परिवारो, नियमित रूप से बाइबल का अध्ययन कीजिए
“मनुष्य केवल रोटी ही से नहीं, परन्तु हर एक वचन से जो परमेश्वर के मुख से निकलता है जीवित रहेगा।”—मत्ती ४:४.
१. अपने बच्चों को यहोवा का मार्ग सिखाने की ज़िम्मेदारी के बारे में बाइबल परिवार के मुखियों से क्या कहती है?
पुराने ज़माने में यहोवा परमेश्वर ने परिवार के मुखियों पर बच्चों को सिखाने की ज़िम्मेदारी के बारे में काफी बार याद दिलाया था। इस तरह सिखाने से बच्चों को न सिर्फ उनकी मौजूदा ज़िंदगी के लिए तैयार किया गया, बल्कि उन्हें आनेवाली ज़िंदगी के लिए भी तैयार किया गया। परमेश्वर की तरफ से आए एक स्वर्गदूत ने इब्राहीम को उसकी ज़िम्मेदारी के बारे में बताया कि उसे अपने घराने को तालीम देनी चाहिए, ताकि वे “यहोवा के मार्ग में अटल बने रहें।” (उत्पत्ति १८:१९) इस्राएली माता-पिता से कहा गया था कि वे अपने बच्चों को समझाएँ कि किस तरह परमेश्वर ने इस्राएल को मिस्र से छुड़ाया था और किस तरह उसने होरेब में सीनै पर्वत पर कानून-व्यवस्था दी थी। (निर्गमन १३:८, ९; व्यवस्थाविवरण ४:९, १०; ११:१८-२१) आज, मसीही परिवारों में घर के मुखिया से कहा गया है कि अपने बच्चों को “प्रभु की शिक्षा, और चितावनी देते हुए” उनकी परवरिश करें। (इफिसियों ६:४) अगर परिवार में सिर्फ माता या पिता ही यहोवा की सेवा करता है, तो भी उसे अपने बच्चों को यहोवा का मार्ग सिखाने की पूरी कोशिश करनी चाहिए।—२ तीमुथियुस १:५; ३:१४, १५.
२. अगर परिवार में बच्चे न हों, तो क्या फैमिली स्टडी करना ज़रूरी है? समझाइए।
२ लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि परिवार में बाइबल का अध्ययन सिर्फ उन्हीं को करना चाहिए जिनके घर में बच्चे हों। अगर परिवार में सिर्फ पति-पत्नी ही हैं तो भी उन्हें फैमिली स्टडी करनी चाहिए। इससे यह पता चलेगा कि वे आध्यात्मिक बातों की कितनी कदर करते हैं।—इफिसियों ५:२५, २६.
३. यह क्यों ज़रूरी है कि फैमिली स्टडी को कभी टाला न जाए?
३ अगर परिवार को फैमिली स्टडी से सबसे ज़्यादा फायदा उठाना है, तो उसे लगातार किया जाना चाहिए। बिलकुल उसी तरह जैसे यहोवा ने वीराने में इस्राएल को सिखाया था: “मनुष्य केवल रोटी ही से नहीं जीवित रहता, परन्तु जो जो वचन यहोवा के मुंह से निकलते हैं उन ही से वह जीवित रहता है।” (व्यवस्थाविवरण ८:३) हर परिवार अपने हालात के मुताबिक फैमिली स्टडी करने के लिए अलग-अलग वक्त तय करता है, जैसे कुछ परिवार हफ्ते में एक बार स्टडी करते हैं, तो कुछ परिवार हर रोज़ थोड़ी देर के लिए करते हैं। सो चाहे आप हफ्ते में एक बार करने की सोचें या रोज़, लेकिन स्टडी को कभी मत टालिए। इस ‘अवसर को बहुमोल समझिए’ और इसके लिए वक्त निकालिए। वक्त निकालने के लिए आपको जो भी कीमत चुकानी पड़े, उसके लिए आप कभी नहीं पछताएँगे। और यह ज़रूरी भी है क्योंकि आपके परिवार के लोगों की जान दाँव पर लगी है।—इफिसियों ५:१५-१७; फिलिप्पियों ३:१६.
इन उद्देश्यों को मन में रखिए
४, ५. (क) मूसा के द्वारा यहोवा परमेश्वर ने इस्राएल के सभी माता-पिताओं को अपने बच्चों को कौन-सी सबसे ज़रूरी बात सिखाने के लिए कहा? (ख) आज इसके लिए क्या करना होगा?
४ फैमिली स्टडी करते समय अगर आपके मन में कुछ उद्देश्य हों, तो इससे पूरे परिवार को बेहद फायदा होगा। ऐसे कुछ उद्देश्यों पर ध्यान दीजिए।
५ हर स्टडी में यहोवा परमेश्वर के लिए प्रेम बढ़ाने की कोशिश कीजिए। इस्राएल की जाति वादा किए हुए देश में जाने से पहले मोआब की तराई में इकट्ठा हुई थी। उस वक्त मूसा ने उनका ध्यान उस बात पर खींचा जिसे बाद में यीशु ने ‘व्यवस्था की सबसे बड़ी आज्ञा’ कहा। यह सबसे ज़रूरी आज्ञा कौन-सी थी? “तू अपने परमेश्वर यहोवा से अपने सारे मन, और सारे जीव, और सारी शक्ति के साथ प्रेम रखना।” (मत्ती २२:३६, ३७; व्यवस्थाविवरण ६:५) मूसा ने इस्राएलियों से कहा कि वे इसे न सिर्फ अपने मन में बिठाएँ बल्कि अपने बच्चों को भी इसके बारे में सिखाएँ। इसके लिए ज़रूरी था कि वे इसे बार-बार दोहराएँ, यहोवा से प्रेम करने के कारणों पर ध्यान दें, ऐसी मनोवृत्ति और चालचलन से दूर रहें जो यहोवा के लिए उनका प्यार घटा सकती है, और अपनी ज़िंदगी में यहोवा के लिए प्यार का इज़हार भी करें। क्या हमारे बच्चों को भी इसी तरह सिखाए जाने की ज़रूरत है? बेशक है! और बच्चों को “अपने हृदय का खतना” करने की, यानी ऐसी किसी भी रुकावट को अपने दिल से निकालने की ज़रूरत है जो उन्हें परमेश्वर से प्रेम करने से रोक सकती है। (व्यवस्थाविवरण १०:१२, १६; यिर्मयाह ४:४) ऐसी कुछ रुकावटें हैं इस दुनिया की चीज़ों का मोह और उसके कामों में लग जाने का मोह। (१ यूहन्ना २:१५, १६) सो, यहोवा के लिए हमारे दिल में जो प्यार है वह बस कहने के लिए नहीं होना चाहिए बल्कि उसे हमें दिखाना चाहिए और उस प्यार कि वज़ह से हमें ऐसे काम करने चाहिए जिनसे हमारे स्वर्गीय पिता को खुशी होती है। (१ यूहन्ना ५:३) अगर आप चाहते हैं कि आपकी फैमिली स्टडी से आपके परिवार को आगे जाकर भी फायदा हो, तो हर स्टडी को इस तरह से कीजिए ताकि यहोवा के लिए आपका प्यार और भी मज़बूत हो।
६. (क) सही ज्ञान देने के लिए किस बात की ज़रूरत होती है? (ख) शास्त्रवचनों में सही ज्ञान लेने की ज़रूरत के बारे में क्या बताया गया है?
६ परमेश्वर की माँगों का सही-सही ज्ञान दीजिए। यह कैसे दिया जा सकता है? सही-सही ज्ञान देने के लिए सिर्फ पत्रिका या पुस्तक से जवाब पढ़ना ही काफी नहीं है। इसके लिए अकसर चर्चा करने की ज़रूरत होती है ताकि मुख्य शब्दों और सिद्धांतों को ठीक-ठीक समझा जाए। ऐसा सही-सही ज्ञान देना बहुत ज़रूरी है ताकि हम नया व्यक्तित्व धारण करें, मुसीबतों से लड़ते वक्त भी ज़्यादा ज़रूरी बातों से अपना ध्यान न हटने दें, और इस तरह परमेश्वर को खुश करनेवाले काम करें।—फिलिप्पियों १:९-११; कुलुस्सियों १:९, १०; ३:१०.
७. (क) कौन-से सवाल पूछने से परिवार को सीखी हुई बात को अपनी ज़िंदगी में लागू करने में मदद मिलेगी? (ख) शास्त्रवचनों में इसके महत्त्व के बारे में क्या बताया गया है?
७ उन्हें सीखी हुई बातों को ज़िंदगी में लागू करने में मदद कीजिए। इसी उद्देश्य को मन में रखते हुए, हर फैमिली स्टडी के दौरान पूछिए: ‘इस विषय का हमारी ज़िंदगी पर क्या असर होना चाहिए? क्या इसे ध्यान में रखते हुए अब हमें अपने में कोई बदलाव करने पड़ेंगे? हमें ये बदलाव क्यों करने होंगे?’ (नीतिवचन २:१०-१५; ९:१०; यशायाह ४८:१७, १८) सीखी हुई बातों को अपनी ज़िंदगी में किस तरह लागू किया जाना चाहिए, अगर इस ओर काफी ध्यान दिया जाए तो इससे परिवार के लोगों को आध्यात्मिक रूप से प्रगति करने में बहुत मदद मिलेगी।
सीखाने के लिए दिए गए साधनों का बुद्धिमानी से इस्तेमाल कीजिए
८. दास वर्ग ने बाइबल स्टडी के लिए क्या-क्या दिया है?
८ “विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास” ने स्टडी के लिए हमें कई साधन दिए हैं। बाइबल को समझने में मदद करने के लिए प्रहरीदुर्ग पत्रिका अब १३१ भाषाओं में है। बाइबल स्टडी के लिए किताबें १५३ भाषाओं में हैं, ब्रोशर २८४ भाषाओं में, कैसॆट ६१ भाषाओं में, विडियो कैसॆट ४१ भाषाओं में, और बाइबल पर रिसर्च करने के लिए ९ भाषाओं में कंप्यूटर प्रोग्राम हैं!—मत्ती २४:४५-४७.
९. इस पैराग्राफ में जिन वचनों का ज़िक्र किया गया है उनमें दी गयी सलाह को हम अपने परिवार में प्रहरीदुर्ग की स्टडी करते समय कैसे लागू कर सकते हैं?
९ कई परिवार अपनी फैमिली स्टडी में प्रहरीदुर्ग की तैयारी करते हैं। और इससे कितना फायदा होता है! दुनिया भर में बसे हुए यहोवा के लोगों को मज़बूत करने के लिए प्रहरीदुर्ग में ठोस आध्यात्मिक भोजन दिया जाता है। सो, जब आप अपने परिवार के साथ प्रहरीदुर्ग की स्टडी करते हैं, तो सिर्फ पैराग्राफ पढ़कर उसके सवाल-जवाब ही मत कीजिए। बल्कि अंदरूनी समझ की तलाश में रहिए। उन वचनों को देखने के लिए समय निकालिए जिनका, लेख में सिर्फ ज़िक्र किया गया है। परिवार के सभी लोगों से इस बारे में अपनी राय बताने के लिए कहिए कि इन वचनों का पैराग्राफ से क्या ताल्लुक है। इस तरह उस पैराग्राफ को अपने दिल में उतारिए।—नीतिवचन ४:७, २३; प्रेरितों १७:११.
१०. बच्चों को स्टडी में शामिल करने और उसे मज़ेदार बनाने के लिए क्या किया जा सकता है?
१० अगर परिवार में बच्चे हैं, तो आप क्या कर सकते हैं ताकि आपकी स्टडी परिवार का बस एक नियम न हो इसके बजाय ऐसी हो जिससे सब मज़बूत हों, जो दिलचस्प हो और जिससे सभी को खुशी हो? परिवार के हर सदस्य को सही ढंग से स्टडी में शामिल कीजिए ताकि सभी का ध्यान स्टडी में लगा रहे। अगर हो सके, तो हर बच्चे को उसकी बाइबल और मैगज़ीन दीजिए। और जिस तरह यीशु ने बच्चों के लिए अपना प्यार दिखाते हुए उन्हें अपने पास बिठाया, उसी तरह माता-पिता भी अपने नन्हें बच्चे को अपने पास बिठाकर उसे अपनी बाहों में ले सकते हैं। (मरकुस १०:१३-१६ से तुलना कीजिए।) और घर का मुखिया एक नन्हें बच्चे को मैगज़ीन से कोई तसवीर समझाने के लिए कह सकता है। छोटे बच्चे को पहले से ही कहा जा सकता है कि वह कोई वचन पढ़ने की तैयारी करे। बड़े बच्चे से कहा जा सकता है कि वह पहले से ही सोचकर रखे कि स्टडी किए जा रहे विषय को हमारी रोज़ की ज़िंदगी में कैसे लागू किया जा सकता है।
११. स्टडी के लिए और कौन-सी चीज़ें दी गई हैं और अगर आपके पास ये चीज़ें हैं तो पूरे परिवार के फायदे के लिए इनका फैमिली स्टडी में कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है?
११ हालाँकि आप अपनी फैमिली स्टडी में प्रहरीदुर्ग का इस्तेमाल करते हों, लेकिन अपनी भाषा में स्टडी के लिए जो दूसरी किताबें हैं, उनका भी इस्तेमाल कीजिए। अगर बाइबल में किसी घटना से संबंधित जानकारी पानी है या किसी शब्द का मतलब समझना है, तो शायद इंसाइट ऑन द स्क्रिप्चर्स से वह जानकारी मिल सकती है। संस्था ने जो वॉच टावर पब्लिकेशन्स इंडॆक्स दिया है या कंप्यूटर रिसर्च के लिए प्रोग्राम दिया है, उनसे कई सवालों का जवाब ढूँढ़ा जा सकता है। अगर आपके पास ये चीज़ें हैं, तो इनका इस्तेमाल करना सीखने से आपको फैमिली स्टडी करने में बहुत ही मदद मिलेगी। बच्चों की दिलचस्पी जगाने के लिए आप अपनी फैमिली स्टडी का कुछ समय अलग निकालकर संस्था का कोई विडियो देख सकते हैं या कैसॆट पर कोई नाटक सुन सकते हैं और उस पर चर्चा कर सकते हैं। सो, स्टडी में इन साधनों का इस्तेमाल करने से न सिर्फ आपकी फैमिली स्टडी दिलचस्प होगी, बल्कि इससे पूरे परिवार की मदद भी होगी।
अपने परिवार की ज़रूरतों के मुताबिक स्टडी कीजिए
१२. परिवार की गंभीर समस्याओं से या ज़रूरतों से फैमिली बाइबल स्टडी में कैसे निपटा जा सकता है?
१२ हालाँकि आपका परिवार हर हफ्ते फैमिली स्टडी में प्रहरीदुर्ग के अध्ययन लेखों की तैयारी करता हो, लेकिन उसमें परिवार की दूसरी ज़रूरतों को शामिल करने के लिए भी चौकन्ने रहिए। जैसे माँ नौकरी नहीं करती तो वह हर रोज़ बच्चों के स्कूल से घर आने पर उनके साथ समय बिता सकती है और पूछ सकती है कि उनका दिन कैसा रहा। अगर उन्हें कोई छोटी-मोटी समस्याएँ हैं तो वह उसी वक्त उन्हें निपटा सकती है। दूसरी कुछ ऐसी समस्याएँ होंगी जिन्हें और ज़्यादा ध्यान और समय की ज़रूरत होगी जिनसे बाद में फैमिली स्टडी में निपटा जा सकता है। अगर परिवार में कोई गंभीर समस्या खड़ी हो जाए या ज़रूरत आन पड़े, तो उन्हें नज़रअंदाज़ मत कीजिए। (नीतिवचन २७:१२) ऐसी समस्या शायद स्कूल में आयी हो, या कहीं और। उसे सुलझाने के लिए सही विषय चुनिए, और पूरे परिवार को पहले से ही बता दीजिए कि किस बात पर चर्चा की जाएगी।
१३. कई परिवारों में शायद इस बारे में चर्चा करना क्यों ज़रूरी हो कि गरीबी का सामना कैसे किया जाए?
१३ मिसाल के तौर पर, आज लगभग पूरी दुनिया गरीबी के शिकंजे में है। सो कई परिवारों में शायद इस बारे में चर्चा करना ज़रूरी हो कि कम पैसों में भी कैसे गुज़ारा किया जाए। इसलिए, क्या अपनी फैमिली स्टडी में अपने परिवार के हालात की और ऐसे बाइबल सिद्धांतों की चर्चा करना फायदेमंद होगा जो आपके परिवार में लागू हो सकते हैं?—नीतिवचन २१:५; सभोपदेशक ९:११; इब्रानियों १३:५, ६, १८.
१४. किन कारणों से मारा-मारी, युद्ध, और मसीही चालचलन के बारे में परिवार में यहोवा के नज़रिए पर चर्चा करनी ज़रूरी हो?
१४ हिंसा एक और विषय है जिस पर चर्चा की जानी चाहिए। यह सबसे ज़रूरी है कि हम अपने दिलो-दिमाग में अच्छी तरह बिठा लें कि हिंसा के बारे में यहोवा का नज़रिया क्या है। (उत्पत्ति ६:१३; भजन ११:५) हम इसके बारे में अपनी फैमिली स्टडी में खुलकर चर्चा कर सकते हैं कि हम स्कूल में धौंस जमानेवाले बच्चों से कैसे निपटें, या हमें जूडो-कराटे क्यों नहीं सीखना चाहिए, या सही मनोरंजन कैसे चुनें। आज लड़ाई-झगड़े बहुत ही आम बात हो गयी है। लगभग हर देश में गृह-युद्ध चल रहा है, राजनैतिक या जातीय हिंसा चल रही है या गैंग वार हो रहे हैं। इनकी वज़ह से शायद आपके परिवार को इस विषय पर चर्चा करने की ज़रूरत हो कि किसी भी पार्टी का पक्ष लिए बिना किस तरह हम मसीही चालचलन बनाए रख सकते हैं।—यशायाह २:२-४; यूहन्ना १७:१६.
१५. बच्चों को सॆक्स और शादी-ब्याह के बारे में जानकारी कैसे दी जानी चाहिए?
१५ जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, उन्हें अपनी उम्र के मुताबिक सॆक्स और शादी-ब्याह के बारे में जानकारी की ज़रूरत होती है। कुछ संस्कृतियों में माता-पिता अपने बच्चों के साथ सॆक्स के बारे में कभी-भी बात नहीं करते। लेकिन अगर माता-पिता बच्चों को इसके बारे में न बताएँ, तो वे दूसरे लड़के-लड़कियों से कुछ उल्टा-सीधा ज़रूर सीखेंगे। और इसके बहुत ही भयंकर परिणाम हो सकते हैं। सो, क्या यह ज़्यादा अच्छा नहीं होगा कि वे यहोवा की मिसाल पर चलें, जिसने इस मामले में भी बाइबल में सीधे-सीधे और अच्छे ढंग से सलाह दी है? जब हम अपने बच्चों को इसके बारे में परमेश्वर का नज़रिया बताएँगे तो इससे उनका स्वाभिमान भी बना रहेगा और वे दूसरे लड़कों से या लड़कियों से आदर के साथ पेश आएँगे। (नीतिवचन ५:१८-२०; कुलुस्सियों ३:५; १ थिस्सलुनीकियों ४:३-८) अगर आपने पहले ही इन बातों पर चर्चा की है, तो फिर से चर्चा करने से मत हिचकिचाइए। जैसे-जैसे हालात नए मोड़ लेते हैं, वैसे-वैसे उन्हें दोहराना फायदेमंद साबित हो सकता है।
१६. (क) कई परिवार अपनी फैमिली स्टडी कब करते हैं? (ख) लगातार फैमिली स्टडी करते रहने में आपके सामने जो रुकावटें आयीं हैं, उन्हें आपने कैसे पार किया है?
१६ फैमिली स्टडी कब की जा सकती है? कई परिवार, दुनिया भर में बॆथॆल परिवारों की तरह हर सोमवार शाम को फैमिली स्टडी करते हैं। दूसरे परिवार किसी और वक्त पर करते हैं। अर्जॆंटिना में एक परिवार है जिसमें ११ लोग हैं। उस परिवार में ९ बच्चे हैं। वह पूरा परिवार अपनी फैमिली स्टडी के लिए सुबह ५ बजे उठता है, क्योंकि परिवार के हर सदस्य के काम का वक्त अलग-अलग है, सो कोई और समय नहीं मिल रहा था। हालाँकि परिवार के सदस्यों के लिए इतनी जल्दी उठकर फैमिली स्टडी करना इतना आसान नहीं था, लेकिन इससे उन सभी बच्चों के दिलो-दिमाग में फैमिली स्टडी का महत्त्व अच्छी तरह बैठ गया। फिलिपींस में एक प्राचीन अपनी पत्नी के साथ और तीन बच्चों के साथ उनके वयस्क हो जाने तक लगातार फैमिली स्टडी करता था। और हफ्ते के दौरान माता-पिता अपने हर बच्चे के साथ बैठकर पर्सनल स्टडी भी करते थे ताकि वे सच्चाई को अपने दिल में बिठा लें। अमरीका में एक बहन है जिसका पति सच्चाई में नहीं है। वह हर सुबह अपने बच्चों को स्कूल बस तक छोड़ने जाती है। वहाँ बस का इंतज़ार करते समय वे साथ मिलकर दस मिनट तक बाइबल के किसी विषय पर कोई पुस्तक पढ़ते हैं और उस पर चर्चा करते हैं। इसके बाद माँ अपने बच्चों के साथ एक छोटी प्रार्थना करती है और फिर बच्चे स्कूल बस में चले जाते हैं। कांगो के लोकतांत्रिक गणराज्य में एक बहन है जिसका पति विश्वासी नहीं है और उसने उसे छोड़ दिया है। इस बहन को ज़्यादा पढ़ना-लिखना नहीं आता, इसलिए उसे स्टडी करने में बहुत दिक्कत होती है। उसका बड़ा बेटा हर हफ्ते अपने परिवार से मिलने आता है और अपनी माँ और छोटे भाई के साथ बैठकर फैमिली स्टडी करता है। यह बहन भी स्टडी के लिए बहुत ही मेहनत से तैयारी करती है और अपने परिवार के लिए अच्छी मिसाल रखती है। क्या आपके परिवार में ऐसी कोई समस्या है जिससे आपको फैमिली स्टडी लगातार करने में बहुत दिक्कत होती है? अगर हाँ, तो हार मत मानिए। अपनी कोशिशों पर यहोवा की आशीष माँगिए ताकि आप लगातार बाइबल स्टडी कर सकें।—मरकुस ११:२३, २४.
लगन से मिलनेवाली आशीषें
१७. (क) लगातार फैमिली स्टडी करते रहने के लिए किन चीज़ों की ज़रूरत है? (ख) कौन-सा अनुभव दिखाता है कि यहोवा का मार्ग सिखाने के लिए लगातार फैमिली स्टडी करना बहुत ही महत्त्वपूर्ण है?
१७ लगातार फैमिली स्टडी करते रहने के लिए अच्छी योजना की ज़रूरत होती है। और लगन की भी ज़रूरत होती है। तब आपको अपनी फैमिली स्टडी से बेहद फायदा भी होगा। (नीतिवचन २२:६; ३ यूहन्ना ४) जर्मनी के फ्रांज और हिल्डा ने ११ बच्चों के एक परिवार की परवरिश की। कई साल बाद उनकी बेटी माग्दालीना ने कहा: “आज यह बात मुझे बहुत ही महत्त्वपूर्ण लगती है कि उस समय हमारा एक भी ऐसा दिन नहीं गुज़रा जब हमें बाइबल से कोई-न-कोई बात सीखने को न मिली हो।” जब अडॉल्फ हिट्लर के समय में राष्ट्रवाद सर चढ़कर बोल रहा था, तब माग्दालीना के पिता को एहसास हो चुका था कि उन सब पर परीक्षाएँ आनेवाली हैं। इसीलिए उन्होंने बाइबल का इस्तेमाल करते हुए अपने परिवार को उन परीक्षाओं के लिए मज़बूत किया। कुछ समय बाद परिवार के छोटे बच्चों को गिरफ्तार कर लिया गया और सुधार-घर में भेज दिया गया। परिवार के दूसरे लोगों को भी गिरफ्तार करके कैद कर लिया गया और यातना शिविरों में डाल दिया गया। कुछ लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। लेकिन, उनका विश्वास अटल रहा, सिर्फ भयंकर सताहट के समय ही नहीं, बल्कि सताहट खत्म होने के सालों बाद भी।
१८. ऐसे माता या पिता की कोशिशों पर जिनके साथी नहीं हैं, यहोवा ने कैसे आशीष दी है?
१८ ऐसे कई माता या पिताओं ने, जिनके साथी नहीं हैं या जिनके साथी सच्चाई में नहीं हैं, अपने बच्चों को हमेशा बाइबल से शिक्षा दी है। भारत की एक विधवा को ही लीजिए। उसने अपने दो बच्चों के दिल में यहोवा के लिए प्यार बिठाने के लिए कड़ी मेहनत की। लेकिन, कल्पना कीजिए कि उस विधवा बहन के दिल पर क्या गुज़री जब उसके बेटे ने यहोवा के साक्षियों के साथ मिलना-जुलना छोड़ दिया। उसने यहोवा से माफी की भीख माँगी कि अगर उसके बेटे को सिखाने में उसने कहीं कोई कसर छोड़ दी हो तो यहोवा उसे माफ कर दे। लेकिन बेटे ने जो कुछ सीखा था, उसे वह अपने दिल से निकाल नहीं पाया था। १०-१२ साल के बाद उसका बेटा सच्चाई की राह पर लौट आया, उसने अच्छी प्रगति की, और कलीसिया का एक प्राचीन बना। अब उसका बेटा और उसकी बहू, दोनों ही पूर्ण समय के पायनियर हैं। सो, यह अनुभव दिखाता है कि ऐसे माता या पिता कितने एहसानमंद हैं जिन्होंने यहोवा की और उसके संगठन की सलाह को दिल से माना है कि परिवार को लगातार बाइबल से सिखाते रहें! क्या आप भी इस सलाह को लागू कर रहे हैं?
क्या आप समझा सकते हैं?
◻ लगातार फैमिली स्टडी करते रहना क्यों ज़रूरी है?
◻ हर फैमिली स्टडी के दौरान हमारे क्या लक्ष्य होने चाहिए?
◻ सिखाने के लिए संस्था ने हमें क्या-क्या दिया है?
◻ स्टडी को परिवार की ज़रूरतों के मुताबिक कैसे किया जा सकता है?
[पेज 15 पर तसवीर]
फैमिली स्टडी करते समय कुछ लक्ष्य रखने से परिवार को बहुत ही फायदा होगा