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वेदी, बड़ा हौद और हौदियाँ (1-6)
दीवटें, मेज़ और आँगन (7-11क)
मंदिर की चीज़ें बनाना पूरा हुआ (11ख-22)
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8
सुलैमान के दूसरे निर्माण काम (1-11)
मंदिर में उपासना की व्यवस्था (12-16)
सुलैमान के जहाज़ों का लश्कर (17, 18)
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यहोशापात की अहाब से रिश्तेदारी (1-11)
मीकायाह ने हार की भविष्यवाणी की (12-27)
रामोत-गिलाद में अहाब की मौत (28-34)
19
20
पड़ोसी राष्ट्रों से यहूदा के लिए खतरा (1-4)
यहोशापात की प्रार्थना (5-13)
यहोवा का जवाब (14-19)
यहूदा बचाया गया (20-30)
यहोशापात के राज का अंत (31-37)
21
यहूदा का राजा यहोराम (1-11)
एलियाह से लिखित संदेश (12-15)
यहोराम का बुरा अंत (16-20)
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25
यहूदा का राजा अमज्याह (1-4)
एदोम के साथ युद्ध (5-13)
अमज्याह ने मूर्तिपूजा की (14-16)
इसराएल के राजा यहोआश से युद्ध (17-24)
अमज्याह की मौत (25-28)
26
यहूदा का राजा उज्जियाह (1-5)
उसने कई युद्ध जीते (6-15)
उसे कोढ़ी बना दिया गया (16-21)
उसकी मौत (22, 23)
27
28
यहूदा का राजा आहाज (1-4)
सीरिया और इसराएल से हार (5-8)
ओदेद ने इसराएल को चेतावनी दी (9-15)
यहूदा को नीचा दिखाया गया (16-19)
आहाज ने मूर्तिपूजा की; उसकी मौत (20-27)
29
यहूदा का राजा हिजकियाह (1, 2)
उसने देश में सुधार किया (3-11)
मंदिर शुद्ध किया गया (12-19)
मंदिर की सेवाएँ फिर से शुरू (20-36)
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सनहेरीब की धमकी (1-8)
उसने यहोवा को कुछ नहीं समझा (9-19)
स्वर्गदूत ने अश्शूरियों को नाश किया (20-23)
हिजकियाह की बीमारी; उसका घमंड (24-26)
उसकी कामयाबियाँ और मौत (27-33)
33
यहूदा का राजा मनश्शे (1-9)
मनश्शे का पश्चाताप (10-17)
मनश्शे की मौत (18-20)
यहूदा का राजा आमोन (21-25)
34
यहूदा का राजा योशियाह (1, 2)
उसने देश में सुधार किया (3-13)
कानून की किताब मिली (14-21)
हुल्दा की भविष्यवाणी (22-28)
योशियाह ने किताब पढ़कर सुनायी (29-33)
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यहूदा का राजा यहोआहाज (1-3)
यहूदा का राजा यहोयाकीम (4-8)
यहूदा का राजा यहोयाकीन (9, 10)
यहूदा का राजा सिदकियाह (11-14)
यरूशलेम का नाश (15-21)
कुसरू का फरमान (22, 23)