सुसमाचार की भेंट—गृह बाइबल अध्ययन का प्रस्ताव रखते हुए
सितम्बर १९९१ की हमारी राज्य सेवा के इंसर्ट में हमें मसीह के शिष्य बनाने की प्रक्रिया में हमारी बीज बोने और सींचने की ज़िम्मेदारी के बारे में याद दिलाया गया था। इस में हमें दिखाया गया कि हमें राज्य संदेश के प्रति अनुकूल प्रतिक्रिया दिखानेवालों के वास्ते प्रेम भाव से बाइबल अध्ययन संचालित करने के लिए प्रेरित होना चाहिए। गृह बाइबल अध्ययन का प्रस्ताव रखने से हम हमारे शिष्य बनाने के नियतकार्य को पूरा कर सकेंगे।—मत्ती २८:१९, २०.
२ यह देखना एक अच्छी बात है कि हम में से अनेकों ने दिए गए उत्तम प्रोत्साहन को अमल में लाना शुरू कर दिया है। रिपोर्टों के अनुसार कई ज़्यादा बाइबल अध्ययन संचालित किए जा रहे हैं। १९९१ में भारत में रिपोर्ट किए गए बाइबल अध्ययनों की संख्या १९९० के सेवा वर्ष से १७ प्रतिशत ज़्यादा थी। बेशक वे लोग जिन्होंने पहली बार अध्ययन संचालित करना शुरू कर दिया है, वे शिष्य-बनाने के काम में जो हिस्सा ले रहे हैं, उसकी वजह से हर्ष मना रहे हैं। लेकिन हमारी सेवकाई के इस लाभप्रद पहलू में अधिकाधिक लोग किस तरह हिस्सा ले सकते हैं?
३ महीने की साहित्य-भेंट का प्रयोग करें: नए बाइबल अध्ययनों को शुरू करने के लिए दिसम्बर ख़ास तौर से एक उचित महीना है। हम न्यू वर्ल्ड ट्रांस्लेशन ऑफ द होली स्क्रिप्चर्स और किताब द बाइबल—गॉडस् वर्ड ऑर मॅन्स्? पेश करेंगे। गृहस्थ की दिलचस्पी जगाने का एक अच्छा तरीक़ा रीज़निंग पुस्तक में दिए गए सुझावों को इस्तेमाल करना है।
४ रीज़निंग पुस्तक के पृष्ठ १० पर सुझाए गए प्रस्तावनाओं को इस्तेमाल करके हम बाइबल को विशेष रूप से पेश कर सकते हैं। बाइबल की ओर ध्यानाकर्षित करने के लिए पाँच अलग-अलग तरीक़े दिए गए हैं। लोगों को ज़िन्दगी के सवालों पर बाइबल के जवाब खोजने के लिए प्रोत्साहन करने से शायद बाइबल अध्ययन करने का मार्ग खुल जाए।
५ रीज़निंग पुस्तक के पृष्ठ १२ पर, “गृह बाइबल अध्ययन,’ इस उप-शीर्षक के नीचे, ऐसे दो सुझाव हैं जो गॉडस् वर्ड पुस्तक की ओर ध्यान आकर्षित करने में उपयोगी होंगे। दोनों में इस किताब को एक क्रमबद्ध रूप से अभ्यास करने के लिए प्रोत्साहन दिया गया है। अगर आप बाइबल अध्ययन शुरू करने में एक सीधा प्रस्ताव इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आप अक्तूबर १९९१ की हमारी राज्य सेवा में दिए गए बढ़िया सुझावों पर अमल कर सकते हैं।
६ यहोवा पर भरोसा रखें: बाइबल अध्ययन कार्य में सफ़ल होने के लिए, हमें याद रखना चाहिए कि गृह बाइबल अध्ययनों को पेश करने में सफ़लता सिर्फ़ यहोवा की मदद से ही पायी जा सकती है। लोगों की मदद करने की हमारी कोशिशों में वह एक अहम भूमिका अदा करते हैं। (१ कुरि. ३:६) इसीलिए, हमें न सिर्फ़ ऐसे किसी व्यक्ति को ढूँढ़ निकालने के बारे में, जिसके साथ अध्ययन किया जा सके, प्रार्थना करनी चाहिए, लेकिन हम ने जिन दिलचस्पी रखनेवालों को ढूँढ़ निकाला है, उनकी प्रगति के बारे में भी प्रार्थना करनी चाहिए। (यूहन्ना १६:२३) हमें अवश्य याद रखना चाहिए कि हम “परमेश्वर के सहकर्मी” हैं।—१ कुरि. ३:९.