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हमारी राज-सेवा—2011
km 1/11 पेज 3-6

परिवारों के लिए मदद

1. सब्त के इंतज़ाम से इसराएली परिवारों को कैसे फायदा होता था?

सब्त का इंतज़ाम, यहोवा की तरफ से एक प्यार-भरा इंतज़ाम था, जिससे परिवारों को काफी फायदा हुआ। सब्त के दिन इसराएलियों को अपने रोज़ के काम से आराम मिलता था और उन्हें यहोवा की भलाई और उसके साथ अपने रिश्‍ते पर मनन करने का भी समय मिलता था। माता-पिता इस मौके का फायदा उठाकर अपने बच्चों को यहोवा का कानून सिखा पाते थे। (व्यव. 6:6, 7) सब्त के इंतज़ाम से यहोवा के लोगों को हर हफ्ते परमेश्‍वर के साथ अपने रिश्‍ते पर ध्यान देने का मौका मिलता था।

2. सब्त का इंतज़ाम हमें यहोवा के बारे में क्या सिखाता है?

2 यह सच है कि अब यहोवा, परिवारों से यह नहीं कहता कि वे सब्त का दिन मनाएँ। लेकिन वह नियम हमें हमारे परमेश्‍वर के बारे में कुछ सिखाता है। वह हमेशा से अपने सेवकों की आध्यात्मिकता में दिलचस्पी लेता आया है। (यशा. 48:17, 18) आज यहोवा पारिवारिक उपासना की शाम के इंतज़ाम के ज़रिए हममें प्यार-भरी दिलचस्पी दिखाता है।

3. पारिवारिक उपासना की शाम का क्या मकसद है?

3 पारिवारिक उपासना की शाम का क्या मकसद है? जनवरी 2009 से मंडली पुस्तक अध्ययन उसी दिन होने लगा जिस दिन परमेश्‍वर की सेवा स्कूल और सेवा सभा होती है। यह फेरबदल करने की एक वजह थी कि परिवार हर हफ्ते पारिवारिक उपासना के लिए एक शाम अलग रखें ताकि वे परमेश्‍वर के साथ अपने रिश्‍ते को मज़बूत कर सकें। सभी परिवारों को बढ़ावा दिया गया था कि अगर हो सके तो वे पारिवारिक अध्ययन उस शाम करें जिस शाम वे पहले पुस्तक अध्ययन के लिए जाते थे। और बिना किसी जल्दबाज़ी के बाइबल पर चर्चा करें और परिवार की ज़रूरतों के हिसाब से अध्ययन करें।

4. क्या परिवारों को सिर्फ एक घंटे के लिए बाइबल पर चर्चा करनी चाहिए? समझाइए।

4 मंडली पुस्तक अध्ययन में हाज़िर होने के लिए तैयार होने, सफर करने, वगैरह में हमारा वक्‍त चला जाता था। इस सभा में हाज़िर होने के लिए हममें से कई लोगों की पूरी शाम चली जाती थी। सभाओं में हुए फेरबदल की वजह से अब हम इस शाम एक परिवार के तौर पर यहोवा की उपासना कर सकते हैं। इसलिए हमारी पारिवारिक उपासना सिर्फ एक घंटे की नहीं होनी चाहिए। इसके बजाय हमें अपने परिवार की ज़रूरतों और सीमाओं को ध्यान में रखना चाहिए और उसके मुताबिक वक्‍त तय करना चाहिए।

5. क्या पारिवारिक उपासना की पूरी शाम साथ मिलकर चर्चा करने में बितानी चाहिए? समझाइए।

5 क्या पूरा समय साथ मिलकर चर्चा करने में बिताना चाहिए? जब परिवार साथ मिलकर बाइबल के विषयों पर चर्चा करता है, तो सभी सदस्य एक-दूसरे का हौसला बढ़ा पाते हैं। (रोमि. 1:12) परिवार के सदस्य एक-दूसरे के करीब आ पाते हैं। इसलिए पारिवारिक उपासना की शाम का मुख्य हिस्सा, बाइबल विषयों पर चर्चा होनी चाहिए। फिर भी, परिवार का हर सदस्य अपने निजी बाइबल अध्ययन में कुछ वक्‍त बिता सकता है। मिसाल के लिए, साथ मिलकर चर्चा करने के बाद, परिवार के सदस्य चाहें तो वहीं अलग-अलग बैठकर अपना अध्ययन कर सकते हैं, जैसे वे सभा की तैयारी कर सकते हैं या हमारी पत्रिकाएँ पढ़ सकते हैं। कुछ परिवार, पारिवारिक उपासना की पूरी शाम टी.वी. नहीं चलाते।

6. चर्चा को किस तरह चलाया जा सकता है?

6 चर्चा कैसे चलायी जा सकती है? ज़रूरी नहीं कि चर्चा हमेशा सवाल-जवाब के रूप में की जाए। पारिवारिक उपासना की शाम को मज़ेदार और दिलचस्प बनाने के लिए बहुत-से परिवार इसे हफ्ते के बीच होनेवाली सभा की तरह ही बनाते हैं। वे चर्चा को अलग-अलग हिस्सों में बाँट देते हैं और उन्हें अलग-अलग तरीके से चलाते हैं। उदाहरण के लिए, शायद वे साथ मिलकर बाइबल पढ़ें, सभा का कोई भाग तैयार करें और प्रचार में किस विषय पर बात करेंगे इसकी तैयारी करें। पेज 6 पर कुछ सुझाव दिए गए हैं।

7. माता-पिताओं को पारिवारिक उपासना के दौरान कैसा माहौल बनाना चाहिए?

7 पारिवारिक उपासना के दौरान माता-पिता को कैसा माहौल बनाना चाहिए? आपका परिवार तब और ज़्यादा सीखेगा अगर माहौल प्यार-भरा और आरामदायक हो। अगर मौसम सुहावना हो तो कभी-कभार बाहर बैठकर भी अध्ययन किया जा सकता है। ज़रूरत के मुताबिक बीच-बीच में ब्रेक लेते रहिए। कुछ परिवार कार्यक्रम के बाद चाय-नाश्‍ते का इंतज़ाम करते हैं। पारिवारिक उपासना की शाम का इस्तेमाल बच्चों को डाँटने या अनुशासन देने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन माता-पिता चाहें तो उनकी नज़र में आयी किसी खास बात या परेशानी पर गौर करने के लिए कुछ समय निकाल सकते हैं। फिर भी, अच्छा होगा कि निजी या नाज़ुक मामलों पर बच्चे के साथ अकेले में हफ्ते के किसी दूसरे दिन बात की जाए, ताकि उसे अपने भाई-बहनों के सामने शर्मिंदा न होना पड़े। पारिवारिक उपासना की शाम का माहौल रूखा या गंभीर नहीं होना चाहिए, बल्कि इसमें हमारे आनंदित परमेश्‍वर की झलक मिलनी चाहिए।—1 तीमु. 1:11.

8, 9. परिवार के मुखियाओं को क्या तैयारी करने की ज़रूरत है?

8 परिवार का मुखिया तैयारी कैसे कर सकता है? अगर परिवार का मुखिया हर पारिवारिक उपासना की शाम के लिए पहले से तैयारी करे, जैसे यह तय करे कि किस विषय पर और कैसे चर्चा की जानी चाहिए, तो परिवार में सभी को ज़्यादा फायदा होगा। (नीति. 21:5) अच्छा होगा अगर पति इस बारे में अपनी पत्नी से सलाह ले। (नीति. 15:22) परिवार के मुखियाओ, क्यों न इस बारे में आप कभी-कभार अपने बच्चों से भी पूछ लें? अगर आप ऐसा करेंगे, तो आपको अपने बच्चों की पसंद-नापसंद और चिंताओं के बारे में समझने का मौका मिलेगा।

9 परिवार के मुखिया को हर हफ्ते तैयारी करने के लिए बहुत ज़्यादा वक्‍त निकालने की ज़रूरत नहीं होगी। शायद परिवार वही तरीके हर बार अपनाना पसंद करे, जैसे बाइबल पढ़ाई करना। तब परिवार के मुखिया को हर हफ्ते नया कार्यक्रम बनाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। शायद उसे हर अध्ययन खत्म होने के तुरंत बाद अगले हफ्ते के कार्यक्रम के लिए तैयारी करना फायदेमंद लगे, क्योंकि उस वक्‍त उसके दिमाग में परिवार की आध्यात्मिक ज़रूरतें ताज़ा होती हैं। कुछ परिवार के मुखिया अगले हफ्ते का कार्यक्रम पहले से लिख लेते हैं और उसे ऐसी जगह लगाते हैं जहाँ परिवार आसानी-से देख सके, जैसे फ्रिज पर। इससे परिवार में उत्साह और उत्सुकता की भावना बढ़ती है और अगर ज़रूरत हो तो उन्हें इसके लिए तैयारी करने का भी समय मिल जाता है।

10. जो अकेले रहते हैं, वे पारिवारिक उपासना की शाम का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं?

10 लेकिन तब क्या अगर मैं अकेला हूँ? जो लोग अकेले रहते हैं, वे पारिवारिक उपासना की शाम को निजी अध्ययन कर सकते हैं। एक अच्छे निजी अध्ययन में बाइबल पढ़ाई, सभाओं की तैयारी करना और प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! पत्रिकाएँ पढ़ना शामिल होना चाहिए। कुछ प्रचारक इन साहित्यों के अलावा किसी और किताब से भी अध्ययन करते हैं। कभी-कभी वे चाहें तो किसी दूसरे प्रचारक या परिवार को अपने साथ बाइबल पर हौसला बढ़ानेवाली चर्चा के लिए न्यौता दे सकते हैं।

11, 12. नियमित तौर पर पारिवारिक उपासना करने के कुछ फायदें क्या हैं?

11 नियमित तौर से पारिवारिक उपासना करने के क्या फायदे हैं? जो लोग पूरे तन-मन से सच्ची उपासना में शामिल होते हैं, वे यहोवा के और करीब आते हैं। इसके अलावा, जो परिवार साथ मिलकर उपासना करते हैं, उनके आपसी रिश्‍ते भी मज़बूत होते जाते हैं। एक शादीशुदा जोड़े ने इस इंतज़ाम से मिली आशीषों के बारे में लिखा: “हम पायनियर सेवा करते हैं और हमारे बच्चे नहीं हैं। हम अपनी पारिवारिक उपासना की शाम का इंतज़ार करते हैं। हमें ऐसा लगता है जैसे हम एक-दूसरे के और यहोवा के करीब आते जा रहे हैं। अब हम पारिवारिक उपासना वाले दिन सुबह उठने पर एक-दूसरे से कहते हैं: ‘बताओ आज शाम को क्या खास है? आज पारिवारिक उपासना है!’”

12 पारिवारिक उपासना की शाम का इंतज़ाम व्यस्त परिवारों की भी मदद करता है। एक माँ जो अकेले अपने दो बेटों की परवरिश कर रही है और पायनियर सेवा भी कर रही है, उसने लिखा: “पहले हमारा पारिवारिक अध्ययन कभी-कभार ही हो पाता था, क्योंकि शाम तक मैं बिलकुल थक जाती थी। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं सब कुछ कैसे करूँ। इसलिए मैं आपको पारिवारिक उपासना की शाम का इंतज़ाम करने के लिए धन्यवाद कहना चाहती हूँ। अब हम लोग बिना नागा पारिवारिक उपासना करते हैं और इससे हमें फायदा भी हो रहा है।”

13. आपके परिवार को इस इंतज़ाम से कितना फायदा होगा, यह किस बात पर निर्भर है?

13 सब्त के दिन की तरह पारिवारिक उपासना की शाम, स्वर्ग में रहनेवाले हमारे पिता की ओर से एक तोहफा है जिससे परिवारों को मदद मिल सकती है। (याकू. 1:17) इसराएली परिवार जिस तरह सब्त के दिन का इस्तेमाल करते थे, उससे यह तय होता था कि यहोवा के साथ उनका रिश्‍ता कितना मज़बूत होगा। उसी तरह हम पारिवारिक उपासना की शाम का जैसे इस्तेमाल करेंगे, उससे तय होगा कि हमारे परिवार को कितना फायदा होगा। (2 कुरिं. 9:6; गला. 6:7, 8; कुलु. 3:23, 24) इस इंतज़ाम का अच्छा इस्तेमाल करने से आपका परिवार भजनहार की तरह यह कह पाएगा: “परन्तु परमेश्‍वर के समीप रहना, यही मेरे लिये भला है; मैं ने प्रभु यहोवा को अपना शरणस्थान माना है।”—भज. 73:28.

[पेज 5 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]

पारिवारिक उपासना की शाम का माहौल रूखा या गंभीर नहीं होना चाहिए, बल्कि इसमें हमारे आनंदित परमेश्‍वर की झलक मिलनी चाहिए

[पेज 6 पर बक्स]

सँभालकर रखिए

पारिवारिक उपासना की शाम के लिए कुछ सुझाव

बाइबल:

• साथ मिलकर हफ्ते की बाइबल पढ़ाई का थोड़ा भाग पढ़िए। बाइबल के कुछ वाकये ऐसे होते हैं जिनमें एक सदस्य कहानी सुनानेवाला का भाग पढ़ सकता है और दूसरे उस वाकये के अलग-अलग किरदारों के भाग पढ़ सकते हैं।

• हफ्ते की बाइबल पढ़ाई का एक भाग नाटक की तरह खेलिए।

• परिवार के हर सदस्य को बाइबल के वे अध्याय पहले से पढ़ने के लिए और उस भाग पर उठे एक या दो सवालों को लिखने के लिए कहिए। उसके बाद मिलकर सभी के सवालों पर खोजबीन कीजिए।

• हर हफ्ते एक नया फ्लैश कार्ड बनाइए (गत्ते का एक टुकड़ा, जिसमें एक तरफ बाइबल का वचन लिखा हो और दूसरी तरफ बाइबल की आयत) और उसे याद करने और समझाने की कोशिश कीजिए। इन फ्लैश कार्ड को जमा कर लीजिए और हर हफ्ते इनमें लिखे वचनों पर दोबारा गौर कीजिए और देखिए कि आपको कितने वचन याद हैं।

• बाइबल की ऑडियो रिकॉर्डिंग सुनिए और साथ-साथ बाइबल से भी वह भाग पढ़ते जाइए।

सभा:

• साथ मिलकर सभा के कुछ भाग तैयार कीजिए।

• उस हफ्ते के शेड्‌यूल में दिए राज गीत का अभ्यास कीजिए।

• अगर किसी का परमेश्‍वर की सेवा स्कूल में भाषण या सेवा सभा में प्रदर्शन है, तो उसे कैसे पेश करें इस बारे में चर्चा कीजिए या परिवार के सामने उसका अभ्यास कीजिए।

परिवार की ज़रूरतें:

• युवाओं के प्रश्‍न या महान शिक्षक से सीखिए किताबों में दी जानकारी पर गौर कीजिए।

• स्कूल में जो परेशानी खड़ी हो सकती है, उसका सामना कैसे किया जाए, इसका अभ्यास कीजिए।

• रिहर्सल के दौरान माता-पिता और बच्चे एक-दूसरे की भूमिका निभा सकते हैं। बच्चों को किसी विषय पर खोजबीन करने और फिर आपको दलील देकर समझाने के लिए कहिए।

प्रचार सेवा:

• शनिवार और रविवार को प्रचार में आप लोगों से क्या बात करेंगे और कौन-सा साहित्य पेश करेंगे, इसका अभ्यास कीजिए।

• चर्चा कीजिए कि क्या परिवार, स्मारक के आगे-पीछे के महीनों या छुट्टियों के दौरान प्रचार में और ज़्यादा हिस्सा लेने के लिए अपने हालात के मुताबिक कोई लक्ष्य रख सकता है।

• प्रचार में कभी-कभी लोग कुछ अलग तरह के सवाल पूछ सकते हैं। इसलिए अपने परिवार के हर सदस्य को ऐसे किसी सवाल पर खोजबीन करने के लिए थोड़ा वक्‍त दीजिए और फिर उसका अभ्यास कीजिए।

कुछ और सुझाव:

• हाल की पत्रिकाओं में दिए किसी लेख को साथ मिलकर पढ़िए।

• परिवार के हर सदस्य से कहिए कि वह हाल की पत्रिकाओं में से अपनी पसंद के किसी लेख को पहले से पढ़े और पारिवारिक उपासना की शाम को उसकी एक रिपोर्ट बनाकर सबके सामने पेश करे।

• बीच-बीच में किसी प्रचारक या शादीशुदा जोड़े को अपनी पारिवारिक उपासना में शामिल होने का न्यौता दीजिए और अगर चाहें तो उनका इंटरव्यू लीजिए।

• हमारे किसी विडियो को देखिए और उस पर चर्चा कीजिए।

• सजग होइए! से “नौजवान पूछते हैं” लेख पर चर्चा कीजिए।

• प्रहरीदुर्ग से “अपने बच्चों को सिखाइए” लेख पर साथ मिलकर चर्चा कीजिए।

• हमारे पत्रिकाओं में छपे अनुभव या पिछले ज़िला अधिवेशन में रिलीज़ हुए किसी साहित्य का एक भाग पढ़िए और उस पर चर्चा कीजिए।

• अधिवेशन या सम्मेलन में हाज़िर होने के बाद, उसमें बतायी खास बातों को दोहराइए।

• बाहर निकलकर यहोवा की सृष्टि निहारिए और चर्चा कीजिए कि वह हमें यहोवा के बारे में क्या सिखाती है।

• साथ मिलकर कोई नमूना, नक्शा या चार्ट बनाइए।

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