सितंबर के लिये सेवा सभाएँ
नोट : हमारी राज्य सेवकाई में हमेशा की तरह आनेवाले महीनों में भी हफ्ते भर की सेवा सभा का कार्यक्रम दिया जाएगा। जिस हफ्ते “परमेश्वर की भविष्यवाणी के वचन” ज़िला अधिवेशन होगा उस हफ्ते और उसके बाद के हफ्तों में कलीसियाएँ सेवा सभा में कुछ तबदीलियाँ कर सकती हैं ताकि अधिवेशन के अगले हफ्ते की सेवा सभा में ३० मिनट के लिए अधिवेशन की खास बातों को दोहराया जा सके। पहले से ही तीन काबिल भाइयों को नियुक्त करना चाहिए जो अच्छी तरह तैयारी करके अधिवेशन की खास बातें याद दिलाएँगे। ऐसा करने से कलीसिया के सदस्य उन खास बातों को याद रख सकेंगे और उन्हें अपनी ज़िंदगी में और प्रचार काम में लागू कर सकेंगे। अगर कलीसिया के भाई-बहन भी अधिवेशन के बारे में कुछ कहना चाहते हैं या कोई अनुभव बताना चाहते हैं तो उन्हें बहुत कम शब्दों में इसे बताना चाहिए।
सितंबर ६ से शुरू होनेवाला सप्ताह
गीत १९० (६)
१० मि:कलीसिया की घोषणाएँ। हमारी राज्य सेवकाई से चुनिंदा घोषणाएँ।
१७ मि:“क्या आपके प्रचार करने का कोई मकसद है?” शुरूआत में सिर्फ एकाध मिनट लेख का परिचय दीजिए और उसके बाद सवाल-जवाब से चर्चा शुरू कीजिए। आवर मिनिस्ट्रि के पेज ८८-९ से कुछ बातें बताइए। प्रचार काम में ढीले न पड़ने और इस काम को अच्छी तरह करने के लिए सबका हौसला बढ़ाइए।
१८ मि:“माता-पिताओ—अपने बच्चों के सामने अच्छा आदर्श रखिए।” एक प्राचीन थोड़े शब्दों में लेख का परिचय देता है और फिर ऐसे दो भाई इस लेख की चर्चा करते हैं जो पिता हैं। वे इस बात पर परेशानी ज़ाहिर करते हैं कि बच्चे आजकल स्कूल में, टीवी पर, दूसरे बच्चों और ऐसे गैर-साक्षी रिश्तेदारों में बुरी-बुरी बातें देखते और सुनते हैं। इन सबसे बच्चों को बचाना बहुत ज़रूरी है। भाई बताते हैं कि दुनिया के लोग अपने सोच-विचार, बातचीत, कपड़े पहनने, सजने-सँवरने के तरीकों और मनोरंजन के मामले में कितने गिरे हुए हैं। वे बताते हैं कि माता-पिता को इन मामलों में क्यों एक अच्छा आदर्श रखना चाहिए और वे फैमिली स्टडी, सभाओं और प्रचार काम के लिए किस तरह बच्चों में जोश पैदा कर सकते हैं।—जुलाई १, १९९९, प्रहरीदुर्ग, पेज ८-२२ और सितंबर २२, १९९१, सजग होइए!, (अँग्रेज़ी) पेज ८-९ देखिए।
गीत १०१ (२८) और समाप्ति प्रार्थना।
सितंबर १३ से शुरू होनेवाला सप्ताह
गीत १७१ (११)
१० मि:कलीसिया की घोषणाएँ। अकाउंट्स रिपोर्ट।
१५ मि:पिछले साल हमारी सेवा कैसी रही? सर्विस ओवरसियर का एक भाषण। कलीसिया की १९९९ सेवा-वर्ष की रिपोर्ट से कुछ खास बातें बताइए। कलीसिया ने जिन बातों में अच्छा किया है उसकी तारीफ कीजिए। यह भी बताइए कि किन मामलों में सुधार किया जा सकता है। बताइए कि कलीसिया की मीटिंगों की हाज़िरी कैसी रही और कितने बाइबल स्टडी चलाए गए। अगले साल कलीसिया कौन-कौन से लक्ष्य हासिल कर सकती है, यह बताइए।
२० मि:“एक हिंदू मिल जाए तो आप क्या कहेंगे?” सवाल और जवाब। इस बात पर ज़ोर दीजिए कि ऐसे विषयों पर बात करना फायदेमंद होता है जिनमें वे भी दिलचस्पी लेते हैं। बताइए कि हम किन बातों में हिंदुओं के साथ सहमत हो सकते हैं। बताइए कि किसी भी धर्म के लोगों को गवाही देने के लिए लेख में दिए गए तरीकों को हम कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं। हिंदू धर्म माननेवाले एक व्यक्ति को गवाही देने के लिए अच्छी तरह तैयार किया गया एक प्रदर्शन दिखाइए। हिंदू धर्म के बारे में और जानकारी के लिए फरवरी १९९८ की हमारी राज्य सेवकाई का इंसर्ट, किस तरह बाइबल चर्चाओं को आरंभ करें और जारी रखें का पेज १४ और मानवजाति द्वारा परमेश्वर की खोज (अँग्रेज़ी) अध्याय ५ देखिए।
गीत १४० (२६) और समाप्ति प्रार्थना।
सितंबर २० से शुरू होनेवाला सप्ताह
गीत १९३ (१८)
५ मि:कलीसिया की घोषणाएँ।
१५ मि:कलीसिया की ज़रूरतें।
२५ मि:“१९९९ ‘परमेश्वर की भविष्यवाणी के वचन’ ज़िला अधिवेशन।” (पैराग्राफ १-१५) सवाल और जवाब। पैराग्राफ ६, ८, ११ और १५ पढ़िए। बताइए कि हमारे लिए क्यों पूरे अधिवेशन कार्यक्रम में, शुक्रवार के दिन भी हाज़िर होना ज़रूरी है। संस्था ने अधिवेशन के हर दिन अपना खाना साथ लाने की जो बात बताई है उसकी अहमियत समझाइए।
गीत १९ (४) और समाप्ति प्रार्थना।
सितंबर २७ से शुरू होनेवाला सप्ताह
गीत १४१ (१७)
१० मि:कलीसिया की घोषणाएँ। सभी को याद दिलाइए कि वे सितंबर महीने की रिपोर्ट डाल दें। अक्तूबर में पत्रिकाएँ बाँटने के काम में हर किसी को अच्छी तरह हिस्सा लेने के लिए कहिए। पत्रिका बाँटने के लिए तैयारी करने के बारे में अक्तूबर १९९६ की हमारी राज्य सेवकाई के पेज ८ में दिए गए कुछ तरीके बताइए। नई पत्रिकाओं में से कुछ अच्छी बातें बताइए जिन्हें हम लोगों को दिखा सकते हैं और इसके एक या दो छोटे प्रदर्शन दिखाइए।
१५ मि:प्रश्न बक्स। एक प्राचीन का भाषण।
२० मि:“१९९९ ‘परमेश्वर की भविष्यवाणी के वचन’ ज़िला अधिवेशन।” (पैराग्राफ १६-२३) सवाल और जवाब। पैराग्राफ १७-२० पढ़िए। इनमें दिए गए सभी शास्त्रवचनों का इस्तेमाल करके बताइए कि क्यों हमें अपने कपड़ों पर, सजने-सँवरने के तरीकों पर और अपने चालचलन पर ध्यान देना ज़रूरी है।
गीत ८७ (६) और समाप्ति प्रार्थना।