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  • क्या भले काम करने से हमारा भविष्य अच्छा होगा?

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  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (जनता के लिए)—2021
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एक औरत एक बुज़ुर्ग औरत को बस में अपनी सीट दे रही है।

क्या भले काम करने से हमारा भविष्य अच्छा होगा?

सदियों से लोग मानते आए हैं कि अच्छे लोगों के साथ अच्छा होता है। आज से करीब 2,500 साल पहले कन्फ्यूशियस (जन्म: ईसा पूर्व 551; मृत्यु: ईसा पूर्व 479) नाम के एक जाने-माने दार्शनिक ने कुछ ऐसा ही कहा, “जो आप अपने लिए नहीं चाहते, वह दूसरों के लिए न करें।” एशिया में रहनेवाले बहुत-से लोग उनकी इस बात से सहमत हैं।

ज़्यादातर लोगों की सोच

आज भी बहुत-से लोग मानते हैं कि अगर वे दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करें, तो उनके साथ भी अच्छा होगा। वे सबका आदर-सम्मान करते हैं, अदब से पेश आते हैं और अपनी ज़िम्मेदारियाँ अच्छे से निभाते हैं। वे किसी का बुरा नहीं करते, इसलिए उनका मन उन्हें कचोटता नहीं। वियतनाम की रहनेवाली लिन कहती हैं, “मैं हमेशा से यही मानती आयी थी कि अगर मैं ईमानदार रहूँ, सच बोलूँ, तो मेरा भला होगा।”

वही औरत गरीब और बेघर लोगों को खाना परोस रही है।

कुछ लोग सिर्फ इसलिए भले काम करते हैं, क्योंकि उनके धर्म में ऐसा सिखाया जाता है। ताइवान के रहनेवाले शीयेन कहते हैं, “मुझे बचपन से सिखाया गया था कि अगर एक इंसान अच्छे काम करे, तो मरने के बाद वह सुख भोगेगा। और बुरे काम करे, तो हमेशा तड़पता रहेगा।”

नतीजा

रात का वक्‍त है। वह औरत बहुत थकी हुई है और अपने बच्चे को गोद में लिए हुए बहुत दुखी नज़र आ रही है।

यह सच है कि जब हम दूसरों का भला करते हैं, तो हमारा भी कई तरह से भला होता है। लेकिन बहुत-से लोगों के साथ ऐसा हुआ कि उन्होंने तो दूसरों का भला किया, पर बदले में उनके साथ लोगों ने अच्छा व्यवहार नहीं किया। हांगकांग की रहनेवाली स्यू-पिंग के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। वे बताती हैं, “मैंने अपने घरवालों की बहुत अच्छी तरह देखभाल की, अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। मेरा घर बरबाद हो गया, मेरे पति मुझे और मेरे बेटे को छोड़कर चले गए।”

कई लोगों ने देखा है कि धर्म को माननेवाले सभी लोग अच्छे नहीं होते। जापान की रहनेवाली एट्‌सको कहती हैं, “मैं एक धार्मिक संगठन से जुड़ गयी। वहाँ मैं नौजवानों के लिए कार्यक्रम रखती थी। लेकिन फिर मैंने देखा कि वहाँ कुछ लोग बहुत गंदे काम करते हैं, एक-दूसरे से बड़ा बनने की कोशिश करते हैं, यहाँ तक कि दान के पैसों में हेरा-फेरी करते हैं। इससे मुझे बहुत बड़ा झटका लगा।”

“मैंने अपने घरवालों की बहुत अच्छी तरह देखभाल की, अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। मेरा घर बरबाद हो गया, मेरे पति मुझे और मेरे बेटे को छोड़कर चले गए।”​—स्यू-पिंग, हांगकांग

कई लोग ईश्‍वर को बहुत मानते हैं और हमेशा अच्छे काम करने की कोशिश करते हैं। फिर भी उनके साथ बुरा होता है, इसलिए वे निराश हो जाते हैं। वियतनाम की रहनेवाली जीया के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। वे बताती हैं, ‘मैं अपने पूर्वजों की पूजा करती थी और उन्हें हर दिन फल-फूल और खाना चढ़ाती थी। मुझे लगता था कि यह सब करने से उनका आशीर्वाद मेरे साथ रहेगा। मैंने सालों तक पूजा-पाठ की और अच्छे काम किए, फिर भी मेरे साथ अच्छा नहीं हुआ। मेरे पति बहुत बीमार हो गए। कुछ समय बाद जब मेरी बेटी पढ़ाई के लिए विदेश गयी, तो उसकी मौत हो गयी। वह सिर्फ बीस साल की थी।’

भले काम करना ही काफी क्यों नहीं?

एक अच्छा इंसान होना और दूसरों का भला करना अच्छी बात है। लेकिन सिर्फ इतना करने से हमें ज़िंदगी में खुशी नहीं मिल सकती। वह क्यों? ध्यान दीजिए की पवित्र शास्त्र में इस बारे में क्या बताया गया है।

हर कोई भले काम नहीं करता

“अच्छे कामों को बिगाड़ने के लिए एक ही गुनहगार काफी होता है।”​—सभोपदेशक 9:18.

भले ही हम सही काम करें, पर दूसरों की गलतियों से हमें नुकसान हो सकता है। जैसे हो सकता है, महामारी के दौरान हम मास्क पहनें और लोगों से दूरी बनाए रखें। लेकिन बाकी लोग ऐसा न करें, तो उनकी वजह से हमारी जान को खतरा हो सकता है।

कई बार लोग बुरे कामों को सही मान बैठते हैं

“ऐसा भी रास्ता है जो इंसान को सही लगता है, मगर आखिर में वह उसे मौत की तरफ ले जाता है।”​—नीतिवचन 14:12.

कभी-कभी लोगों को लगता है कि वे जो कर रहे हैं, वह सही है, लेकिन बाद में उन्हें एहसास होता है कि उन्होंने सही नहीं किया। उन्होंने जो भी किया, नेक इरादे से किया, मगर उनका फैसला गलत था इसलिए उन्हें अंजाम भुगतने पड़े।

ज़िंदगी का कोई भरोसा नहीं

“तुम नहीं जानते कि कल तुम्हारे जीवन का क्या होगा।”​—याकूब 4:14.

एक इंसान भले ही बहुत अच्छा हो, पर अचानक उसके साथ भी हादसा हो सकता है। जैसे कोरोना महामारी के दौरान कई लोगों ने दूसरों की मदद की, फिर भी वे अपनी जान गँवा बैठे। ज़रा चीन में रहनेवाली लीटिंग नाम की औरत पर ध्यान दीजिए। उनके पिता की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी। वे बताती हैं, “मेरे पिता एक नेक इंसान थे, बहुत मेहनती थे और इतने नम्र थे कि क्या बताऊँ। गाड़ी में बाकी सभी लोग बच गए, फिर मेरे पिता के साथ ही ऐसा क्यों हुआ? वे तो एक अच्छे इंसान थे।”

जैसा हमने देखा, सिर्फ भले काम करना इस बात की गारंटी नहीं कि हमारा भविष्य अच्छा होगा। तो फिर एक अच्छे भविष्य के लिए हमें क्या करना होगा? कौन हमें सही-सही बता सकता है? आइए अगले लेख में इस सवाल का जवाब जानें।

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