1
मिस्र में इसराएली गिनती में बढ़े (1-7)
इसराएलियों पर फिरौन का ज़ुल्म (8-14)
परमेश्वर का डर माननेवाली धाइयों ने ज़िंदगी बचायी (15-22)
2
मूसा का जन्म (1-4)
फिरौन की बेटी ने उसे गोद लिया (5-10)
मूसा, मिद्यान भाग गया; सिप्पोरा से शादी की (11-22)
परमेश्वर ने इसराएलियों का कराहना सुना (23-25)
3
मूसा और जलती झाड़ी (1-12)
यहोवा ने अपने नाम के मायने समझाए (13-15)
यहोवा ने मूसा को हिदायत दी (16-22)
4
मूसा को 3 चमत्कार करने के लिए कहा गया (1-9)
मूसा ने नाकाबिल महसूस किया (10-17)
मूसा मिस्र लौटा (18-26)
मूसा, हारून से दोबारा मिला (27-31)
5
6
छुटकारे का वादा दोहराया गया (1-13)
मूसा और हारून की वंशावली (14-27)
मूसा को दोबारा फिरौन के सामने जाने के लिए कहा गया (28-30)
7
यहोवा ने मूसा की हिम्मत बँधायी (1-7)
हारून की छड़ी बड़ा साँप बनी (8-13)
पहला कहर: पानी खून में बदला (14-25)
8
9
10
11
12
फसह की शुरूआत (1-28)
दसवाँ कहर: पहलौठा मारा गया (29-32)
मिस्र से इसराएलियों का निकलना शुरू (33-42)
फसह में हिस्सा लेने के बारे में हिदायतें (43-51)
13
हर पहलौठा यहोवा का है (1, 2)
बिन-खमीर की रोटी का त्योहार (3-10)
हर पहलौठा यहोवा को अर्पित किया गया (11-16)
इसराएल को लाल सागर की तरफ जाने के लिए कहा गया (17-20)
बादल और आग का खंभा (21, 22)
14
इसराएल सागर के पास (1-4)
फिरौन ने इसराएल का पीछा किया (5-14)
इसराएल ने लाल सागर पार किया (15-25)
मिस्री, सागर में डूबे (26-28)
यहोवा पर इसराएल का विश्वास (29-31)
15
मूसा और इसराएल का विजय गीत (1-19)
जवाब में मिरयम ने गीत गाया (20, 21)
कड़वा पानी मीठे में बदला (22-27)
16
लोग खाने के बारे में कुड़कुड़ाए (1-3)
यहोवा ने उनका कुड़कुड़ाना सुना (4-12)
बटेर और मन्ना दिया गया (13-21)
सब्त के दिन मन्ना नहीं मिलता (22-30)
मन्ना यादगार के तौर पर रखा गया (31-36)
17
होरेब में पानी की शिकायत (1-4)
चट्टान से पानी निकाला (5-7)
अमालेकियों का हमला; उनकी हार (8-16)
18
19
सीनै पहाड़ के पास (1-25)
इसराएल, याजकों से बना राज बनेगा (5, 6)
लोगों को परमेश्वर से मिलने के लिए शुद्ध किया गया (14, 15)
20
21
22
23
इसराएल के लिए न्याय-सिद्धांत (1-19)
इसराएल को स्वर्गदूत राह दिखाएगा (20-26)
देश कैसे मिलेगा; उसकी सरहदें (27-33)
24
25
26
27
28
याजक की पोशाक (1-5)
एपोद (6-14)
सीनाबंद (15-30)
बिन-आस्तीन का बागा (31-35)
पगड़ी और उस पर सोने की पट्टी (36-39)
याजकों की दूसरी पोशाक (40-43)
29
याजकपद सौंपना (1-37)
हर दिन का चढ़ावा (38-46)
30
धूप की वेदी (1-10)
लोगों की गिनती; फिरौती की कीमत (11-16)
हाथ-पैर धोने के लिए ताँबे का हौद (17-21)
अभिषेक के तेल का खास मिश्रण (22-33)
पवित्र धूप का मिश्रण (34-38)
31
32
33
परमेश्वर ने डाँटने के लिए संदेश दिया (1-6)
छावनी के बाहर भेंट का तंबू (7-11)
मूसा ने यहोवा की महिमा देखने की गुज़ारिश की (12-23)
34
पत्थर की नयी पटियाएँ (1-4)
मूसा ने यहोवा की महिमा देखी (5-9)
करार की बातें दोहरायी गयीं (10-28)
मूसा के चेहरे से तेज निकल रहा था (29-35)
35
सब्त के बारे में हिदायतें (1-3)
पवित्र डेरे के लिए दान (4-29)
बसलेल और ओहोलीआब पवित्र शक्ति से भर गए (30-35)
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39
याजक की पोशाक बनायी गयी (1)
एपोद (2-7)
सीनाबंद (8-21)
बिन-आस्तीन का बागा (22-26)
याजकों की दूसरी पोशाक (27-29)
सोने की पट्टी (30, 31)
पवित्र डेरे का मुआयना (32-43)
40