दिसम्बर के दौरान बाइबल अध्ययन आरंभ करना
यीशु ने अपने चेलों को सुसमाचार के शिक्षक होने की आज्ञा दी। (मत्ती २८:१९, २०) हमारा अन्य लोगों को सिखाने का प्राथमिक तरीक़ा है बाइबल अध्ययन संचालित करना। क्या आप इस कार्य में हिस्सा ले रहे हैं? यदि नहीं, तो आप कैसे एक अध्ययन आरंभ कर सकते हैं ताकि आप औरों को सिखाने में और अधिक हिस्सा लेने का आनन्द ले सकें?
२ शायद हमने गृहस्वामी को क्या यह संसार बचेगा? ट्रैक्ट की एक प्रति दी थी और उसके विषय की चर्चा करने के लिए लौटने की प्रतिज्ञा की थी।
जिस गृहस्वामी के पास हमने “क्या यह संसार बचेगा?” ट्रैक्ट छोड़ा था, उससे दुबारा भेंट करते वक़्त हम कह सकते हैं:
▪“जब कुछ दिनों पहले मैं यहाँ आया था, हमने हमारे समय के महत्त्व पर चर्चा की थी और कि यीशु ने हमारे दिनों में मौजूदा परिस्थितियों का सही-सही विवरण दिया था। मैं कुछ मिनट बिताकर, आपके पास छोड़े हुए ट्रैक्ट की जानकारी पर संक्षिप्त रूप में विचार करना चाहूँगा। ध्यान दीजिए कि उपशीर्षक “चिन्ह” के नीचे क्या कहा गया है।” ट्रैक्ट के पृष्ठ ३ को खोलिए, और जैसे समय अनुमति दे उल्लिखित शास्त्रवचनों को पढ़ते हुए उस उपशीर्षक के नीचे दो या तीन अनुच्छेदों को पढ़िए। यीशु की भविष्यवाणी आज कैसे पूरी हो रही है यह विशिष्ट कीजिए। दुबारा लौटकर उस उपशीर्षक के नीचे दिए गए अन्य अनुच्छेदों पर विचार करने का प्रबंध कीजिए। आपके लौटने से पहले विषय को पढ़ने के लिए गृहस्वामी को प्रोत्साहित कीजिए।
३ या आप कुछ ऐसा कह सकते हैं:
▪“पिछली बार जब हमने बात की थी, मैंने आपके पास ट्रैक्ट छोड़ा था जिसका शीर्षक था क्या यह संसार बचेगा? तब हमने संसार के मामलों में यीशु की भूमिका के बारे में बात की थी। हम बाइबल में अभिलिखित उसके शब्द यूहन्ना १७:३ में पढ़ते हैं। [पढ़िए.] यदि हम अनन्त जीवन पाना चाहते हैं तो परमेश्वर और यीशु के बारे में सीखना अत्यावश्यक है, इसलिए ऐसा ज्ञान प्राप्त करने के लिए हम जो कुछ कर सकते हैं करना सार्थक होगा। जब यीशु पृथ्वी पर था, उसने परमेश्वर के कई असाधारण गुणों को प्रतिबिम्बित किया। क्या यह विश्वास करना तर्कसंगत नहीं होगा कि जितना अधिक हम यीशु और उसकी सेवकाई के बारे में जानते हैं, उतना अधिक हम उसके पिता के बारे में जान पाते हैं? [प्रतिक्रिया के लिए रुकिए.] ध्यान दीजिए, यह पुस्तक वह सर्वश्रेष्ठ मनुष्य जो कभी जीवित रहा क्या कहती है।” अध्याय ११६ के दसवें पृष्ठ पर पहला और दूसरा अनुच्छेद पढ़िए। इस बात पर ज़ोर दीजिए कि इस पुस्तक में, यीशु के बारे में सुसमाचार की चार पुस्तकों की सारी जानकारी है और यह घटनाओं के क्रमानुसार विषय को प्रस्तुत करती है। विशिष्ट अध्यायों के शीर्षक, चित्र, और पुस्तक की शुरूआत में दिए गए नक़्शे की ओर ध्यान आकर्षित कीजिए। गृहस्वामी को बताइए कि वह अपने लिए एक प्रति को ४० रुपए के चंदे में प्राप्त कर सकता है और उसे पुस्तक प्रस्तुत कीजिए।
४ जिस गृहस्वामी ने “सर्वश्रेष्ठ मनुष्य” पुस्तक स्वीकार की है उसका अभिवादन करने के बाद, हम कह सकते हैं:
▪“जैसे मैंने अपनी पिछली भेंट में ज़िक्र किया था, सर्वश्रेष्ठ मनुष्य पुस्तक बाइबल अध्ययन के लिए बनायी गई है। मैं संक्षिप्त रूप से यह प्रदर्शित करना चाहूँगा कि कैसे अति प्रभावकारी रूप से इसे उपयोग किया जा सकता है।” पुस्तक में अध्याय १, “स्वर्ग से संदेश” खोलिए। गृहस्वामी का ध्यान छपे हुए सवालों की ओर आकर्षित कीजिए। पहला सवाल पढ़िए, तब शुरूआत के अनुच्छेदों पर विचार कीजिए। दूसरे पृष्ठ पर दिए चित्र को जोड़िए। बचे हुए सवालों की चर्चा कीजिए, और जैसे समय अनुमति दे जवाबों को विशिष्ट कीजिए। भेंट को समाप्त करने से पहले, दुबारा लौटकर वार्तालाप जारी रखने का प्रबंध कीजिए।
५ सकारात्मक अभिवृति बनाए रखने, अच्छी तैयारी करने, और हर अवसर का फ़ायदा उठाने के द्वारा, हम दिसम्बर के दौरान बाइबल अध्ययन आरंभ करने के लिए सु-सज्जित होंगे।