पत्रिकाओं के प्रयोग द्वारा दूसरों को लाभ पहुँचाइए
प्रहरीदुर्ग और अवेक! के नवीनतम अंकों को प्राप्त करके हम कितने ख़ुश हैं! उन्हें यथाशीघ्र पढ़ने के अवसरों की हम क़दर करते हैं ताकि हम प्रस्तुत की गई जानकारी से लाभ उठा सकें। हमें व्यक्तिगत रूप से लाभ पहुँचानेवाले विषयों को ढूँढने के अलावा, ऐसे मुद्दों को ढूँढना एक अच्छा विचार होगा जिन्हें दूसरों को पत्रिका प्रस्तुत करने में प्रयोग किया जा सकता है। हम शायद उन भागों पर निशान लगाना चाहेंगे जो ख़ासकर हमारी कलीसिया के क्षेत्र में रहनेवालों के लिए आकर्षक होंगे या ख़ुद को मुद्दों और किस प्रकार लेख को स्थानीय रूप से प्रस्तुत किया जा सकता है याद दिलाने के लिए हम अपनी प्रति के उपांत में नोटस् लिखना चाहेंगे।
२ हमारी पत्रिकाओं की चिरस्थायी उपयोगिता है। यद्यपि हम मुख्यत: सामयिक पत्रिकाओं को प्रस्तुत करने पर ध्यान देते हैं, पुराने अंको को अलग रखने की कोई ज़रूरत नहीं, क्योंकि इन में पाई जानेवाली जानकारी पुरानी नहीं होती। पुराने अंकों को अपने बुक बैग में रखिए ताकि गवाही देते समय वे उपलब्ध हों। ये ख़ासकर तब लाभप्रद होती हैं जब गृहस्वामी की एक ख़ास ज़रूरत पता चलती है। जब एक पुरानी पत्रिका छोड़ी जाती है, तब पत्रिकाओं के लिए जो चंदा हम लेते हैं उसका संक्षिप्त रूप से ज़िक्र करना सही है।