क्या आप “सेवा के एक बड़े द्वार” में प्रवेश कर सकते हैं?
1. हमारे लिए ‘सेवा का’ कौन-सा “बड़ा द्वार” खुला है?
जब प्रेरित पौलुस के सामने ‘सेवा का बड़ा द्वार’ खुला, तो उसने जोशो-खरोश के साथ राज्य के काम को बढ़ाने के इस मौके का फायदा उठाया। इसके बावजूद कि उसके बहुत-से विरोधी थे। (1 कुरि. 16:9, NHT) आज, दुनिया-भर में करीब 6,42,000 राज्य प्रचारकों ने (रेग्युलर) पायनियर बनकर सेवा के एक बड़े द्वार में प्रवेश किया है।
2. वक्त-वक्त पर अपने हालात की जाँच करना क्यों अच्छा है?
2 हालात बदलते रहते हैं: हो सकता है कि हमारे मौजूदा हालात की वजह से हम सेवा में ज़्यादा नहीं कर पा रहे हैं। मगर याद रखिए कि हालात बदलते रहते हैं। इसलिए हमें हालात के अच्छे होने का इंतज़ार नहीं करना चाहिए, बल्कि वक्त-वक्त पर खुद के हालात की जाँच करनी चाहिए कि क्या हम पायनियर सेवा कर सकते हैं। (सभो. 11:4) क्या आप एक ऐसे नौजवान हैं जो जल्द ही हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी करनेवाला है? क्या आप एक ऐसी माँ या पिता हैं, जिसके बच्चे जल्द ही स्कूल जाना शुरू करनेवाले हैं? क्या आपका नौकरी से रिटायरमेंट होनेवाला है? इस तरह के बदलावों से शायद आपको और भी खाली समय मिले। अगर हाँ, तो आप इस मौके का फायदा उठाकर पायनियर सेवा कर सकते हैं। एक बहन ने, जिसे पहले सेहत से जुड़ी कई समस्याएँ थीं, 89 साल की उम्र में पायनियर सेवा करने का फैसला किया। क्यों? क्योंकि एक साल से भी ज़्यादा समय हो चुका था और उसे अस्पताल जाने की ज़रूरत नहीं पड़ी। इसलिए उसे लगा कि अब उसकी सेहत अच्छी है और वह पायनियर सेवा कर सकती है।
3. पायनियर बनने के लिए कुछ प्रचारकों ने क्या-क्या फेरबदल किए?
3 दरअसल, पौलुस ने पहले कुरिन्थुस में जाकर वहाँ के भाइयों से मिलने की योजना बनायी थी। मगर सुसमाचार सुनाने की खातिर, उसने अपनी इस योजना में फेरबदल किया। उसी तरह, आज जितने भाई-बहन पायनियर सेवा कर रहे हैं, उनमें से बहुतों को अपनी ज़िंदगी में कई फेरबदल करने पड़े। कुछ ने इस हद तक अपना जीवन सादा किया है कि पार्ट-टाइम की नौकरी की कमाई से ही उनका गुज़ारा हो सके। उन्हें अपनी अनमोल सेवा से बहुत खुशी मिली है। (1 तीमु. 6:6-8) इसके अलावा, कुछ शादीशुदा जोड़ों ने अपने जीने के तरीके में फेरबदल किया है ताकि सिर्फ पति की कमाई से घर चल सके, और इस तरह पत्नी को पायनियर सेवा करने का मौका मिला है।
4. अगर हमें लगता है कि हम पायनियर सेवा के घंटों की माँग को पूरा नहीं कर पाएँगे, तो हम क्या कर सकते हैं?
4 इस डर से कि आप घंटों की माँग को पूरा नहीं कर पाएँगे, पायनियर सेवा करने के खयाल को झट-से दरकिनार मत कर दीजिए। हर दिन आपको सिर्फ दो घंटे से थोड़ा-सा ज़्यादा करने की ज़रूरत है। अगर आपको अभी-भी लगता है कि आप घंटों की माँग को पूरा नहीं कर पाएँगे, तो क्यों ना आप एक-दो महीने 70 घंटे का लक्ष्य रखकर सहयोगी पायनियर सेवा करने की कोशिश करें? इससे आप पायनियर सेवा से मिलनेवाली खुशी का अनुभव कर पाएँगे। (भज. 34:8) उन भाई-बहनों से भी बात कीजिए जो फिलहाल पायनियर सेवा कर रहे हैं। क्या पता, उन्होंने भी उन मुश्किलों को पार किया हो जिनका आप सामना कर रहे हैं। (नीति. 15:22) यही नहीं, आप अपनी सेवा बढ़ाने में जो मेहनत कर रहे हैं, उस पर यहोवा की आशीष माँगिए।—1 यूह. 5:14.
5. पायनियर सेवा क्यों एक फायदेमंद सेवा है?
5 एक फायदेमंद सेवा: पायनियर के तौर पर सेवा करने से ढेरों आशीषें मिलती हैं। इससे आप वह गहरी खुशी पाते हैं जो दूसरों को और भी ज़्यादा देने से मिलती है। (प्रेरि. 20:35, ईज़ी-टू-रीड वर्शन) पायनियर सेवा से, परमेश्वर के सत्य वचन को ठीक रीति से काम में लाने की आपकी काबिलीयत और भी बढ़ जाएगी। (2 तीमु 2:15) इससे आपको यह अनुभव करने के और भी मौके मिलेंगे कि यहोवा कैसे आपकी मदद करता है। (प्रेरि. 11:21; फिलि. 4:11-13) यह सेवा आपको धीरज जैसे आध्यात्मिक गुण पैदा करने में मदद देगी। और इससे आप यहोवा के और भी करीब भी आएँगे। (याकू. 4:8) तो फिर सवाल है, क्या आप सेवा के इस बड़े द्वार में प्रवेश कर सकते हैं और एक पायनियर बन सकते हैं?