सुसमाचार की भेंट—लोगों से बातचीत करने के द्वारा
एक शब्दकोश के अनुसार वार्तालाप “भावनाओं, टिप्पणियों, मतों, या विचारों का एक ज़बानी विनिमय” है। लेकिन आप बाइबल के आधार पर एक वार्तालाप कैसे शुरु करेंगे जब आप ऐसे लोगों से मिलते हैं जो धार्मिक रूप से प्रतिकूल हैं या उनके अपने कार्यों में ही व्यस्त हैं? सुननेवालों को शामिल करने के लिए यीशु ने प्रश्न पूछे।—यूहन्ना ४:९-१५, ४१, ४२.
२ सच्चे दिलवालों को पाने और उनके साथ बात करने के लिए मार्ग खोलने में हमारी मदद के लिए हमें परमेश्वर से गम्भीरतापूर्वक प्रार्थना करनी चाहिए। गवाही देना और आसान बन जाता है जब हम प्रत्येक गृहस्वामी को यहोवा का एक संभाव्य सेवक के रूप में देखते हैं। यह मनोभाव हमें सच्चाई को एक स्नेही निष्कपट रूप से व्यक्त करने में मदद देगी जो रूचि रखेनवालों को आकर्षित करेगा।
हमारे पास जो है उसका उपयोग करें
३ रीज़निंग पुस्तक पृष्ठ ९-१५ उत्कृष्ट प्रस्तावनाएँ प्रस्तुत करती हैं। इनमें से अधिकांश प्रश्नों का अच्छा उपयोग करती है। जब गृहस्वामी एक प्रश्न की ओर प्रतिक्रिया दिखाता है आदारपूर्ण सुनें और ऐसे दंग से जवाब दें जो गृहस्वामी को दिखाएगा कि हम उसकी बात की क़दर करते हैं।—कुलु. ४:६.
४ यह सच है कि, जब आप एक प्रश्न पूछते हैं, आप यह नहीं जानते कि गृहस्वामी कैसे जवाब देगा। अपनी चर्चा को उसके अनुसार समायोजित करने के लिए तैयार रहें। उसकी रुचियों से सम्बन्धित बाइबल से अधिक जानकारी प्रस्तुत करते हुए और अधिक विचारपूर्ण प्रश्न पूछने के द्वारा वार्तालाप को जारी रखने की कोशिश करें।
पहले से तैयारी करें
५ आपके क्षेत्र के लोगों के आम चिन्तन से आप परिचित हो चुके होंगे। अगर ऐसा है, रीज़निंग पुस्तक से ऐसी प्रस्तावनाएँ चुने जो आपके क्षेत्र में सब से अधिक प्रभावकारी होगा। इन प्रस्तावनाओं में से एक को चालू वार्तालाप के विषय के अनुरूप बनाना ही आपको आवश्यक होगा। आपके वार्तालाप को उन बातों से आरम्भ करें जो आप जानते हैं कि गृहस्वामी की चिन्ता का विषय है, संक्षीप्त रूप से समस्या प्रस्तुत करें, और फिर बाइबल के समाधान की ओर ले जाएँ। जब वह विचार प्रकट करता है, उसने जो बात कही उस पर आलोचनात्मक रूप से नहीं बल्कि सकारात्मक रूप से टीका करें। उसके विचारों और भावनाओं में आपकी रुचि उसे आपके साथ वार्तालाप जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। अनुरूप मुद्दों को पाने की काशिश करें और इन पर टीका करें। राज्य आशिषों को, मनुष्य की समस्याओं के लिए बाइबल का हल के रूप में ज़ोर देने के द्वारा वार्तालाप को सकारात्मक रखें।
६ असमान दृष्टिकोंणों को वार्तालाप जारी रखने की कुँजी के रूप में समझे। अगर गृहस्वामी तर्क करने के लिए तैयार है, आप पूछ सकते हैं, “क्या आप ने कभी इस दृष्टि से इस पर विचार किया है?” और फिर परमेश्वर का वचन इस विषय पर क्या कहता है, सूचित करें। अगर आप पाते हैं कि वह व्यक्ति असंतुलित हैं तो उस पर आपकी बात मानने के लिए ज़ोर न दें। बल्कि एक मैत्रिपूर्ण टीका के साथ वार्तालाप समाप्त करें, जो उसे सुसाचार देने का एक भावी अवसर के लिए रास्ता खुला रखता है।—नीति. १२:८, १८.
७ जब आप अनौपचारिक रूप से मिलते हैं तब कुछ लोग बातचीत करने के लिए कुछ लोग अधिक प्रवत्त होते हैं। सड़क में मिलनेवालों या उनके अपने प्रांगण में कार्य करनेवाले या आराम करनेवालों से वार्तालाप शुरु करने के लिए न हिचकिचाएं। उनके कार्य में आपकी वास्तविक रूचि का वे स्वागत कर सकते हैं, और आप वार्तालाप को बाइबल प्रतिज्ञा पर चर्चा की ओर ले जा सकते हैं कि जल्द ही पृथ्वी परादीस बन जाएगी। जब आप वार्तालाप शुरु करते हैं, उसे गृहस्वामी के लिए एक सुखद अनुभव बनाने की कोशिश करें। जिस हद तक आपको सम्भव हो, उस व्यक्ति को परमेश्वर, उसके वचन, और उसके सेवकों की ओर एक अधिक स्वीकारात्मक मनोवृत्ति के साथ छोड़ दें। इस तरह, चाहे आप उसके दिल तक पहुँचने में पहली भेंट में ही सफल न हो, अगली बार जब एक गवाह भेंट करेगा वह और अधिक ग्रहणशील बन सकता है।