सुसमाचार की भेंट—बाइबल अध्ययनों के द्वारा
१ भारत में इस बीते सेवा वर्ष में, हर महीने ६,२०० से अधिक बाइबल अध्ययन चलाए गये। शायद इस देश में ८,७८४ प्रकाशकों में से आधे ने इस आनन्दित कार्य में हिस्सा लिया। परन्तु यदि लगभग आधे प्रकाशकों ने इस कार्य में हिस्सा लिया, इसका अर्थ हैं कि अन्य आधे ने इसमें हिस्सा नहीं लिया। किसी दूसरे को सच्चाई सिखाने से जो खास सन्तोष मिलता है उसे हम में से अधिक लोग कैसे प्राप्त कर सकते हैं?
२ क्योंकि हम परमेश्वर और पड़ोसी से प्रेम रखते हैं, हम दूसरों के साथ सत्य को बाँटने चाहते हैं। परन्तु हमारी सेवा में हमें यहोवा की ओर से सहायता की आवश्यकता हैं। (१ कुरि. ३:६, ७) अतः क्या यह अच्छा नहीं होगा कि हम प्रार्थना द्वारा यहोवा के निकट पहुंचे और उनसे बिनती करें कि वे हमें एक गृह बाइबल अध्ययन आरम्भ करने में सहायता दे? (१ यूहन्ना ५:१४, १५) फिर हमें अपनी बिनती के साथ सामंजस्य में काम करना हैं और जहाँ तक हमारी परिस्थितियाँ अनुमति दे उस पूर्ण सीमा तक क्षेत्र सेवा में हिस्सा लेना हैं, जब कभी अवसर सामने आए तब बाइबल अध्ययन प्रस्तुत करते हुए।
कई अवसर
३ पिछले कुछ वर्षों के दौरान हमने क्षेत्र में लोगों के साथ लाखों पुस्तकें, पुस्तिकाएं और ब्रोश्यरों दिये हैं। जो यहोवा के गवाह नहीं हैं ऐसे हज़ारों लोगों के घरों में लीव फॉरेवर, ट्रू पींस, और ट्रूथ सहित अन्य पुस्तकें पाये जा सकते हैं। नये बाइबल अध्ययनों आरम्भ करने के लिए यह अवसरों का एक बड़ा क्षेत्र प्रदर्शित करता है।
४ जब एक गृहस्वामी हमसे कहता है कि वे हमारे कार्य से परिचित है या उनके पास पहेले से ही हमारा साहित्य है, तब उनसे हमे कहना चाहिये कि हम कितने आनन्दित हैं। (रीसनींग पृष्ठ २० देखें) यदि उनके पास एक प्रकाशन हैं, हम नम्रता से सुझाव दे सकते हैं कि वे उसे ले आए और हमें मौका दे कि हम उनके और उनके परिवार के लिए लाभदायक हो ऐसे कुछ दिलचस्प पहलुओं उनको दिखाएं। यदि प्रतिक्रिया सकारात्मक हैं, हम एक बाइबल अध्ययन प्रस्तुत कर सकते हैं।
५ ऐसे करने की विविध रीति यह होती कि हम पहेला कदम उठायें और पूछे कि क्या गृहस्वामी के पास हमारा साहित्य हैं। यह शायद उस क्षेत्र में खास प्रभावशाली होगा जहाँ हमने बहुत साहित्य दिया हो। मैत्रीभाव से आरम्भ करने के बाद, हम कह सकते हैं कि क्योंकि हम बार-बार भेंट करते हैं, उनके पड़ोसियों के पास हमारा कुछ साहित्य हैं। प्रकाशित सूचना से लोगों को लाभ प्राप्त करते हुए देखने में हमें दिलचस्पी हैं। फिर हम गृहस्वामी से पूछ सकते हैं कि क्या उनके पास हमारा कुछ साहित्य हैं। यदि हैं, तो हम नम्रता से पूछ सकते हैं कि क्या हम उसे देख सकते हैं और फिर हम उनको दिखा सकते हैं कि हम उसका अध्ययन कैसे करते हैं। एक संक्षिप्त प्रदर्शन का परिणाम एक बाइबल अध्ययन हो सकता है। यदि उनके पास हमारा साहित्य नहीं है, हम वर्तमान भेंट प्रस्तुत कर सकते हैं, या सीधे रूप से उन से पूछ सकते हैं कि क्या उनका परिवार एक मुफ्त बाइबल अध्ययन चाहेगा।
विवेक का उपयोग करें
६ क्योंकि लोग व्यस्त होते हैं, यह बुद्धिशाली होगा कि हम विवेक का उपयोग करें और अधिक समय नहीं बैठे रहे। हो सकता हैं कि पहेले कुछ अध्ययनों को १५ मिनट तक सीमित रखा जाए। यदि गृहस्वामी जानता हैं कि उनका अधिक समय नहीं लिया जाएगा, शायद वे हमसे नियमित भेंट प्राप्त करने के लिए तैयार होगा। एक बार अध्ययन स्थापित हो जाता है और गृहस्वामी की दिलचस्पी विकसित हो जाती है, अध्ययन के लिए अधिक समय खर्च किया जा सकता है। खैर, कुछेक तो आरम्भ से ही अधिक अवधि के लिए अध्ययन करने चाहेंगे।
७ क्षेत्र में भेड़-समान लोग हैं जिन्हें हमारी सहायता की आवश्यकता हैं, और उन में से अनेक के पास हमारा साहित्य हैं। नीःसन्देह, कुछेक पृथ्वी पर आज किए जा रहे घृणित कामों के कारण सांसे भरते और दुःख के मारे चिल्ला रहे हैं। (यहेज. ९:४) मनुष्यों के दुःखों का इलाज करनेवाला राज्य के बारे में मात्र साहित्य बाँटना ही नहीं परन्तु बाइबल अध्ययनों के द्वारा इमानदार-हृदय के लोगों तक सत्य के साथ पहुँचना भी हमारा आशीर्वाद हैं।—मत्ती २८:१९, २०.