मसीही परिवार एक साथ मिलकर कार्य करता है
“हे भाइयो, मैं तुम से . . . बिनती करता हूं, कि तुम . . . एक ही मन और एक ही मत होकर मिले रहो।”—१ कुरिन्थियों १:१०.
१. अनेक परिवारों में एकता के सम्बन्ध में क्या स्थिति है?
क्या आपका परिवार एक संयुक्त परिवार है? या ऐसा प्रतीत होता है कि सब लोग अपने-अपने रास्ते जाते हैं? क्या आप एक साथ मिलकर कार्य करते हैं? या क्या शायद ही कभी आप सब एक ही समय एक स्थान पर उपस्थित होते हैं? स्वयं “परिवार” शब्द ही एक एकीकृत गृहस्थी को सूचित करता है।a लेकिन, सभी परिवार संयुक्त नहीं हैं। एक ब्रिटिश व्याख्याता यह कहने के लिए इस हद तक गया: “अच्छे समाज का आधार होने के बजाय, परिवार . . . हमारे सभी असंतोष का स्रोत है।” क्या यह आपके परिवार के विषय में सच है? यदि है, तो क्या इसे ऐसा ही होना है?
२. कौनसे बाइबल पात्र एक अच्छे परिवार से आने का प्रमाण देते हैं?
२ एक परिवार की एकता या फूट अक्सर उसकी अगुआई पर निर्भर करती है, चाहे माता-पिता दोनों से या एक जनक से हो। बाइबल के समयों में, एक साथ मिलकर उपासना करनेवाले संयुक्त परिवारों ने यहोवा की आशिष का आनन्द उठाया। यह प्राचीन इस्राएल में सच था, जहाँ यिप्तह की बेटी, शिमशोन, और शमूएल, प्रत्येक ने भिन्न तरीक़ों से एक ईश्वरीय परिवार से आने का प्रमाण दिया। (न्यायियों ११:३०-४०; १३:२-२५; १ शमूएल १:२१-२३; २:१८-२१) प्रारंभिक मसीही समयों में, तीमुथियुस, जो पौलुस की कुछ मिशनरी यात्राओं पर पौलुस का वफ़ादार साथी था, अपनी नानी लोइस और अपनी माता, यूनीके द्वारा इब्रानी शास्त्रवचनों के ज्ञान के साथ पाला-पोसा गया था। वह क्या ही उत्कृष्ट चेला और मिशनरी बना!—प्रेरितों १६:१, २; २ तीमुथियुस १:५; ३:१४, १५; साथ ही प्रेरितों २१:८, ९ भी देखिए.
एक साथ मिलकर कार्य क्यों करें?
३, ४. (क) एक संयुक्त परिवार में कौनसे गुण स्पष्ट होने चाहिए? (ख) एक घर कैसे मात्र एक मकान से बढ़कर हो सकता है?
३ परिवारों के लिए एक साथ मिलकर कार्य करना क्यों लाभदायक है? क्योंकि यह आपसी समझ और आदर को बढ़ाता है। एक दूसरे से अपने आपको अलग करने के बजाय, हम घनिष्ठ रहते हैं और समर्थन देते हैं। पारिवारिक सम्बन्ध (Family Relations) पत्रिका में एक हाल के लेख ने कहा: “‘मज़बूत परिवारों’ के विशिष्ट गुणों को वर्णित करते हुए एक अपेक्षाकृत स्पष्ट तस्वीर उभरी है। इन गुणों में एक दूसरे के प्रति वचनबद्धता और एक दूसरे के लिए मूल्यांकन, घनिष्ठता की भावना, अच्छा संचार, समस्या-सुलझाने की योग्यता, और एक मज़बूत आध्यात्मिक आयाम सम्मिलित हैं।”
४ जब ये गुण एक परिवार में हों, तब घर एक पेट्रोल पम्प की तरह नहीं होगा, एक ऐसा स्थान जहाँ पेट्रोल के लिए रुका जाए। यह मात्र एक मकान से बढ़कर है। यह एक आकर्षक स्थान है जो परिवार के सदस्यों को आकर्षित करता है। यह हार्दिकता और स्नेह, करुणा, और समझ का एक आश्रय है। (नीतिवचन ४:३, ४) यह बिच्छू की माँद नहीं है जहाँ घर्षण और फूट है, बल्कि यह एक ऐसा घोंसला है जहाँ पारिवारिक एकता पाई जाती है। लेकिन इसे कैसे प्राप्त किया जाता है?
एक साथ मिलकर पारिवारिक अध्ययन करना
५. सच्ची उपासना सीखने के लिए हम क्या प्रयोग करते हैं?
५ अपनी तर्क करने की क्षमता, या “तर्क की शक्ति” का प्रयोग करने से यहोवा की सच्ची उपासना सीखी जाती है। (रोमियों १२:१, NW) हमारा आचरण क्षणिक भावनाओं द्वारा नियंत्रित नहीं होना चाहिए, ऐसी भावनाएँ जो वाग्मितापूर्ण प्रवचन और चतुर टी.वी. पादरियों द्वारा उत्पन्न की जाती हैं। इसके बजाय, हम बाइबल तथा “विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास” द्वारा प्रदान किए गए बाइबल अध्ययन साहित्य का नियमित अध्ययन करने और उस पर मनन करने के द्वारा अभिप्रेरित होते हैं। (मत्ती २४:४५) कोई भी स्थिति या प्रलोभन जो शायद उत्पन्न हो, उस पर मसीह के मन को रखने से हमारा मसीही कार्य परिणित होता है। इस तरीक़े से, यहोवा हमारा महान शिक्षक है।—भजन २५:९; यशायाह ५४:१३; १ कुरिन्थियों २:१६.
६. हमारे पास पारिवारिक अध्ययन का कौनसा विश्वव्यापी उदाहरण है?
६ प्रत्येक मसीही परिवार की आध्यात्मिकता में पारिवारिक बाइबल अध्ययन एक अनिवार्य भूमिका अदा करता है। आप अपना पारिवारिक अध्ययन कब करते हैं? यदि इसकी योजना नहीं बनाई जाती है या इसे तत्काल निर्णय पर छोड़ा जाता है, तब संभवतः यदि बाइबल अध्ययन कभी होता भी है तो यह विरले ही होता है। एक साथ मिलकर बाइबल अध्ययन करना एक नियमित, निर्धारित समय-सारणी की माँग करता है। तब सब जानते हैं कि एक आध्यात्मिक पारिवारिक समूहन का आनन्द लेने के लिए उनसे कौनसे दिन और समय उपस्थित होने की अपेक्षा की जाती है। विश्वव्यापी बेथेल परिवार के १२,००० से अधिक सदस्य जानते हैं कि उनका पारिवारिक अध्ययन सोमवार शाम को होता है। इन बेथेल स्वयंसेवकों के लिए यह याद रखना कितना प्रभावपूर्ण है कि जैसे-जैसे दिन समाप्त होता जाता है वे सब एक ही अध्ययन में भाग ले रहे हैं, पहले प्रशान्त के द्वीपों और न्यू ज़ीलैंड में, फिर क्रमिक रूप से आस्ट्रेलिया, जापान, ताइवान, हांगकांग में, और इसके बाद एशिया, अफ्रीका, और यूरोप, और अन्त में अमरीका में। चाहे हज़ारों किलोमीटर और अनेक भाषाओं से अलग किए गए हैं, यह पारिवारिक अध्ययन बेथेल परिवार के सदस्यों में घनिष्ठता की भावना प्रेरित करता है। एक छोटे पैमाने पर, आप अपने पारिवारिक अध्ययन के द्वारा ऐसी ही भावना विकसित कर सकते हैं।—१ पतरस २:१७; ५:९.
७. पतरस के अनुसार, हमें सत्य के वचन को किस दृष्टिकोण से देखना चाहिए?
७ प्रेरित पतरस हमें सलाह देता है: “नये जन्मे हुए बच्चों की नाईं निर्मल आत्मिक दूध की लालसा करो, ताकि उसके द्वारा उद्धार पाने के लिये बढ़ते जाओ। यदि तुम ने प्रभु की कृपा का स्वाद चख लिया है।” (१ पतरस २:२, ३) पतरस इन शब्दों के द्वारा क्या ही सुन्दर चित्र खींचता है! उसने यूनानी क्रिया एपीपोथेसाते (e·pi·po·theʹsa·te) प्रयोग की, जो, लिंग्विस्टिक की टू द ग्रीक न्यू टेस्टामेंट (Linguistic Key to the Greek New Testament) के अनुसार, एक ऐसे शब्द से आती है जिसका अर्थ है “के लिए तरसना, इच्छा करनी, लालसा करनी।” यह तीव्र इच्छा को सूचित करती है। क्या आपने ध्यान दिया है कि कैसे एक जानवर का बच्चा अपनी माँ के स्तनाग्र को उत्सुकता से खोजता है और एक मानव शिशु कितना संतुष्ट होता है जब वह स्तनपान कर रहा होता है? हमें भी सत्य के वचन के लिए ऐसी ही इच्छा होनी चाहिए। यूनानी विद्वान विलियम बार्कले ने कहा: “सत्हृदय मसीही के लिए, परमेश्वर का वचन पढ़ना एक श्रम नहीं बल्कि एक आनन्द की बात है, क्योंकि वह जानता है कि इसमें उसका हृदय वह पोषण पाएगा जिसके लिए उसका हृदय तरसता है।”
८. पारिवारिक अध्ययन संचालित करने में परिवार का सिर कौनसी चुनौती का सामना करता है?
८ पारिवारिक अध्ययन परिवार के सिर पर एक बड़ी ज़िम्मेदारी डालता है। उसे निश्चित करना है कि अध्ययन सबके लिए दिलचस्प है और कि सब भाग ले सकते हैं। बच्चों को यह महसूस नहीं होना चाहिए कि अध्ययन वास्तव में केवल बड़ों के लिए है। अध्ययन की कोटि पूरी की गई सामग्री के परिमाण से ज़्यादा महत्त्वपूर्ण है। बाइबल को सजीव बनाइए। जहाँ उपयुक्त हो, वहाँ अपने बच्चों को फिलिस्तीन के उन क्षेत्रों और विशेषताओं की कल्पना करने में सहायता कीजिए, जहाँ विचार-विमर्श की जा रही घटनाएँ घटित हुई थीं। सब को अपना व्यक्तिगत अनुसंधान करने और परिवार के साथ इसे बाँटने का प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। इस तरीक़े से बच्चे भी ‘यहोवा के संग रहते हुए बढ़’ सकते हैं।—१ शमूएल २:२०, २१.
एक साथ मिलकर प्रचार करना
९. किस प्रकार प्रचार कार्य को एक ख़ुश पारिवारिक अनुभव बनाया जा सकता है?
९ यीशु ने कहा: “अवश्य है कि पहिले सुसमाचार सब जातियों में प्रचार किया जाए।” (मरकुस १३:१०) ये शब्द सभी अंतर्विवेकशील मसीहियों को एक कार्य-नियुक्ति देते हैं—प्रचार करना, परमेश्वर के राज्य शासन का सुसमाचार दूसरों के साथ बाँटना। एक परिवार के तौर पर इसे एक साथ मिलकर करना एक प्रोत्साहक और हर्षमय अनुभव हो सकता है। माता-पिता अपने बच्चों के सुसमाचार के प्रस्तुतीकरण पर गर्व करते हैं। एक दम्पति जिनके तीन पुत्रों की उम्र १५ और २१ के बीच की है बताते हैं कि अपने बच्चों के साथ स्कूल के बाद प्रत्येक बुधवार और प्रत्येक शनिवार सुबह सार्वजनिक प्रचार कार्य में जाने की हमेशा उनकी आदत रही है। पिता ने कहा: “हर बार हम उन्हें कुछ सिखाते हैं। और हम निश्चित करते हैं कि यह एक आनन्ददायक, प्रोत्साहक अनुभव हो।”
१०. सेवकाई में माता-पिता अपने बच्चों को कैसे लाभ पहुँचा सकते हैं?
१० प्रचार और शिक्षा कार्य में एक परिवार के तौर पर एक साथ मिलकर कार्य करना बहुत फलदायक हो सकता है। कभी-कभी लोग बच्चे के सरल लेकिन सच्चे प्रस्तुतीकरण पर ज़्यादा सकारात्मक रूप से प्रतिक्रिया दिखाते हैं। फिर, मम्मी या पापा वहाँ हैं सहायता देने के लिए यदि आवश्यकता पड़े। माता-पिता निश्चित कर सकते हैं कि उनके बच्चों को प्रगतिशील प्रशिक्षण प्राप्त हो और इस प्रकार ऐसे सेवक बनें ‘जो लज्जित होने न पाएँ, और जो सत्य के वचन को ठीक रीति से काम में लाते हों।’ इस प्रकार एक साथ मिलकर प्रचार करने से माता-पिता को मौका मिलता है कि वे सेवकाई में अपने बच्चे की मनोवृत्ति, प्रभावकारिता, और शिष्टाचार देख सकें। एक नियमित नित्यक्रम रखने से, वे बच्चे की प्रगति देखते हैं और उसके विश्वास को मज़बूत करने के लिए निरन्तर प्रशिक्षण और प्रोत्साहन देते हैं। इसके साथ-साथ, बच्चे देखते हैं कि उनके माता-पिता सेवकाई में अच्छे उदाहरण हैं। इन संकटपूर्ण और हिंसक समयों में, एक संयुक्त और प्रेममय परिवार के तौर पर उन पड़ोस में कार्य करना जहाँ अपराध व्यापक है शायद कुछ हद तक सुरक्षा भी प्रदान करे।—२ तीमुथियुस २:१५; फिलिप्पियों ३:१६.
११. कौनसी चीज़ सत्य के लिए एक बच्चे के जोश को आसानी से कम कर सकती है?
११ बच्चे आसानी से वयस्कों में दोहरा-स्तर पहचान लेते हैं। यदि माता-पिता सत्य के लिए और घर-घर की सेवकाई के लिए सच्चा प्रेम नहीं दिखाते हैं, तो बच्चों से जोशीला बनने की अपेक्षा बिल्कुल नहीं की जा सकती है। इस प्रकार, एक स्वस्थ जनक जिसकी क्षेत्र सेवा केवल बच्चों के साथ साप्ताहिक बाइबल अध्ययन करना है, को शायद एक भारी क़ीमत देनी पड़े जब ये बड़े हो जाते हैं।—नीतिवचन २२:६; इफिसियों ६:४.
१२. कुछ परिवार यहोवा से एक ख़ास आशिष कैसे प्राप्त कर सकते हैं?
१२ ‘एक ही मन होकर मिले रहने’ का एक लाभ यह है कि शायद परिवार मिलजुलकर काम कर सकें ताकि कम से कम एक सदस्य कलीसिया में पूर्ण-समय पायनियर सेवक के तौर पर कार्य कर सके। संसारभर में बहुत से परिवार ऐसा करते हैं, और सभी अपने पायनियर सदस्य के अनुभवों तथा अधिक प्रभावकारिता से आशिष प्राप्त करते हैं।—२ कुरिन्थियों १३:११; फिलिप्पियों २:१-४.
एक साथ मिलकर समस्याओं से निपटना
१३, १४. (क) कौनसी स्थितियाँ एक परिवार के मित्रभाव पर प्रभाव डाल सकती हैं? (ख) किस प्रकार अनेक पारिवारिक समस्याएँ रोकी जा सकती हैं?
१३ “तनाव” और “ख़तरे” के इन कठिन समयों में, हम सब दबाव का अनुभव करते हैं। (२ तीमुथियुस ३:१, रिवाइज़्ड स्टैन्डर्ड वर्शन; फिलिप्पस्) कार्य-स्थल में, स्कूल में, सड़कों पर, और स्वयं घरों में भी समस्याएँ हैं। कुछेक व्यक्ति ख़राब स्वास्थ्य या चिरकालिक भावात्मक समस्याओं से पीड़ित हैं, जो कभी-कभी परिवार में तनाव और ग़लतफ़हमियाँ पैदा कर देती हैं। ऐसी स्थितियों से कैसे निपटा जा सकता है? क्या प्रत्येक व्यक्ति के चुप्पी साधने से? क्या एक घर में रहते हुए भी अपने आपको अलग कर लेने से? नहीं। इसके बजाय, हमें अपनी दुश्चिन्ताओं को बताने और सहायता माँगने की आवश्यकता है। और ऐसा करने के लिए एक प्रेममय पारिवारिक दायरे से बेहतर और कौनसी जगह होगी?—१ कुरिन्थियों १६:१४; १ पतरस ४:८.
१४ जैसे कोई भी डाक्टर जानता है, इलाज से बचाव अच्छा है। पारिवारिक समस्याओं के विषय में भी यह सच है। खुला और स्पष्ट विचार-विमर्श अक्सर समस्याओं को गम्भीर बनने से रोकता है। यदि गम्भीर समस्याएँ उठ भी जाएँ, तो उन्हें निपटाया और सुलझाया भी जा सकता है यदि परिवार एक साथ मिलकर संबद्ध बाइबल सिद्धांतों पर विचार करे। कुलुस्सियों ३:१२-१४ में दिए गए पौलुस के इन शब्दों को लागू करने से अक्सर घर्षण को एक शान्त सम्बन्ध में परिवर्तित किया जा सकता है: “बड़ी करुणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो। और यदि किसी को किसी पर दोष देने का कोई कारण हो, तो एक दूसरे की सह लो, और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो: . . . प्रेम को जो सिद्धता का कटिबन्ध है बान्ध लो।”
एक साथ मिलकर मनोरंजन करना
१५, १६. (क) मसीही परिवार कौनसे गुण द्वारा पहचाने जाने चाहिए? (ख) कुछ धर्म किस प्रकार के लोग उत्पन्न करते हैं, और क्यों?
१५ यहोवा एक ख़ुश परमेश्वर है, और सत्य एक ख़ुशी का संदेश है—मानवजाति के लिए आशा का एक संदेश। इसके अतिरिक्त, आत्मा का एक फल आनन्द है। यह आनन्द उस व्यायामी के क्षणिक उल्लास से काफ़ी भिन्न है जो किसी प्रतियोगात्मक खेल में जीत जाता है। यह संतोष की वह गहरी सतत भावना है जो यहोवा के साथ एक घनिष्ठ सम्बन्ध विकसित करने के कारण हृदय में उमड़ती है। यह आध्यात्मिक मान्यताओं और प्रोत्साहक सम्बन्धों पर आधारित आनन्द है।—गलतियों ५:२२; १ तीमुथियुस १:११.
१६ इसलिए, यहोवा के मसीही गवाह होने के नाते, हमारे पास उदास होने या परिहास रहित होने का कोई कारण नहीं है। कुछ धर्म उस प्रकार के लोग उत्पन्न करते हैं क्योंकि उनकी तरह का विश्वास नकारात्मक तत्त्वों पर ज़ोर देता है। उनकी शिक्षाएँ एक निराशाजनक, निरानंद प्रकार की उपासना में परिणित होती हैं, जो न तो बाइबलीय है और न ही संतुलित। वे परमेश्वर की सेवा में ख़ुश परिवार उत्पन्न नहीं करते हैं। यीशु ने मनोरंजन और विश्राम की आवश्यकता को देखा। उदाहरण के लिए, एक अवसर पर उसने अपने चेलों को ‘अलग किसी जंगली स्थान में जाकर थोड़ा विश्राम करने’ का निमंत्रण दिया।—मरकुस ६:३०-३२; भजन १२६:१-३; यिर्मयाह ३०:१८, १९.
१७, १८. किन उपयुक्त तरीक़ों से मसीही परिवार मनोरंजन कर सकते हैं?
१७ इसी प्रकार परिवारों को भी मनोरंजन करने के लिए समय की आवश्यकता है। अपने बच्चों के विषय में एक जनक ने कहा: “हम लोग एक साथ मिलकर बहुत से आनन्ददायक कार्य करते हैं—समुद्र-तट पर जाते हैं, पार्क में गेंद खेलते हैं, पहाड़ों में पिकनिक आयोजित करते हैं। समय-समय पर, हम एक साथ मिलकर सेवकाई में एक ‘पायनियर दिन’ बिताते हैं; फिर हम एक ख़ास भोजन के साथ ख़ुशी मनाते हैं, और हम शायद एक दूसरे को तोहफ़े भी दें।”
१८ माता-पिता द्वारा विचार किए जा सकनेवाले अन्य सुझाव हैं, चिड़ियाघर, मनोरंजन पार्क, अजायबघर, और अन्य मोहक जगहों में पारिवारिक सैर। वनों में पद यात्रा, पक्षी-अवलोकन, और बाग़बानी ऐसे कार्य हैं जिनमें आनन्ददायक रूप से भाग लिया जा सकता है। माता-पिता अपने बच्चों को कोई वाद्य बजाना सीखने या एक व्यावहारिक शौक में लगने के लिए भी प्रोत्साहित कर सकते हैं। निःसंदेह, संतुलित माता-पिता अपने बच्चों के साथ खेलने के लिए समय निकालेंगे। यदि परिवार एक साथ मिलकर खेलेंगे, तो ज़्यादा सम्भव है कि वे एक साथ रहेंगे!
१९. कौनसी आधुनिक प्रवृत्ति एक परिवार को हानि पहुँचा सकती है?
१९ एक आधुनिक प्रवृत्ति यह है कि जब मनोरंजन की बात आती है तब युवजन परिवार से अलग होकर अपनी मनमर्जी करना चाहते हैं। जबकि इसमें कोई बुराई नहीं है कि एक युवा व्यक्ति का एक शौक हो या एक मनपसन्द निजी मनबहलाव हो, ऐसी दिलचस्पियों को बाक़ी के परिवार से स्थायी अलगाव पैदा करने देना बुद्धिमत्ता नहीं होगी। इसके बजाय, हम उस सिद्धांत को लागू करना चाहते हैं जिसे पौलुस ने कहा: “हर एक अपनी ही हित की नहीं, बरन दूसरों की हित की भी चिन्ता करे।”—फिलिप्पियों २:४.
२०. कैसे अधिवेशन और सम्मेलन आनन्दमय समय हो सकते हैं?
२० अधिवेशनों और सम्मेलनों में परिवारों को एक साथ बैठे देखना हम सब के लिए कितने आनन्द की बात है! इस प्रकार बड़े बच्चे अक्सर छोटे बच्चों के विषय में सहायता कर सकते हैं। ऐसा प्रबन्ध कुछ किशोरों द्वारा समूह बनाकर पिछली पंक्तियों में बैठने और अधिवेशन कार्यक्रम पर थोड़ा ध्यान देने की प्रवृत्ति को भी रोकता है। सम्मेलनों में आने-जाने की यात्रा भी आनन्दमय हो सकती है जब परिवार से परामर्श लिया जाता है कि कौनसा मार्ग लेना है, रास्ते में कौनसी जगहें देखनी हैं, और कहाँ ठहरना है। कल्पना कीजिए कि यीशु के दिनों में परिवारों के लिए एक साथ मिलकर यरूशलेम तक यात्रा करना कितना उत्तेजक समय हुआ होगा!—लूका २:४१, ४२.
एक साथ मिलकर कार्य करने की आशिषें
२१. (क) विवाह में सफलता के लिए हम कैसे प्रयास कर सकते हैं? (ख) एक स्थायी विवाह के लिए कौनसे चार अच्छे सुझाव हैं?
२१ सफल विवाह और संयुक्त परिवार प्राप्त करना कभी भी आसान नहीं था, और न ही ये अकस्मात् घटित होते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ व्यक्ति ‘सब यत्न छोड़ने,’ विवाह को तलाक़ में समाप्त करने, और नए सिरे से आरम्भ करने की कोशिश करने को ज़्यादा आसान पाते हैं। लेकिन, अक्सर वही समस्याएँ दूसरे या तीसरे विवाह में पेश आती हैं। इससे अधिक बेहतर हल मसीही हल है: प्रेम और आदर के बाइबल सिद्धांतों को लागू करने के द्वारा सफलता के लिए प्रयास कीजिए। संयुक्त परिवार आदान-प्रदान की, निःस्वार्थता की भावना पर निर्भर है। विवाहों को स्थायी बनाने के लिए एक विवाह सलाहकार ने एक सरल सूत्र प्रस्तुत किया। उसने लिखा: “प्रायः सभी अच्छे विवाहों में पाए जानेवाले चार मुख्य तत्त्व हैं, सुनने के लिए तत्परता, क्षमा माँगने की योग्यता, निरंतर भावात्मक समर्थन प्रदान करने की क्षमता, और स्नेहपूर्वक छूने की इच्छा।” ये तत्त्व सचमुच एक विवाह को स्थायी बनाने में सहायता कर सकते हैं क्योंकि ये ठोस बाइबल सिद्धांतों पर भी आधारित हैं।—१ कुरिन्थियों १३:१-८; इफिसियों ५:३३; याकूब १:१९.
२२. एक संयुक्त परिवार होने से कौनसे कुछ लाभ हैं?
२२ यदि हम बाइबल की सलाह को लागू करते हैं, तो एक संयुक्त परिवार के लिए हमारे पास एक ठोस आधार होगा, और संयुक्त परिवार एक संयुक्त और आध्यात्मिक तौर से मज़बूत कलीसिया का आधार हैं। इस प्रकार, जैसे-जैसे हम एक साथ मिलकर यहोवा को और अधिक प्रशंसा प्रस्तुत करते हैं, हम उससे प्रचुर आशिष प्राप्त करेंगे।
[फुटनोट]
a “परिवार लैटिन फामीलीया से आता है, मूलतः एक बड़े घर के नौकर और दास, फिर गृहस्वामी, गृहस्वामिनी, बच्चे—और कर्मचारीगण समेत स्वयं घर।”—एरिक पारट्रिज द्वारा ओरिजनस्—अ शॉर्ट ऐटिमॉलोजिकल डिक्शनरि ऑफ मॉडर्न इंग्लिश.
क्या आपको याद है?
▫ परिवारों के लिए एक साथ कार्य करना क्यों लाभदायक है?
▫ एक नियमित पारिवारिक बाइबल अध्ययन क्यों अत्यावश्यक है?
▫ क्षेत्र सेवकाई में अपने बच्चों के साथ कार्य करना माता-पिताओं के लिए क्यों अच्छा है?
▫ पारिवारिक दायरे के अन्दर समस्याओं पर विचार-विमर्श करना क्यों सहायता देता है?
▫ मसीही परिवारों को क्यों निराशाजनक और निरानंद नहीं होना चाहिए?
[पेज 10 पर तसवीरें]
क्या आपका परिवार कम से कम दिन में एक बार एक साथ मिलकर भोजन का आनन्द लेता है?
[पेज 11 पर तसवीरें]
पारिवारिक सैरों को आरामदेह और आनन्ददायक होना चाहिए