लूका
अध्ययन नोट—अध्याय 5
गन्नेसरत झील: गलील झील का दूसरा नाम। यह झील उत्तरी इसराएल में ताज़े पानी की झील है। (मत 4:18) इसे किन्नेरेत झील (गि 34:11) और तिबिरियास झील भी कहा जाता था। (यूह 6:1 का अध्ययन नोट देखें।) यह झील समुद्र-तल से औसतन 700 फुट (210 मी.) नीचे है। उत्तर से दक्षिण में इसकी लंबाई 21 कि.मी. (13 मील) और पूरब से पश्चिम में इसकी चौड़ाई 12 कि.मी. (8 मील) है। इसकी सबसे ज़्यादा गहराई करीब 160 फुट (48 मी.) मापी गयी है। गन्नेसरत एक छोटा-सा मैदान है, जो झील के उत्तर-पश्चिमी तट पर है। कुछ विद्वानों का मानना है कि गन्नेसरत शायद शुरूआती इब्रानी भाषा के नाम किन्नेरेत का यूनानी अनुवाद है।—मत 14:34 का अध्ययन नोट और अति. क7, नक्शा 3ख, “गलील के पास” देखें।
नाव में बैठकर भीड़ को सिखाने लगा: मत 13:2 का अध्ययन नोट देखें।
उनके जाल में आ फँसीं: या “पकड़ीं।”
एक आदमी था जिसका पूरा शरीर कोढ़ से भरा था: बाइबल में बताया कोढ़ एक गंभीर चर्मरोग था। यह आज के कोढ़ जैसा नहीं था। जब किसी को कोढ़ हो जाता था तो उसे समाज से निकाल दिया जाता था। ठीक होने के बाद ही वह वापस आ सकता था। (लैव 13:2, फु., 45, 46; कृपया शब्दावली में “कोढ़; कोढ़ी” देखें।) जब खुशखबरी के लेखकों मत्ती और मरकुस ने यह घटना लिखी, तो उन्होंने इस आदमी को बस “एक कोढ़ी” कहा। (मत 8:2; मर 1:40) लेकिन वैद्य लूका जानता था कि कोढ़ के अलग-अलग चरण होते हैं। (कुल 4:14) यहाँ लूका ने बताया कि इस आदमी का “पूरा शरीर कोढ़ से भरा था।” ज़ाहिर है कि इस आदमी की बीमारी भयानक रूप ले चुकी थी।—लूक 4:38 का अध्ययन नोट देखें, जहाँ लूका ने एक और बीमारी की गंभीरता बतायी।
यीशु ने . . . उसे छुआ: मत 8:3 का अध्ययन नोट देखें।
मैं चाहता हूँ: मत 8:3 का अध्ययन नोट देखें।
खुद को याजक को दिखा: मर 1:44 का अध्ययन नोट देखें।
वह अकसर वीरान इलाकों में चला जाता था ताकि प्रार्थना कर सके: सिर्फ लूका ने अपनी किताब में ज़िक्र किया कि यीशु ने कई मौकों पर प्रार्थना की। और यह उनमें से एक है। लूक 3:21; 9:28 के अध्ययन नोट देखें।) इस आयत में यूनानी क्रियाओं के जो रूप इस्तेमाल हुए हैं, उनसे पता चलता है कि प्रार्थना करना यीशु की एक आदत थी। “वीरान इलाकों” के लिए यूनानी शब्द ईरेमोस इस्तेमाल हुआ है, जिसका मतलब अकसर रेगिस्तान या बंजर इलाका होता है। लेकिन इसका मतलब कोई “सुनसान” या “एकांत जगह” भी हो सकता है। (मत 14:13; मर 1:45; 6:31; लूक 4:42; 8:29) ऐसा नहीं था कि यीशु लोगों से दूर-दूर रहता था, उसे दूसरों के साथ वक्त बिताना अच्छा लगता था। (मत 9:35, 36; लूक 8:1; 19:7-10; यूह 11:5) पर उसे सबसे बढ़कर अपने पिता का साथ पसंद था, इसलिए वह अकसर मौके ढूँढ़कर किसी शांत जगह चला जाता था। और वहाँ वह खुलकर यहोवा से प्रार्थना करता था।—मत 14:23; मर 1:35.
यहोवा की शक्ति: हालाँकि यूनानी हस्तलिपियों में यहाँ शब्द किरियॉस (प्रभु) इस्तेमाल हुआ है, फिर भी परमेश्वर का नाम इस्तेमाल करना सही है। संदर्भ से साफ पता चलता है कि यहाँ किरियॉस परमेश्वर के लिए इस्तेमाल हुआ है। यूनानी शब्द डायनामिस, जिसका अनुवाद “शक्ति” या “ताकत” किया जा सकता है, सेप्टुआजेंट में इब्रानी शास्त्र की उन आयतों में आया है जिनमें यहोवा की “शक्ति” या “ताकत” की बात की गयी है और जिनके संदर्भ में परमेश्वर का नाम चार इब्रानी अक्षरों में लिखा है।—भज 21:1, 13; 93:1; 118:15; कृपया अति. ग3 परिचय; लूक 5:17 देखें।
खपरैल हटाकर: यीशु ने लकवे के मारे आदमी को ठीक किया था, वह घटना मत्ती (9:1-8), मरकुस (2:1-12) और लूका में दर्ज़ है। हर किताब में इस घटना की कुछ ऐसी जानकारी दी गयी है, जो बाकी दो किताबों में नहीं है। जैसे, मत्ती ने यह नहीं बताया कि उस आदमी को छत से नीचे उतारा गया था, जबकि मरकुस ने लिखा कि उसके दोस्तों ने छत को खोदकर खोल दिया और उसे खाट समेत नीचे उतारा। लूका ने लिखा कि “खपरैल हटाकर” उसे नीचे उतारा गया। (मर 2:4 का अध्ययन नोट देखें।) खपरैल के यूनानी शब्द कीरामॉस का मतलब “मिट्टी” भी हो सकता है, जिससे छत पर, दीवारों या फर्श पर लगाने के लिए पटियाएँ बनायी जाती थीं। लेकिन यहाँ यूनानी शब्द का बहुवचन इस्तेमाल हुआ है जिससे मालूम पड़ता है कि “खपरैल” की बात की गयी है। इस बात के सबूत हैं कि प्राचीन इसराएल में खपरैल इस्तेमाल की जाती थीं। हालाँकि यह कहना नामुमकिन है कि मरकुस और लूका के ब्यौरों में किस तरह की छत की बात की गयी है, मगर हो सकता है कि खपरैल ऐसे ही मिट्टी की छत पर रखी गयी हों या फिर उन्हें मिट्टी में धँसाया गया हो। चाहे छत कैसी भी बनी हो, ब्यौरों से साफ पता चलता है कि लकवे के मारे आदमी को यीशु के सामने लाने के लिए उसके दोस्तों ने कितने जतन किए। इससे वाकई उनका गहरा विश्वास ज़ाहिर होता है, इसलिए तीनों ब्यौरों में बताया गया है कि यीशु ने “उन आदमियों का विश्वास देखा।”—लूक 5:20.
उन आदमियों का विश्वास देखा: मत 9:2 का अध्ययन नोट देखें।
इंसान के बेटे: मत 8:20 का अध्ययन नोट देखें।
पाप माफ करने का अधिकार दिया गया है . . .।: मत 9:6 का अध्ययन नोट देखें।
कर-वसूली के दफ्तर: मर 2:14 का अध्ययन नोट देखें।
लेवी: इसके मिलते-जुलते ब्यौरे मत 9:9 में इस चेले को मत्ती कहा गया है। जब मत्ती कर वसूलने का काम करता था, तो उन घटनाओं का ज़िक्र करते वक्त मरकुस और लूका ने उसे लेवी कहा (मर 2:14), लेकिन जब प्रेषित के तौर पर उसका ज़िक्र किया तो उसे मत्ती कहा (मर 3:18; लूक 6:15; प्रेष 1:13)। बाइबल यह नहीं बताती कि यीशु का चेला बनने से पहले लेवी का नाम मत्ती था या नहीं।—मर 2:14 का अध्ययन नोट देखें।
आ, मेरा चेला बन जा: मर 2:14 का अध्ययन नोट देखें।
कर-वसूलनेवाले: मत 5:46 का अध्ययन नोट देखें।
खाना खा रहे थे: मर 2:15 का अध्ययन नोट देखें।
उपवास: मत 6:16 का अध्ययन नोट देखें।
अपने दोस्तों: मत 9:15 का अध्ययन नोट देखें।
दाख-मदिरा . . . मशकों में भरता है: मत 9:17 का अध्ययन नोट देखें।
ही बढ़िया: या शायद, “और भी बढ़िया।” ये शब्द कुछ हस्तलिपियों में पाए जाते हैं।