सरल और प्रभावकारी प्रस्तुति
यीशु ने एक सरल और सीधे तरीक़े से परमेश्वर के राज्य को घोषित किया। वह जानता था कि भेड़-समान लोग सच्चाई को सुनने पर अनुकूल प्रतिक्रिया दिखाएंगे। वह यह भी जानता था कि अपने सोच-विचार, दिलचस्पी, और तर्क करने की क्षमता में लोगों में फ़र्क़ होता है। तदनुसार, अपने श्रोताओं का ध्यान आकर्षित करने और उनके दिलों को छू लेने के लिए उसने विभिन्न साधारण प्रस्तावनाओं, सवालों, और दृष्टांतों को इस्तेमाल किया। हम उसके उदाहरण का अनुकरण करके सरल और प्रभावकारी प्रस्तुति का अच्छा उपयोग कर सकते हैं।
२ प्रभावकारी रूप से रीज़निंग किताब का प्रयोग कीजिए: रीज़निंग किताब के पृष्ठ ११ पर “रोज़गार/आवास” शीर्षक के अंतर्गत पहली प्रस्तावना समयोचित और प्रस्तुत करने के लिए आसान है।
आप शायद कहेंगे:
▪ “हम आपके पड़ोसियों से बात कर रहे थे कि सब के लिए रोज़गार और आवास होगा, इस बात का आश्वासन देने के लिए क्या किया जा सकता है। क्या आप विश्वास करते हैं कि मानवी सरकारों से इसे पूरा करने की अपेक्षा रखना तर्कसंगत है? . . . पर कोई है जो इन समस्याओं का हल करना जानता है; वह मनुष्यजाति का सृष्टिकर्ता है।” यशायाह ६५:२१-२३ पढ़िए। फिर आप गृहस्थ से पूछ सकते हैं कि यह उसे कैसे लगता है।
३ पृष्ठ १२ पर “बेइंसाफ़ी/तक़लीफ़” शीर्षक के अंतर्गत प्रस्तावना आज अनेकों को आकर्षित करेगी।
आप पूछ सकते हैं:
▪ “क्या आपने कभी सोचा है: क्या परमेश्वर इंसानों द्वारा अनुभव की गयी बेइंसाफ़ी और तक़लीफ़ के बारे में असल में फ़िक्र करता है?” गृहस्थ को जवाब देने के लिए समय दीजिए और फिर सभोपदेशक ४:१ और भजन ७२:१२-१४ पढ़िए। इसके बाद आप सर्वदा जीवित रहना किताब में पृष्ठ १५०-३ की तसवीरों को खोलते हुए और संक्षिप्त रूप से दिखाते हुए कि कैसे आज की संसार की परिस्थितियां बाइबल भविष्यवाणी की पूर्ति है, उस किताब को पेश कर सकते हैं। मनुष्य की आशिष के लिए परमेश्वर ने और क्या पूर्वबतलाया है यह दिखाने के लिए फिर पृष्ठ १६१-२ खोलिए। गृहस्थ से पूछिए कि कौनसा पहलू उसे सबसे ज़्यादा पसंद आता है।
४ गृहस्थ के साथ संक्षिप्त विचार-विमर्श के बाद, आप शायद निर्णय करें कि सर्वदा जीवित रहना किताब के बजाय उसका ध्यान किसी पत्रिका के एक लेख, एक ब्रोशर, या ट्रैक्ट की ओर निर्दिष्ट करना ज़्यादा उचित होगा।
उदाहरण के लिए, इस लेख के परिच्छेद २ पर दी गयी प्रस्तावना का उपयोग करने के बाद, आप शायद कहेंगे:
▪ “यह ब्रोशर, हमारी समस्याएँ—उन्हें हल करने में कौन हमारी मदद करेगा?, साफ़-साफ़ समझाता है कि रोज़मर्रा ज़िंदगी में सामना की गयी समस्याओं का हल करने के लिए परमेश्वर ने क्या करने का वादा किया है और दिखाता है कि हम कैसे लाभ पा सकते हैं।” फिर ब्रोशर के पृष्ठ १८ और १९ खोलिए, और परमेश्वर के किए शानदार वादों की ओर ध्यान आकर्षित कीजिए।
५ या परिच्छेद ३ में दी गयी प्रस्तावना को इस्तेमाल करने के बाद, एक शांतिपूर्ण नए संसार में जीवन ट्रैक्ट को विशिष्ट किया जा सकता है।
आप शायद कहेंगे:
▪ “आज संसार में इतना दुःख-तक़लीफ़ है। यह ट्रैक्ट बताता है कि परमेश्वर ने मनुष्यजाति के लिए एक अद्भुत परिवर्तन लाने का वादा किया है और जल्द ही युद्ध, अकाल, और स्वास्थ्य समस्याएं अतीत की बातें हो जाएंगी।” ट्रैक्ट के पृष्ठ ३ का दूसरा परिच्छेद पढ़िए।
६ लोगों में हमारी निष्कपट रुचि, साथ ही दिल को छू लेनेवाली सरल और प्रभावकारी प्रस्तुति, यक़ीनन भेड़-समान जनों को आकर्षित करेगी।—यूहन्ना १०:१६.