आरंभिक भेंट के समय पूर्वाधार डालें
प्रभावकारी पुनःभेंट करना और ज़्यादा आसान हो जाता है जब हम आरंभिक भेंट के समय ही एक सही पूर्वाधार डालते हैं। रीज़निंग किताब हमें ऐसा करने में सहायता कर सकती है।
२ निम्नलिखित प्रस्तुतिकरण रीज़निंग किताब के पृष्ठ १० पर, “बाइबल/परमेश्वर” शीर्षक के नीचे दी गयी दूसरी प्रस्तावना पर आधारित है।
एक मैत्रीपूर्ण अभिवादन के बाद, कहें:
▪“हम पाते हैं कि बढ़ती हुई प्रतिदिन की समस्याओं का व्यावहारिक समाधान कहाँ से पाया जा सकता है, इस विषय में आज बढ़ती संख्या में लोग अनिश्चित महसूस करते हैं। क्या आपने ऐसा पाया है? [जवाब के लिए समय दें।] पहले लोग सहायता के लिए बाइबल पर निर्भर होते थे। परन्तु अब कई कहते हैं कि उन्हें सन्देह हैं। आप बाइबल के विषय में कैसा महसूस करते हैं?” अगर गृहस्वामी इसकी प्रामाणिकता पर सन्देह प्रकट करे, तो आप क्यों बाइबल पर विश्वास कर सकते हैं ट्रैक्ट निकालकर पृष्ठ २ पर दूसरा और तीसरा परिच्छेद पढ़ें। अगर गृहस्वामी सहमत है कि बाइबल परमेश्वर का वचन है, तो ट्रैक्ट के पृष्ठ २ पर दूसरे परिच्छेद में जिन शास्त्रवचनों का हवाला दिया गया है उन्हें खोलकर पढ़िए, और उसके साथ इन पर संक्षिप्त विचार-विमर्श करें।
३ अगर आपके क्षेत्र में अविश्वास प्रकट करने वाले लोग बहुत हैं, तो उनकी दिलचस्पी जगाने के लिए रीज़निंग किताब के पृष्ठ १० पर दी गयी पांचवीं प्रस्तावना को अनुकूल बनाने की कोशिश करें।
आप कह सकते हैं:
▪“आज संसार में इन सब संघर्ष को देखते हुए, बहुतेरे निष्कपट लोगों को परमेश्वर में विश्वास करना मुश्किल लगता है। या अगर वे उस में विश्वास करते भी हैं, तो वे यह नहीं मानते कि परमेश्वर हमारी समस्याओं को सुलझा सकता है। आप कैसा महसूस करते हैं? [जवाब के लिए समय दें।] ध्यान दीजिए कि यह ट्रैक्ट मनुष्य, विज्ञान, तथा बाइबल के विषय में क्या कहता है।” फिर आप क्यों बाइबल पर विश्वास कर सकते हैं ट्रैक्ट के पृष्ठ ३ पर पाँचवें परिच्छेद को पढ़ना शुरू करें।
४ अपनी अगली भेंट को स्थापित करने के लिए ट्रैक्ट से सवाल उठाएं: अपनी आरंभिक भेंट की योजना इस प्रकार बनाएं कि वह फलवान् भेंटों के सिलसिलों की सिर्फ़ शुरुआत हो। यह न महसूस करें कि आपको विस्तार से वर्णन करने की ज़रूरत है; न ही आपको इतनी जल्दबाज़ी करनी चाहिए कि गृहस्वामी को लगे कि आपको उस में सच्ची दिलचस्पी नहीं है। ट्रैक्ट से दो या तीन परिच्छेद पढ़ने के बाद, एक सवाल उठाएं जिस पर आगामी भेंट में चर्चा हो सके।
५ उदाहरण के तौर पर, आप पृष्ठ ४ पर तीसरे परिच्छेद की ओर ध्यान आकर्षित करके पूछ सकते हैं: “क्या आप सोचते हैं कि बाइबल इतना प्रमाण देती है कि जो यह भविष्य के बारे में कहती है उस पर विश्वास किया जा सके?” यह पुनःभेंट के लिए एक सन्दर्भ वादविषय स्थापित करेगा, जब आप सर्वदा जीवित रहना किताब में अध्याय ५ पर चर्चा कर सकते हैं।
६ अगर गृहस्वामी हमारे संदेश में दिलचस्पी दिखाता है, पर साहित्य को स्वीकार करने से संकोच कर रहा है, तो आप शायद आरंभिक भेंट पर सर्वदा जीवित रहना किताब को न पेश करना चाहें। फिर भी गृहस्वामी को सर्वदा जीवित रहना किताब की अनुक्रमणिका में अत्यावश्यक तथा दिलचस्प विषय दिखा कर उस में दिलचस्पी जगाएं। तब आप जब गृहस्वामी को दोबारा भेंट करें तो आप उस किताब के बड़े संस्करण को ४० रुपए या लघु संस्करण को २० रुपए के चंदे पर पेश कर सकते हैं।
७ अगर हम हर गृहस्वामी को एक सम्भावित शिष्य के रूप में देखते हैं, तो हम अपनी समाप्ति टिप्पणी को ऐसे इस्तेमाल करने की कोशिश करेंगे कि पुनःभेंट के लिए पूर्वाधार डाल सकें।