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हमारी राज-सेवा—1993
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कहते रहिए: “आ!”

यहोवा ने यीशु के छुड़ौती बलिदान के ज़रिये एक क्या ही अद्‌भुत प्रबंध किया है! हमें इसमें लोगों को असल में ख़ुश करने के लिए जो कुछ ज़रूरी है उसका आधार मिलता है। (यूहन्‍ना ३:१६) बहरहाल, दुःख की बात यह है कि बहुत कम लोगों ने इस सच्चाई को जानकर उस पर दृढ़ता से यक़ीन किया है। फिर भी, मनुष्यजाति के लिए अपनी स्नेही चिन्ता में, यहोवा ने इस सुसमाचार को हर जगह लोगों को बताने का प्रबन्ध किया है। अपने पुत्र, यीशु मसीह के ज़रिये उसने सभी व्यक्‍तियों को ख़ुशी और अनन्त जीवन की आशा पाने का मौक़ा दिया है।—यूहन्‍ना १७:३.

२ हज़ारों साल के लिए, मनुष्यजाति को पाप और मृत्यु से छुड़ौती देनेवाले व्यक्‍ति की पहचान अज्ञात थी। यह तब तक “भेद” था जब तक मसीह यीशु ने आकर “जीवन और अमरता को उस सुसमाचार के द्वारा प्रकाशमान” नहीं कर दिया। (रोमि. १६:२५; २ तीमु. १:१०) यीशु के अनुयायियों ने पहली सदी में इस सुसमाचार की घोषणा को अपनाया; आधुनिक समयों में जीनेवाले हमको अब उसी सुसमाचार की घोषणा करने का उच्च विशेषाधिकार है। जब हम राज्य संदेश का प्रचार करते हैं, तब हम यहोवा परमेश्‍वर, यीशु मसीह, और मसीह के भाइयों के साथ भाग ले रहे हैं, जो यह कहकर सभी स्तर के लोगों को आमंत्रित करते हैं: “आ . . . जीवन का जल सेंतमेंत ले।”—प्रका. २२:१७.

३ बेशक, सब लोग इस सुसमाचार को नहीं सुनेंगे। बहुत थोड़े लोग ध्यान देते हैं। कुछ लोग तो अशिष्टता से परमेश्‍वर के सेवकों को अस्वीकार करते हैं, जो उन्हें सच्चाई के जीवनदायक जल से लाभ पाने का आमंत्रण देते हैं। फिर भी, यहोवा से मिले बल के साथ, हम इस कार्य में लगे रहते हैं। हम जानते हैं कि सच्चाई बोलने और किसी भी सुननेवाले की मदद करने की हमारी तत्परता यहोवा को प्रसन्‍न करती है और उसकी आशिष लाती है।

४ मार्च के लिए हमारी सेवकाई में, हम सच्चाई के खोजनेवालों को यंग पीपल आस्क (Young People Ask) किताब पढ़ने और उसमें हमारे दिनों में शुद्ध जीवन के लिए दी गई व्यावहारिक सलाह लागू करने, साथ ही उसके अन्तिम अध्यायों में दिए गए भविष्य के लिए आशा सीखने का प्रोत्साहन देंगे। या हम उन्हें सर्वदा जीवित रहना किताब दिखाएँगे और उनके साथ एक नियमित बाइबल अध्ययन संचालित करने का प्रस्ताव रखेंगे। इन प्रस्तावों को स्वीकार करने से वे अनेक आशिष पाएँगे। आख़िरकार, बाइबल भविष्य—उनके और हमारे भविष्य के बारे में काफ़ी कुछ कहती है। अनेक जनों ने, जो अब यहोवा के समर्पित सेवक हैं, सर्वदा जीवित रहना किताब में बाइबल सिद्धांतों की व्याख्या पढ़ने के बाद पहली बार सच्चाई में दिलचस्पी दिखाई। ख़ुद उस किताब का एक विस्तृत अध्ययन करने पर, हम उन सच्चे दिलवालों के लिए इसके महत्त्व की क़दर कर सकते हैं जो सच्चाई के लिए भूखे हैं। जैसे-जैसे हम ऐसे जनों को अपनी सेवकाई में पाएँगे, हम उन्हें सर्वदा जीवित रहना किताब का मूल्य दिखाने के लिए उस में से एक या दो विशिष्टताएँ बताने का प्रयत्न करेंगे। दूसरी बातों के साथ-साथ, हम इस २०वीं सदी में पूरी हुई बाइबल भविष्यवाणियों की उसकी स्पष्ट व्याख्या की तरफ़ संकेत कर सकते हैं, जैसे यीशु द्वारा दी गयी वे भविष्यवाणियाँ जो किताब के अध्याय १८ में समझायी गयी हैं।

५ जैसे-जैसे हम अप्रैल ६ को मसीह की मृत्यु का स्मारक मनाने की तैयारी करते हैं, यह बहुत ही उपयुक्‍त है कि हम मनुष्यजाति के लिए यहोवा के स्नेही प्रबंधों के बारे में बात करें। चाहे लोग सुनने या न सुनने का चुनाव करें, चाहनेवालों को यह उत्साहवर्धक आमंत्रण देने की हमारी परमेश्‍वर-प्रदत्त कार्य-नियुक्‍ति में हम लगे रहते हैं: “आ . . . जीवन का जल सेंतमेंत ले।”

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