पायनियर कार्य—एक ऐसी सेवा जिससे बहुत सारे प्रतिफल मिलते हैं
यहोवा चाहते हैं कि हम हर्ष मनाएँ और अपने सारे परिश्रम से सुखी रहें। (सभो. ५:१८) वह सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य जिस में हम शामिल हो सकते हैं, राज्य का प्रचार कार्य और शिष्य बनाने का कार्य है। पौलुस ने तीमुथियुस को प्रोत्साहित किया: “सुसमाचार प्रचार का काम कर और अपनी सेवा को पूरा कर।” (२ तीमु. ४:५) उसने तीमुथियुस को प्रोत्साहित किया और पौलुस के शब्दों से आज हम सब को अपनी सेवकाई तन-मन से पूरा करने के लिए प्रोत्साहन मिलता है। कुछ लोगों के लिए, तन-मन से सेवा करने में शायद एक नियमित पायनियर के तौर से सेवा करना सम्मिलित होगा। क्यों ने आप प्रार्थनापूर्वक ग़ौर करें कि क्या आपकी परिस्थितियाँ आपको पूरे-समय की सेवकाई में शुरू होने देंगी?
२ सकारात्मक कार्य आवश्यक है: पायनियर कार्य में शुरू होने के लिए अपनी प्रार्थनाओं के अनुसार निर्णायक क़दम लेना आवश्यक है। लोगों के लिए प्रेम के साथ-साथ, यहोवा की सेवा के लिए एक हार्दिक इच्छा को विकसित करें। क्षेत्र में अपने कार्य को बढ़ाएँ, और पुनःभेंट तथा बाइबल अध्ययनों को भी विकसित करें। एक व्यावहारिक समय-सूची विकसित करने के लिए परिश्रम करें; और यथार्थवादी रहें। प्राचीनों और पायनियरों से सुझाव माँगें। प्रचार कार्य में हिस्सा लेने के लिए एक सुविचारित नित्यचर्या से लगे रहें। आत्मनिग्रह, पहलशक्ति, और कृतसंकल्प ज़रूरी हैं। (१ कुरि. ९:२३, २५, २७) ये उन लोगों द्वारा लिए सकारात्मक क़दमों में शामिल हैं जो हाल के महीनों में भरती हुए हैं।
३ निश्चित लक्ष्यों को निर्धारित करने और उनकी पूर्ति की ओर अध्यवसाय से कार्य करने से हम अपने प्रचार काम में प्रगतिशील हो सकते हैं और साथ ही अपनी क्षमताओं को परिष्कृत कर सकते हैं। क्या हम घर-घर की सेवकाई में अपनी प्रस्तावनाओं को, या उस तरीक़े को सुधार सकते हैं, जिस से हम आपत्तियों से निपटते हैं? क्या हम उपलब्ध साहित्य का पूरा उपयोग करते हैं? क्या हम एक प्रगतिशील बाइबल अध्ययन संचालित कर रहे हैं? क्या हम बाद में नियमित पायनियर कार्य में शुरू होने के विचार से, अभी सहायक पायनियर कार्य में शुरू हो सकते हैं? लक्ष्यों को व्यावहारिक होना चाहिए और उस आधार पर निर्धारित किए जाने चाहिए जो हम पूरा करने के क़ाबिल हैं। ऐसे लक्ष्यों की पूर्ति से हमारी प्रभावकारिता सुधर जाएगी और हमें बहुत ज़्यादा संतोष मिलेगा।—१ तीमु. ४:१५, १६.
४ एक पुरस्कारदायक जीवन-क्रम: एक उचित प्रेरणा से और आत्मिक प्रगति करने की इच्छा से पायनियर कार्य करने के परिणामस्वरूप अनेक फ़ायदे हासिल होते हैं। हम यहोवा पर और भी पक्की निर्भरता विकसित करेंगे। परमेश्वर के वचन को सेवकाई में नियमित रूप से उपयोग करने से उसके प्रयोग करने में ज़्यादा बेहतर कौशल हासिल होता है। मण्डली पर एक हितकर प्रभाव असर करने लगता है, और हमारे उत्साही मिसाल की वजह से शायद दूसरे लोग भी सेवकाई में एक अधिक हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित होंगे। पायनियर कार्य हमें ज़िन्दगी के विषय में एक अधिक आत्मिक नज़रिया पाने की मदद करेगा तथा सांसारिक महत्त्वाकांक्षाओं, अभिलाषाओं, और संगति से हमारी रक्षा करने का काम करेगा।
५ यीशु ने अपने अनुयायियों से कहा: “पक्के खेत तो बहुत हैं पर मज़दूर थोड़े हैं। इसलिए खेत के स्वामी से बिनती करो कि वह अपने खेत काटने के लिए मज़दूर भेज दे।” (मत्ती ९:३७, ३८) मज़दूरों की ज़रूरत यीशु के समय से आज कहीं ज़्यादा है। पायनियर कार्य से हम इस अत्यावश्यक, प्राण-रक्षक कार्य में एक पूरा हिस्सा ले सकते हैं। ऐसा कुछ भी नहीं जो उस तृप्ति और संतोष से मेल खाता है, जो अपनी ज़िन्दगी को हमारे महान् सृहनहार की पूरे-समय की सेवा में इस्तेमाल करने से आता है।—नीति. १०:२२.