ते पर पक्के रूप से स्थापित होने की मदद करना एक प्रचुर आशीर्वाद न होगा? घर-घर की सेवकाई में परिश्रम करने और पुनःभेंट तथा बाइबल अध्ययनों के साथ इस में जुटे रहने के लिए यह क्या ही बड़ी प्रेरणा है!
३ अतिरिक्त फ़ायदे: तन-मन से की गयी सेवा का एक अमूल्य फ़ायदा यह है कि, एक सह-कर्मी होने के नाते, एक व्यक्ति यहोवा और यीशु मसीह के और भी क़रीब खिंचा जाता है। (मत्ती ११:२९, ३०; १ कुरि. ३:९) सेवकाई में परमेश्वर की आत्मा को आपकी मदद करते हुए महसूस करना क्या ही हर्षित बात है! (मत्ती १०:२०; यूहन्ना १४:२६) इसके अलावा, मण्डली में दूसरों के साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर अध्यवसाय से काम करने से हमारा प्रेम और एकता का बन्धन मज़बूत बन जाता है।
४ हम यहोवा की ओर से आए सम्पूर्ण फ़ायदों का आनन्द तब तक नहीं उठा सकेंगे जब तक हम उस संघटन को पूरा सहयोग न देंगे, जो वह इन आख़री दिनों में अपनी इच्छा को पूरा करने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। (२ राजा १०:१५ से तुलना करें।) जब हम परमेश्वर के नियुक्त माध्यम के ज़रिए पाए जानेवाले निर्देशन का निकट रूप से और तन-मन से पालन करते हैं और मण्डली की गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल होते हैं, तब हमें शैतान की धूर्त युक्तियों से आध्यात्मिक रूप से सुरक्षित रखा जाता है। हम सेवकाई में एक ज़्यादा उत्पादनकारी हिस्सा ले सकते हैं।
५ क्षेत्र सेवा में तन-मन से कार्य करने से सम्बन्धित इस पाँच-क़िश्तों वाली श्रृंखला में, इस में शामिल कई कारकों को विशिष्ट किया जा चुका है। क्या आपको याद है कि यहोवा के लिए क़दरदानी विकसित करने की कुंजियाँ क्या हैं, जिन से एक व्यक्ति तन-मन से कार्य करने के लिए प्रेरित होता है? (अगस्त) क्षेत्र सेवकाई में उत्साह बढ़ाने के लिए तैयारी अत्यावश्यक क्यों है? हम किस तरह तैयारी कर सकते हैं? (सितम्बर) अनुभवी प्रचारक दूसरों को तन-मन से कार्य करने की मदद किस तरह कर सकते हैं? (अक्तूबर) अच्छी निजी व्यवस्था से हमें सेवकाई में तन-मन से कार्य करने की मदद किस तरह मिलती है? (नवम्बर) क्या आप इन सुझावों को अमल में ला रहे हैं?
६ यहोवा चाहते हैं कि उनकी आज्ञाओं का पालन करने के ज़रिए हम खुद को फ़ायदा पहुँचाएँ। (यशा. ४८:१७) इसके अलावा, तन-मन से किए गए कार्य के फ़ायदे उनको भी मिलते हैं जो आपकी सुनते हैं। (१ तीमु. ४:१५, १६) आप आश्वस्त रह सकते हैं कि जब आप प्रस्तुत कार्य करने में अध्यवसाय से मन लगाएँगे, तब यहोवा इसे देखेंगे और ‘तुम्हें इस के बदले मीरास मिलेगी,’ यानी अनन्त जीवन।—कुलु. ३:२३, २४.