बातचीत के उपयुक्त मुद्दों को चुनें
प्रहरीदुर्ग तथा अवेक! को नियमित रूप से पढ़ने के लिए हम लोगों को कैसे प्रोत्साहित कर सकते हैं? जब हम पत्रिकाओं के पक्ष में दूसरों से बोलते हैं तो बात करने के लिए हमारे पास दिलचस्प मुद्दे होने चाहिए। अगर हम अपने क्षेत्र के लोगों के साथ अच्छी तरह से परिचित हो चुकें हैं तथा पत्रिकाओं को पढ़ते समय उन्हें ध्यान में रखते हैं, तो हम बातचीत के लिए ऐसे मुद्दे ढूँढ़ेंगे जो उनकी दिलचस्पी जीत सकें।
२ कुछ क्षेत्रों में लोग शायद एक ही संस्कृति के हों, जिससे आम दिलचस्पी की बात को नोट करना आसान हो जाता है। परन्तु अन्य इलाकों में, हम विभिन्न संस्कृतियों के लोगों को पा सकते हैं। अगर हम कई बातचीत के मुद्दों को मन में रखें, तो हम मिलनेवाले हर व्यक्ति के लिए सबसे उपयुक्त मुद्दा चुन सकते हैं।
३ नयी पत्रिकाओं को पाते ही पुराने अंकों को इतनी जल्दी न फेंके। एक भाई अकसर गृहस्वामी को प्रहरीदुर्ग के तीन या चार अंक दिखाता है तथा जिस अंक को वह पढ़ना चाहे उसे चुनने देता है। अगर हम पाते हैं कि जितना हम वितरण कर सकते हैं उससे अधिक पत्रिकाएं हमें मिल रही हैं, तो हमें अपने ऑर्डर को समायोजित करने के बारे में विचार करना चाहिए।
४ हर समय बातचीत के उपयुक्त मुद्दों को इस्तेमाल करने से, शायद हम दूसरों को हमारी पत्रिकाएं पढ़ने के लिए अभिप्रेरित करें और हो सकता है कि ऐसे लोग जीवन के मार्ग पर चल पड़ें। (मत्ती ७:१४) अगर हम इस महत्त्वपूर्ण विषय पर ध्यानपूर्वक विचार करेंगे, तो हमें यहोवा की आशीष ज़रूर मिलेगी।